Home / Featured / माइक्रोसोफ्ट के सीईओ की किताब ‘हिट रिफ्रेश’ का एक अंश

माइक्रोसोफ्ट के सीईओ की किताब ‘हिट रिफ्रेश’ का एक अंश

पिछले साल एक ऐसी किताब का अनुवाद किया जिससे बहुत कुछ सीखा. वह किताब है माइक्रोसोफ्ट कंपनी के भारतीय सीईओ सत्य नडेला की ‘हिट रिफ्रेश’. हार्पर कॉलिंस से प्रकाशित यह किताब यह बताती है कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इन्तेलिजेन्स, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स आदि तकनीकों के माध्यम से आने वाले चार-पांच सालों में मनुष्य का जीवन इस हद तक बदल जायेगा जिसकी दस साल पहले तक लोगों ने कल्पना भी नहीं की होगी. भाषा के स्तर पर भी इस किताब का अनुवाद चुनौती रही कि किस तरह से तकनीक की भाषा को हिंदी एक आम पाठकों के लिए सहज बनाया जा सके. उसी किताब का एक अंश- प्रभात रंजन

=================================

मुझे शुरू से शुरू करने दीजिए – मेरी अपनी कहानी। मेरा मतलब है, किस प्रकार का सी.ई.ओ. इस तरह का अस्तित्व से जुड़ा सवाल पूछता है कि, मैं इस जगह पर हूँ ही क्यों? संस्कृति, विचार और संवेदना जैसे विचार मेरे लिए इतने मायने क्यों रखते हैं? अच्छा, मेरे पिता एक सिविल सेवक थे और जिनका झुकाव मार्क्सवाद की तरफ था और मेरी माँ संस्कृत की एक विदुषी थी। हालाँकि मैंने अपने पिता से बहुत कुछ सीखा, बौद्धिक उत्सुकता तथा इतिहास के प्रति प्रेम, लेकिन मैं हमेशा माँ का बेटा ही रहा। वह मेरी खुशी, मेरे आत्मविश्वास और मैं बिना किसी अफसोस के जीवन जीता रहूँ इसकी वह बेहद शिद्दत के साथ परवाह करती थी। वह घर में और अपनी कॉलेज की कक्षाओं में बेहद मेहनत करती थीं, जहां वह प्राचीन भाषा, साहित्य और भारत का दर्शन पढ़ाती थीं और उन्होने खुशी से भरे एक घर का निर्माण किया।

इसीलिए मेरी शुरुआती यादें माँ से जुड़ी हुई हैं। वह जिस तरह से अपने पेशे में बने रहने और अपने विवाह को पटरी पर बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही थीं वह मेरी जिंदगी की निरंतर और स्थिर ताकत रही हैं, और मेरे पिता विराट छवि वाले थे। वे अपने समय में करीब करीब अमरीका जा चुके थे, बहुत दूर एक ऐसी जगह जहां अवसर थे, उनको अर्थशास्त्र में पीएचडी करने के लिए फुलब्राइट स्कालरशिप मिली थी। लेकिन ये सारी योजनाएँ अचानक धरी की धरी रह गईं जब उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हो गया। वह 1960 के दशक के आरंभिक वर्षों की बात है जब जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। गांधी के ऐतिहासिक आंदोलन के बाद जिसके कारण भारत को ग्रेट ब्रिटेन से आजादी हासिल हुई तब उनको यह पद हासिल हुआ था। उस दशक में सिविल सेवा का हिस्सा बनना तथा नए देश के जन्म में हिस्सा लेना एक सच्चे सपने का सच हो जाना था। आईएएस की सेवा पुरानी राज व्यवस्था की निशानी थी। 1947 में अंग्रेजों के जाने के बाद शासन के लिए इसका उपयोग किया जाता था। प्रत्येक वर्ष केवल सौ युवा पेशेवरों का चुनाव भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए होता था और इसलिए मेरे पिता बेहद कम उम्र में एक जिले का प्रशासन चलाते थे जहां की आबादी लाखों में थी। मेरे पूरे बचपन के दौरान उनकी पोस्टिंग भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के अलग-अलग जिलों में हुई। मुझे एक जगह से दूसरी जगह जाना याद है, 1960 एवं 1970 के दशक के आरंभिक वर्षों में मैं पुराने औपनिवेशिक बंगलों में बड़ा हुआ, जहाँ मेरे पास बहुत सारा समय और स्थान होता था, और वह एक ऐसा देश था जो रूपांतरित हो रहा था, बदल रहा था।

