पिछले दिनों वाणी प्रकाशन से एक किताब आई ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’. नीलिमा चौहान की इस किताब ने जैसे हिंदी साहित्य की तथाकथित मर्यादा की परम्परा से होली ही खेल दी, स्त्रीवादी लेखन को उसकी सर्वोच्च ऊंचाई पर ले जाने वाली इस किताब में दो प्रसंग होली से भी जुड़े …
Read More »लेडी मंटो का पतनशील पत्नियों को सलाम
पिछले एक महीने से एक किताब की बड़ी चर्चा है ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’. लेखिका नीलिमा चौहान की यह किताब एक मुश्किल किताब है. मुश्किल इस अर्थ में कि इसका पाठ किस तरह से किया जाए कि कुपाठ न हो जाए. एक मुश्किल विषय पर एक साहसिक किताब है. आज …
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