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Prabhat Ranjan

मार्खेज़-जीवन प्रसंग: मसीजीवी होने का फैसला और पहला उपन्यास

नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक मार्खेज़ के संघर्ष के दिनों के कुछ रोचक और प्रेरक प्रसंगों से हम समय-समय पर आपको रूबरू करवाते रहे हैं. आज आइये उनके पहले उपन्यास ‘लीफ स्टोर्म’ से जुड़े किस्से से रूबरू होते हैं- जानकी पुल. जब 21 साल की उम्र में मार्केज़ ने यह तय …

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ज्ञानपीठ के प्रबंध न्यासी के नाम प्रसिद्ध लेखक गिरिराज किशोर का पत्र

हिंदी के जाने-माने लेखक गिरिराज किशोर ने भारतीय ज्ञानपीठ के प्रबंध न्यासी अखिलेश जैन को एक पत्र लिखा है. जो यहाँ प्रस्तुत है. ध्यान रहे की गिरिराज किशोर और प्रियंवद ने नया ज्ञानोदय प्रकरण में सबसे पहले अपनी किताबें वापस ली थी. आइये ‘पहला गिरमिटिया’ के लेखक का पत्र पढते …

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मशहूर लेखक मार्केज़ के कुछ रोचक जीवन प्रसंग

गाब्रिएल गार्सिया मार्केज़ को विश्व के महानतम जीवित लेखक के रूप में देखा जाता है. उनके जीवन और लेखन को लेकर मैं हिंदी में मैं एक पुस्तक लिख रहा हूँ. यहाँ उसके कुछ रोचक अंश प्रस्तुत हैं जिनका संबंध मार्केज़ के जीवन से है- जानकी पुल. अंधविश्वास और फितूर मार्केज़ …

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कौन है अमेरिका का नया महान लेखक

‘टाइम’ पत्रिका अपने मुखपृष्ठ पर यह घोषणा कर चुकी है कि वह अमेरिका का महान उपन्यासकार है. यह अलग से बताने की कोई आवश्यकता नहीं लगती कि टाइम के कवर पर आना ही कितनी बड़ी बात समझी जाती है, घोषणा तो दूर की बात है. अभी हाल में ही अमेरिका …

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केदारनाथ अग्रवाल की नज़र में कवि पन्त

२०११ जनकवि केदारनाथ अग्रवाल की जन्मशताब्दी का साल है. इस अवसर पर हम समय-समय पर उनकी रचनाएँ देते रहेंगे. प्रस्तुत है उनका यह लेख जो उन्होंने कवि सुमित्रानन्दन पन्त पर लिखा है. पन्त की कविता-व्यक्तित्व का दिलचस्प पाठ- जानकी पुल. प्रभात में, पन्त के पल्लव(पात) देखते ही, साहित्य सृजकों ने …

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मैं तुम्हारी सुराही की टूटी गरदन

मनोज कुमार झा को भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार मिल चुका है. लेकिन उनकी कविताओं की मात्र यही पहचान नहीं है. उनकी कविताओं में एक अन्तर्निहित विषाद है, बासी पड़ती जाती संवेदनाओं की स्मृतियाँ हैं. वे राग के नहीं विराग के कवि हैं. मिथिला की मिटटी और भाषा की छौंक वाले इस …

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सभ्यताओं के संघर्ष का क्लासिक उपन्यास

नाइजीरिया के लेखक चिनुआ अचीबी के मूलतः अंग्रेजी में लिखे गए उपन्यास ‘थिंग्स फाल अपार्ट’ के बारे में कहा जाता है कि उसने अफ्रीका के बारे में पश्चिमी समाज के नजरिये को सिर के बल खड़ा कर दिया. कहा जाता है कि जिस तरह से अफ्रीकी समाज की कथा इस …

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मनोहर श्याम जोशी की एक आरंभिक कहानी

 कहानी  मनोहर श्याम जोशी ने लेखन की शुरुआत कहनियों से की थी. यह उनकी आरंभिक कहानियों में है. कहानी का सन्दर्भ आत्मकथात्मक लगता है. १९५३ में दिल्ली आने के बाद जब वे आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे थे तो नई दिल्ली स्टेशन के पास बैरन रोड पर एक जाफरी …

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तुम मेरे कौन हो कान्हा

आज जन्माष्टमी है. कृष्ण को प्रणय के देवता के रूप में भी देखा जाता है. बरसों पहले धर्मवीर भारती ने राधा-कृष्ण के प्रेम का काव्य लिखा था- कनुप्रिया. प्रेम की ऐन्द्रिकता, तन्मयता की बेहतरीन कविताएँ हैं इसमें. आज कनुप्रिया की एक कविता का रसास्वादन कीजिये.  तुम मेरे कौन हो कनुमैं …

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कोश का फादर

आज फादर कामिल बुल्के का जन्मदिन है. उनका नाम ध्यान आते ही अंग्रेजी-हिंदी कोश का ध्यान आ जाता है. प्रकाशन के करीब ४२ साल बाद भी इस अंग्रेजी-हिन्दी कोश की विश्वसनीयता में कोई कमी नहीं आई है. उन्होंने इसके पहले संस्करण की भूमिका में लिखा था कि उनका उद्देश्य एक …

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