मेरी माँ ने पूरी कोशिश से इन सारी बाधाओं के बीच अपना अध्यापन पेशा बनाए रखा, मुझे पालती रहीं और एक प्यारी पत्नी बनी रहीं। जब मैं करीब छः साल का था तो मेरी पांच महीने की बहन का देहांत हो गया। इसका मेरे परिवार के ऊपर बहुत प्रभाव पड़ा। उसके बाद माँ को काम करना छोड़ देना पड़ा। मुझे लगता है कि मेरी बहन की मृत्यु अंतिम तिनका थी। उसको खोने के बाद, जब मेरे पिता दूर दूर जगहों पर काम पर होते थे साथ में मुझे पालना और अपने पेशे को बनाए रखने के लिए काम करते रहना उनके लिए बहुत अधिक था। उन्होंने इसके बारे में मुझसे कभी शिकायत नहीं की, लेकिन मैं उनकी कहानी के बारे में कई बार सोचता हूँ, खासकर आजकल तकनीकी जगत में विविधता को लेकर जिस तरह की चर्चा चल रही है उसके सन्दर्भ में। किसी की भी तरह वह यह चाहती थीं, और यह सब पाने की हकदार थी। लेकिन उसके कामकाज के जगह की जैसी संस्कृति थी, उस समय भारतीय समाज की जिस तरह की मान्यताएं थीं, इस वजह से वह इसको संभव नहीं कर पाई कि अपने पारिवारिक जीवन तथा पेशेवर जुनून के बीच संतुलन बनाए रख सकें।

आईएएस पिता के बच्चों के बीच एक तरह की चूहा दौड़ रहती थी। कुछ आईएएस पिताओं के लिए उस बेहद पकाऊ प्रवेश परीक्षा को पास करने का मतलब होता था कि उनकी जिंदगी जैसे बन-संवर गई हो। वह उनकी अंतिम परीक्षा होती थी। लेकिन मेरे पापा का यह मानना था कि आईएएस की परीक्षा पास करने का मतलब यही होता था कि कुछ अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं में हिस्सा लेने की योग्यता मिल जाती थी। वे जिंदगी भर सीखने वाले इंसान के सबसे अच्छे उदाहरण थे। लेकिन उस समय मेरे अधिकतर दोस्तों के पिताओं से एकदम अलग थे, जिनके बेहद उपलब्धि हासिल करने वाले माँ पिताओं का उनके ऊपर हासिल करने का बेहद दबाव रहता था, मुझे इस तरह के किसी दबाव का सामना नहीं करना पड़ा। मेरी माँ शेर की माँ के बिलकुल विपरीत थीं। उन्होंने इस बात के अलावा मेरे ऊपर किसी बात का दबाव नहीं डाला कि मैं खुश रहूँ।

यह मेरे लिए एकदम सही था। जब मैंने बच्चा था तो मैंने किसी भी चीज की अधिक परवाह नहीं की सिवाय क्रिकेट के खेल के। एक समय था जब मेरे पिता अपने बेडरूम में कार्लमार्क्स का पोस्टर लगाते थे; जिसके जवाब में मेरी माँ लक्ष्मी का पोस्टर लगाती थी, जो सुख समृद्धि की भारतीय देवी हैं। उनके सन्देश एक दूसरे के विपरीत थे लेकिन स्पष्ट थे – मेरे पिता चाहते थे कि मैं बौद्धिक बनूँ जबकि मेरी माँ चाहती थी कि मैं खुश रहूँ न कि किसी विचार का गुलाम बन जाऊं। मेरी प्रतिक्रिया? मैं सचमुच में एक ही पोस्टर लगाना चाहता था मेरे बेहद प्रिय क्रिकेट खिलाड़ी, हैदराबादी, महान एम. एल. जयसिम्हा की जो अपने मासूम रूप तथा शालीन शैली के कारण मैदान के अंदर और बाहर प्रसिद्ध थे।

