मीरांबाई के जीवन और तत्कालीन समाज पर माधव हाड़ा की किताब पचरंग चोला पहर सखी री का दूसरा संस्करण आया है। इस किताब का पहले अंग्रेज़ी में अनुवाद भी हो चुका है। यह किताब निस्संदेह मीरांबाई को समझने की एक नई दृष्टि देती है। बहरहाल, वाणी प्रकाशन से प्रकाशित किताब …
Read More »इश्क ए हकीकी का सागर: बुल्ले शाह
प्रसिद्ध आलोचक माधव हाड़ा के संपादन में बुल्ले शाह की कविताओं का संचयन प्रकाशित हुआ है। राजपाल एंड संज प्रकाशन से प्रकाशित इस पुस्तक की समीक्षा लिखी है मोहम्मद हुसैन डायर ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ====================== भक्ति आंदोलन ने देश और काल की सीमाएँ तोड़ी थी। यह आंदोलन …
Read More »माधव हाड़ा का लेख ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भारतीय संस्कृति और परंपरा’
प्रसिद्ध आलोचक माधव हाड़ा के आलेखों का संकलन सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है ‘देहरी पर दीपक’। उसी संग्रह से एक लेख पढ़ते हैं- =============================== अभिव्यक्ति मनुष्य अस्तित्व की नैसर्गिक ज़रूरत है। मनुष्य अस्तित्व की संभावनाओं के पल्लवन और संपूर्ण विकास के लिए अभिव्यक्ति की निर्बाध और अकुंठ आज़ादी बहुत …
Read More »मीरां का कैननाइजेशन
मीरां के समय और समाज एकाग्र पुस्तक ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ (2015) का प्रदीप त्रिखा द्वारा अनूदित अंग्रेज़ी संस्करण ‘मीरां वर्सेज़ मीरां’ वाणी बुक कंपनी, नयी दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। यहाँ इस पुस्तक के पाँचवें अध्याय ‘कैननाइजेशन’ का मूल हिन्दी पाठ दिया गया है। विद्वान आलोचक माधव हाड़ा …
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