कल सत्यानंद निरुपम जी ने राधाकृष्ण की कहानी ‘वरदान का फेर’ की याद दिलाई। राधाकृष्ण को लोग भूल गए हैं लेकिन कभी प्रेमचंद ने उनकी प्रशंसा की थी और युवा शोधकर्ता संजय कृष्ण ने लिखा है कि प्रेमचंद के निधन के बाद ‘हंस’ का काम देखने के लिए शिवरानी देवी …
Read More »