पीछे मुड़कर देखता हूँ तो पाता हूँ कि मैं दोनों से प्रभावित हुआ। मेरे पिता का यह उत्साह कि मैं बौद्धिक कार्य करूँ और मेरी माँ का यह सपना कि मेरा जीवन संतुलित हो। और यहाँ तक कि आज भी क्रिकेट मेरा जुनून बना हुआ है। भारत से अधिक क्रिकेट को लेकर जुनून कहीं नहीं है, जबकि इस खेल का आविष्कार इंग्लैंड में हुआ था। मैं हैदराबाद में अपने स्कूल के लिए क्रिकेट खेलता था और अच्छा खेलता था, हैदराबाद वह जगह था जहाँ क्रिकेट खेलने की पुरानी परम्परा थी और उसके लिए उत्साह भी था। मैं ऑफ स्पिन बॉलर था जो बेस बॉल के खेल में पिचर जैसा होता है, जो तेज घुमाव वाले गेंद फेंकता है। दुनिया भर में क्रिकेट के ढाई अरब फैन हैं जबकि बेस बॉल के फैन्स की संख्या मुश्किल से पचास करोड़ है। दोनों बहुत सुन्दर खेल हैं और दोनों के फैन्स बेहद जुनूनी और इसकी गरिमा उत्साह तथा मुकाबले की जटिलताओं को लेकर काफी साहित्य लिखा गया है। जोसेफ ओ नील ने अपने उपन्यास नीदरलैंड में इस खेल की सुन्दरता का वर्णन किया है जिसमें ग्यारह खिलाड़ी एक साथ बैट्समैन की तरफ बढ़ रहे होते हैं और फिर बार बार अपनी जगह पर लौट आते हैं, “एक दोहराव या सांस लेते फेफड़ों की धुन, मानो वह मैदान अपने खास आगंतुकों के माध्यम से सांस ले रहा हो।” जब मैं सी. ई. ओ. के रूप में यह सोचता हूँ कि सफल होने के लिए हमें किस प्रकार की संस्कृति की आवश्यकता है तो मैं क्रिकेट टीम के इस रूपक के बारे में सोचता हूँ।

मैंने भारत के कई हिस्सों में स्कूल की पढाई की – श्रीकाकुलम, तिरुपति, मसूरी, दिल्ली और हैदराबाद। सबकी मेरे ऊपर छाप पड़ी और वह मेरे साथ बनी रही। उदाहरण के लिए मसूरी जो हिमालय की घाटी में अवस्थित एक उत्तर भारतीय शहर है जो करीब छह हज़ार फीट की उंचाई पर स्थित है। मैं जब भी बेलव्यू में अपने घर से रेने पहाड़ को देखता हूँ तो मुझे हमेशा अपने बचपन के पहाड़ याद आते हैं – नंदादेवी और बन्दरपूँछ। मैंने आरंभिक शिक्षा जीसस और मेरी कॉन्वेंट में पूरी की। यह भारत में लड़कियों का सबसे पुराना स्कूल है लेकिन वहां छोटी कक्षाओं में लड़के पढ़ सकते हैं। पंद्रह साल की उम्र में आते आते हमने अलग अलग शहरों में जाना बंद कर दिया और मैं हैदराबाद पब्लिक स्कूल में पढने लगा, जहाँ देश भर के विद्यार्थी पढ़ते थे। मैं अलग अलग जाने–रहने का शुक्रगुजार हूँ क्योंकि उनकी वजह से मुझे नई अवस्था के अनुकूल खुद को ढालने में मदद मिली – लेकिन हैदराबाद जाना मेरे लिए सचमुच रूपाकार देने वाला रहा। 1970 के दशक में हैदराबाद आज की तरह महानगर नहीं था जहाँ अडसठ लाख लोग रहते थे। मैं सच में अरब सागर में मुम्बई से पश्चिम के दुनिया के बारे में ना तो जानता था ना ही मुझे उसकी परवाह थी, लेकिन हैदराबाद पब्लिक स्कूल के बोर्डिंग स्कूल में पढना, मेरे जीवन की सबसे बड़ी घटना थी।

