पूनम दुबे के यात्रा वृत्तांत हम पढ़ते रहे हैं, उनक एक उपन्यास ‘चिड़िया उड़’ प्रकाशित हो चुका है। इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उनका यह लेख पढ़िए- जानकी पुल। =================== तकरीबन आठ महीने हो गए मुझे डेनमार्क शिफ्ट हुए. इन आठ महीनों में मैं स्कॅन्डिनेवियन देशों (नॉर्वे फ़िनलैंड स्वीडन …
Read More »महिला दिवस क्यों कहते हैं ? स्त्री दिवस क्यों नहीं?
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस मौक़े पर युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय का यह लेख पढ़िए- मॉडरेटर ========================= जब मेरा बेटा तीन या चार साल का था, हम अक्सर एक किताब पढ़ा करते थे – सालाना बाल कटाई दिवस। रंग-बिरंगी चित्र-पुस्तक थी और सरल सी कहानी – एक व्यक्ति साल …
Read More »स्त्री और पुरुष सामाजिक ग़ैर बराबरी को ख़त्म कर अपने हक़ों के साथ रह पाएंगे?
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विभावरी का यह लेख कुछ महत्वपूर्ण सवालों को उठाने वाला है- मॉडरेटर ===================================================== ऐसे समय में जब दुनिया में लोकतंत्र की रहनुमाई करने वाली सबसे बड़ी संस्था के बतौर ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ इस वर्ष के ‘महिला दिवस’ को ‘प्लैनेट 50-50 बाय 2030’ कैम्पेन के तहत ‘वूमेन …
Read More »अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और ‘वोटर माता की जय’
हिंदी का दुर्भाग्य है कि स्त्री लेखन के नाम पर महज कविता-कहानियों की चर्चा होती है. किसी नए विषय पर कोई लेखिका कुछ काम करती है तो क्या उसको स्त्री लेखन नहीं माना जाना चाहिए? इटैलियन भाषा की प्राध्यापिका प्रतिष्ठा सिंह की किताब ‘वोटर माता की जय’ की तरफ आज …
Read More »एक हाउस वाइफ का विमेंस डे
सभी को विमेंस डे की शुभकामनाएँ- दिव्या विजय =========================== बे-दम हुए बीमार दवा क्यों नहीं देते तुम अच्छे मसीहा हो शफ़ा क्यों नहीं देते आज न विमेंस डे मनाया जा रहा है. मैंने भी कह दिया पतिदेव से कि आज मेरी छुट्टी है…काम से भी, तुमसे भी, बाकी सबसे भी. …
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