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Tag Archives: nirmal verma

निर्मल वर्मा की कहानी ‘धूप का एक टुकड़ा’

पिछले दिनों निर्मल वर्मा पर एक बहस में अर्चना वर्मा मैम ने यह बात कही ही कि समकालीन जीवन से सबसे ज्यादा निर्मल वर्मा की कहानियां कनेक्ट करती हैं. इस कहानी को पढ़िए तो पता चलेगा कि अकारण नहीं है कि निर्मल वर्मा आज बहुत प्रासंगिक लेखक लगने लगे हैं- …

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श्रेष्ठ कृतियों की सूची बनाकर उनका बार-बार अध्ययन करना चाहिए

‘वागर्थ’ पत्रिका के मई अंक में एक परिचर्चा प्रकाशित हुई है ‘समकालीन कथा साहित्य और बाजार’  विषय पर. इसमें मैंने भी सवालों के जवाब दिए थे. पत्रिका के सवालों के साथ अपने जवाब प्रस्तुत कर रहा हूँ. उनके लिए जिन्होंने न पढ़ा हो और जो पढना चाहते हों- प्रभात रंजन  …

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‘रेणु’ हिन्दी साहित्य के संंत लेखक थे – निर्मल वर्मा

इस बात में कोई दो राय नहीं कि फणीश्वरनाथ रेणु हिंदी साहित्य के संत लेखक थे। लेकिन जब यही बात निर्मल वर्मा जैसे लेखक की क़लम कहती है तो बात में वजन आ जाता है। निर्मल वर्मा लिखते हैं– “रेणु जी पहले कथाकार थे जिन्होंने भारतीय उपन्यास की जातीय सम्भावनाओं …

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