हैदराबाद पब्लिक स्कूल में मेरे हाउस का नाम नालंदा था या जिसे नीले रंग का हाउस भी कहते थे, उसका नाम प्राचीन बौद्ध विश्विद्यालय के नाम पर रखा गया था। सम्पूर्ण स्कूल बहुसांस्कृतिक था – मुस्लिम, हिन्दू, सिख, ईसाई सभी साथ साथ रहते और पढ़ते थे। उस स्कूल में संभ्रांत परिवारों के बच्चों के अलावा आदिवासी बच्चे भी पढ़ते थे जो राज्य के अंदरूनी जिलों से स्कालरशिप पर वहां पढने के लिए आते थे। हैदराबाद पब्लिक स्कूल में मुख्यमंत्री का बेटा भी पढता था और बॉलीवुड के फ़िल्मी सितारों के बच्चे भी। मैं जिस डौरमैट्री में रहता था उसमें भारत की आर्थिक अवस्था के सभी आर्थिक स्थितियों वाले परिवारों के बच्चे रहते थे। वह बहुत शानदार ढंग से समानता की भावना पैदा करने वाली ताकत थी – समय का वह पल याद रखने लायक है।

उसके पूर्व विद्यार्थियों की सूची इसकी सफलता के बारे में बयान करती है। शांतनु नारायण, सी ई ओ अडोबे; अजय सिंग बंगा, सी ई ओ मास्टर कार्ड; सैयद बी अली के वी एम् नेटवर्क्स के प्रमुख; प्रेम वत्स, टोरंटो में फेअर फैक्स फाइनेंसियल होल्डिंग के संस्थापक; संसद सदस्य, एथलीट, शिक्षाविद, और लेखक – सभी उस छोटे अलग तरह के स्कूल से निकलकर आये। मैं पढने में बहुत अच्छा नहीं था और न ही उस स्कूल को पढ़ाई के लिए जाना जाता था। अगर आप फिजिक्स पढना चाहते थे तो आप फिजिक्स पढ़ते थे। अगर आपको ऐसा लगता था कि विज्ञान की पढाई तो बेहद उबाऊ थी और आप इतिहास पढ़ना चाहते थे तो आप इतिहास पढने लग जाते थे। वहां किसी खास रास्ते को अपनाने के लिए अभिभावकों की तरफ से दबाव भी नहीं रहता था।

मेरे एच.पी.एस. में पढाई के कुछ साल बाद पापा संयुक्त राष्ट्र में काम करने बैंकाक गए। उनको मेरा लापरवाही भरा रवैया पसंद नहीं था। उन्होंने कहा, “मैं तुमको यहाँ से निकालने वाला हूँ और तुमको ग्यारहवी और बारहवीं की पढाई बैंकाक के किसी अंतर्राष्ट्रीय स्कूल में करनी चाहिए”, मैंने साफ़ मना कर दिया और इस तरह मैं हैदराबाद में ही फंसा रहा। सभी सोचते थे, “तुम पागल तो नहीं हो गए हो, तुमने ऐसा क्यों किया?” लेकिन मैं किसी भी तरह से छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ। उस समय क्रिकेट मेरे जीवन का बड़ा हिस्सा था। उस स्कूल में पढाई ने मुझे मेरी जिंदगी के कुछ सबसे यादगार अवसर दिए, और ढेर सारा आत्मविश्वास।

