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Tag Archives: प्रताप सोमवंशी

‘मुक्तांगन’ में ‘राम’ से शाम तक

वसंत के मौसम के लिहाज से वह एक ठंढा दिन था लेकिन ‘मुक्तांगन’ में बहसों, चर्चाओं, कहानियों, शायरी और सबसे बढ़कर वहां मौजूद लोगों की आत्मीयता ने 29 जनवरी के उस दिन को यादगार बना दिया. सुबह शुरू हुई राम के नाम से और शाम होते होते दो ऐसे शायरों …

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प्रताप सोमवंशी की चार कविताएं

प्रताप सोमवंशी को हम सजग वरिष्ठ पत्रकार के रूप में अच्छी तरह जानते हैं. वे एक संवेदनशील कवि भी हैं. कविता उनके सार्वजनिक के निजी एकांत की तरह हैं. यहाँ प्रस्तुत हैं उनकी चार कविताएं- मॉडरेटर  ============ १- क्या नहीं है इस आंगन में —- चिड़ियों ने जाने कैसे कहां …

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