बारहवीं कक्षा तक आते आते अगर आपने मेरे सपनों के बारे में पूछा होता तो वह एक छोटे से कॉलेज में पढाई करने, हैदराबाद के लिए क्रिकेट खेलने और अंतत: किसी बैंक में काम करना था, बस यही था। इंजीनियर बनकर पश्चिम जाने का ख़याल मुझे कभी नहीं आया। मेरी माँ मेरी इन योजनाओं से बेहद खुश थी। “यह बहुत अच्छा है मेरे बेटे” लेकिन मेरे पापा ने इस मुद्दे पर सचमुच मेरे ऊपर दबाव डाला। उन्होंने कहा, “देखो तुम्हें हैदराबाद से बाहर जाना ही होगा। नहीं तो तुम अपने आप को बर्बाद कर लोगे।” उस समय यह अच्छी सलाह थी क्योंकि उस समय यह भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता था कि हैदराबाद आज की तरह तकनीकी का बहुत बड़ा केंद्र बन जाएगा। अपने दोस्तों के दायरे से निकलना मेरे लिए बहुत मुश्किल था, लेकिन पापा सही थे। अपने सपनों को लेकर मैं कस्बाई हो रहा था। मुझे किसी नजरिये की जरूरत थी। क्रिकेट मेरा जुनून था लेकिन उसके बाद कंप्यूटर का स्थान था। जब मैं पंद्रह साल का था तो मेरे पिता बैंकॉक से मेरे लिए सिनक्लेयर zx(जेडएक्स) स्पेकट्रम कम्प्यूटर किट लेकर आए। उसका जेड 80 सीपीयू सत्तर के दशक के मध्य में एक इंजीनियर द्वारा विकसित किया गया था जिसने इंटेल की नौकरी छोड़ दी थी, जहां वह 80-80 माइक्रो प्रॉसेसर पर काम करता था। विडम्बना की बात यह थी कि इसी माइक्रोचिप का उपयोग करते हुए बिल गेट्स और पॉल एलेन ने माइक्रोसॉफ़्ट बेसिक का पहला संस्करण तैयार किया था। जेड80 ने मुझे सॉफ्टवेयर, इंजीनियरिंग, और यहाँ तक कि इस विचार के ऊपर भी सोचने के लिए प्रेरित किया कि निजी कम्प्यूटिंग तकनीक का जनतंत्रीकरण किया जा सकता था। भारत जैसे देश का एक बच्चा अगर प्रोग्रामिंग करना सीख सकता था तो कोई भी सीख सकता था।

मैं आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में असफल हो गया जो उस समय भारत के मध्यवर्ग में बड़े हो रहे बच्चों के लिए सबसे पवित्र मृगतृष्णा थी। मेरे पिता ने ऐसी कोई प्रवेश परीक्षा नहीं दी थी जिसमे वे पास ना हुए हों, इसलिए वे इस बात से जितना चिढ़े नहीं थे उतने हैरान थे। लेकिन सौभाग्य से मेरे पास इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दो और मौके थे। मेरा नाम बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालजी मेसरा में मेकेनिकल इंजीनियरिंग में आ गया तथा मनिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालजी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में आ गया। मैंने यह सोचकर मनिपाल का चुनाव किया कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने से मैं कम्प्यूटर और सॉफ्टवेयर के और करीब आ सकता था और सौभाग्य से मेरा वह अनुमान सही निकला। अकादमिक रूप से इसने मुझे उस रास्ते पर डाल दिया जो मुझे सिलिकन घाटी और अंतत: माइक्रोसॉफ़्ट लेकर जाने वाला था। कॉलेज के दौरान मेरे जो दोस्त बने वे उद्यमशील थे तथा महत्वाकांक्षी भी। मैंने उनमे से कई लोगों से सीखा। असल में सालों बाद मैंने स्निवेल, कैलिफोर्निया में मनिपाल के अपने आठ साथियों के साथ घर किराये पर लिया और वहाँ उसी तरह से रहने लगे जिस तरह से कॉलेज में डोरमेट्री में रहते थे। खेलकूद के लिहाज से हालाँकि मनिपाल मेरे इच्छा के अनुकूल नहीं था। क्रिकेट खेलना मेरा सबसे बड़ा जुनून नहीं रह गया। मैंने अपने कॉलेज टीम के लिए एक मैच खेला और अपने दस्ताने उतार दिये। मेरे जीवन में कम्प्यूटर ने क्रिकेट का स्थान ले लिया और मेरी जिंदगी में वह पहले नंबर पर आ गया। मनिपाल में मैंने माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स में प्रशिक्षण हासिल किया – सर्किट को एक करने और कम्प्यूटर बनाने के आरंभिक सिद्धान्त का।

इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद मैं क्या करने वाला था इसको लेकर कोई खास योजना मेरे पास नहीं थी। मेरी माँ के जीवनदर्शन के बारे में काफी कुछ कहा गया है जिसने मुझे अपने भविष्य तथा अवसरों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया। उनका हमेशा यह मानना था कि अपने मन की करो, और अपनी रफ्तार से करो। रफ्तार तब आती है जब आप अपने पसंद का काम करते हैं। जब तक आपको उसमे आनंद आता है तब तक दिमाग लगाकर अच्छी तरह से करना चाहिए तथा उसके पीछे कोई ईमानदार उद्देश्य होना चाहिए। जीवन आपको कभी असफल नहीं होने देगा। इसके कारण मैं हमेशा अपने जीवन में बेहतर स्थिति में रहा। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद मेरे पास एक मौका था मुम्बई में एक प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थान में पढने का। मैंने अमेरिका के कुछ कॉलेज में भी आवेदन किया था। उन दिनों अमेरिका जाने का स्टूडेंट्स वीजा एक तरह से जुए की तरह होता था, और स्पष्ट रूप से कहूं तो मुझे यह उम्मीद थी कि मुझे नहीं मिलेगा। मैं कभी भारत छोड़ कर नहीं जाना चाहता था। लेकिन भाग्य से मुझे वीजा मिल गया और एक बार फिर मेरे पास कई विकल्प थे- भारत में रहकर औद्योगिक इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की जाये या मिल्वाउकी में यूनिवर्सिटी ऑफ़ विस्कॉन्सिन जाकर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की शिक्षा अर्जित की जाए। हैदराबाद पब्लिक स्कूल का एक बेहद प्रिय दोस्त यूनिवर्सिटी ऑफ़ विस्कॉन्सिन में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा था, और इस तरह से मेरा फैसला हो गया। मैंने विस्कॉन्सिन में कंप्यूटर साइंस में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया। और मुझे ख़ुशी है कि मैंने किया क्योंकि वह छोटा सा विभाग था जहाँ प्रोफ़ेसर अपने विद्यार्थियों को समय देते थे। मैं खास तौर पर विभाग के अध्यक्ष डॉ. वैरवान और स्नातकोत्तर में अपने परामर्शदाता प्रोफ़ेसर होसैनी का आभारी हूँ जिन्होंने मेरे अन्दर इस बात के लिए आत्मविश्वास पैदा किया कि जो आसान था मैं उस रास्ते पर न जाऊं, बल्कि कंप्यूटर साइंस की सबसे मुश्किल समस्या से उलझूं।

अगर कोई मुझसे यह कहता कि मैं एक नक़्शे में यह दिखाऊँ कि मिल्वाउकी कहाँ है तो मैं नहीं दिखा सकता था। लेकिन अपने 21 वें जन्मदिन के दिन 1988 में मैंने नई दिल्ली से शिकागो के ओ हारा हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी। वहां से एक दोस्त ने मुझे गाड़ी से कैम्पस छोड़ दिया। जो मुझे याद है वहां शान्ति थी। सब कुछ शांत था। मिल्वाउकी बहुत शानदार जगह थी, जहाँ कुछ न बदला हो। मैंने सोचा कि भगवान् यह जगह धरती पर स्वर्ग है। गर्मियों के दिन थे। वह बहुत सुन्दर था, और अमेरिका में मेरे जीवन की बस शुरुआत हो रही थी।

गर्मियां सर्दी में बदल गई और विस्कॉन्सिन की सर्दी देखने लायक होती है, खासकर अगर आप दक्षिण भारत के रहने वाले हों। उन दिनों मैं सिगरेट पीता था और सिगरेट पीने वालों को बाहर खड़ा होना पड़ता था। दुनिया के अलग अलग हिस्सों से हमारे जैसे अनेक लोग थे। भारतीय विद्यार्थी ठण्ड को सहन नहीं कर सकते थे इसलिए उन्होंने सिगरेट पीना छोड़ दिया। उसके बाद मेरे चीनी दोस्तों ने छोड़ दिया। लेकिन रूस के लोगों के ऊपर उस कडाके की ठण्ड का कोई सर नहीं पड़ा, और वे बाहर जाकर सिगरेट पीते रहे।

निश्चित रूप से किसी भी बच्चे की तरह मुझे भी घर की याद सताने लगी, लेकिन अमेरिका इस अधिक आवाभगत वाला नहीं हो सकता था। मुझे नहीं लगता है कि मेरी कहानी कहीं और भी संभव हो सकती थी, और आज मुझे खुद को अमेरिकी नागरिक कहते हुए गर्व का अनुभव होता है। पीछे मुड़कर देखने पर, हालाँकि, मेरी कहानी योजनाबद्ध ढंग की लग सकती है। भारतीय सिविल सेवक का बेटा मेहनत करके पढता है, इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करता है, अमेरिका चला जाता है, और तकनीक की दुनिया में अपना मुकाम बनाता है। लेकिन यह इतना आसान नहीं था। रूढ़ि के मुताबिक़ मैं पढने में उतना कुछ ख़ास नहीं था। मैंने भारत के संभ्रांत आईआईटी से पढ़ाई नहीं की थी, जो नाम सिलिकन घाटी के निर्माण के साथ एकरूप हो चुका है। केवल अमेरिका में ही मेरे जैसे व्यक्ति को खुद को साबित करने का मौका मिल सकता है बजाय उसको इस आधार पर एक ख़ास तरह की पहचान से जोड़ दिया जाये कि उसने पढ़ाई कहाँ से की है। मेरे ख़याल से यह पहले के आप्रवासियों के लिए सच था और नई पीढ़ी के आप्रवासियों के लिए भी।

अनेक और लोगों की तरह मेरे लिए यह बहुत किस्मत की बात थी कि अनेक आंदोलनों के मिले जुले नतीजों का मुझे लाभ मिला: ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी, अमेरिका के नागरिक अधिकार आन्दोलन, जिसके कारण अमेरिका के आव्रजन के नियम में बदलाव हुआ और वैश्विक स्तर पर तकनीकी में आई तेजी का। भारत की आजादी के कारण मेरे जैसे भारतीय नागरिकों के लिए शिक्षा में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया। अमेरिका में 1965 के आव्रजन और प्रकृतिकरण अधिनियम से मूल देश कोटा को ख़त्म कर दिया गया और कुशल कामगारों के लिए अमेरिका में आना और योगदान करना आसान हो गया। इससे पहले, हर साल केवल सौ भारतीयों को आप्रवास की अनुमति दी जाती थी। आव्रजन अधिनियम की 50 वीं वर्षगाँठ के मौके पर ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के लिए लिखते हुए इतिहासकार टेड विडमर ने इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि इस अधिनियम के कारण करीब पांच करोड़ नब्बे लाख लोग अमेरिका आये। लेकिन ऐसा नहीं था कि इस प्रवाह के ऊपर बाधा नहीं थी। इस अधिनियम में उनके लिए प्राथमिकता थी जिनको तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त था तथा उनको जिनके परिवार के सदस्य पहले से ही अमेरिका में थे। अनजाने में मैं उनके इस महान उपहार का प्राप्तकर्ता था। इन आंदोलनों ने मुझे इसके योग्य बनाया कि सॉफ्टवेयर के कौशल के साथ मैं 1990 के दशक के तकनीकी उत्कर्ष से पहले पहुँच गया।

============================

किताब का लिंक- /www.amazon.in/Hit-Refresh-Microsoft-Talaash-Bhavishya/dp/935277096X/ref=sr_1_1?ie=UTF8&qid=1525830506&sr=8-1&keywords=hit+refresh+satya+nadella+book+hindi

 
      

About Prabhat Ranjan

Check Also

कहानी ‘जोशी जी’ की बयाँ प्रचंड का

विद्वान लेखक प्रचण्ड प्रवीर की एक सीरिज़ है ‘कल की बात’। इस सीरिज़ की तीन पुस्तकें …

7 comments

  1. Bahut khub bahut acha likha hai ek sachhi kahani ek sachhe insaan ki jisne mehnt ke dum par ye mukaam hasil kiya hai sir desh ke youth ke liye icon hai ek or unki kahani se ye bhi baat sach hoti hai ki mehnat ka fal jrur milta hai chahe thodi der se mile lekin milta jrur hai.

    Ye blog humare sath share karne ka dhanywad kripya aage bhi aise ache ache post karte rahe shukriya.
    Adhik jankari ke liye visit kare: https://www.molitics.in/

  2. Therefore, we make certain that each man would love to develop a family with one of Ukrainian women. A man desires to recognize that a female will be close to as well as will accept his life selection, whether it is a modification of job or moving to a new city. I liked the Ukranian individuals and the city. I tried good Ukranian meals and also made information close friends, like my translator. The Internet gives a good chance for males and also females to obtain familiarized quickly without shedding their self-respect. These men are knowledgeable as to just how to make a ladies really feel important and also valued. Those who wish to get accustomed really feel safe and secure. They do every little thing possible for every relative to be comfortable, delighted and feel beloved. Is it feasible to discover real love internet? We were anxious regarding our first real meeting, we quickly ended up being rather comfortable with each other. Alternatively, you can obtain superior services for $9.99, providing you 20 mins of chat time, 5 initial mails and also it unlocks all account pictures. Those dating services are not constructed to be successful. Ukrainian and russian women choose and trust the firm UaDreams because it supplies the very best and also the safest solutions for their customers, both women as well as guys.

    Another reason foreigners are so preferable to Russian females is that these foreign guys understand that women are to be treated with respect and equal rights. We work for our customers, and we wish to make it very easy for guys and also ladies to find their love. But there are a lot more males on the dating internet sites, specifically the guys, that function 6 days a week. Men are constantly seeking ladies who are not from his country. Each day many western males are trying to find the Russian females for dating or marriage so as a result of these Russian dating sites including latest function in their website like web cam chat, live video chatting etc. Today Russian dating site is not limited to give your matchmaking partner they likewise prepare your vacation aircraft with your Russian ladies. In this blog the real stories regarding just how to locate love, on which sites to sign up, exactly how to secure on your own from frauds will certainly be put.

    We have gathered some essential ideas that will aid you understand if a site is excellent or not. They have excellent experience in searching Russian females according to your needs. Likewise Numerous Russian females seeking western men for marital relationship Russian guys just do not have certain high qualities that these ladies are seeking. Partially that’s why having made the review of dating service directory site I figured out extra females than males among individuals who want to find their better half.” This is my review of the questions, which typically people ask themselves, when they intend to find their significant other using the Internet. My hopes justified. Right here is my evaluation as a provement. Here is some details about how you can find your dream Russian woman online. Occasionally it is sufficient for a Ukrainian woman to obtain to know that her sweetheart simply teased with one more lady to damage up with him. This woman will be a loving wife, dependable soulmate and also cautious mommy. Is it just how dating will occur in future? Was my first time in Europe, and all I can say is Ukraine is a great country to meet unique ladies as well as maybe a fiancée.

    However where do you make very first call with these lovely Ukrainian ladies? It’s mostly right, but you have to remember this: Ukrainian females do not such as guys that drink too a lot. The photo ends up being clear sufficient: you may understand the charity, you may see if man and also female are real-time persons, whose personal contact can be offered totally free of charge or way too much costly. You may have an interest in wherefore you should pay as well as HOW MUCH? You know, to spend for actual love deserves sufficient. Ask a real inquiry. If everything goes right, they set up a real conference (normally happens in a girl’s country) and take their relationship to a new degree. And also there is no far better place for this than specialized online systems for uniting the hearts of Ukrainian girls and Western males. Great deals of western guys choose this dating website for discovering marital relationship in Ukraine. Ladies from Ukraine tend to seek a partner forever. They will not only assist you to find sing Russian women but likewise assist you to arrange a meeting for both events.

  3. A lot of them are men from the West and women from Southeast Asia. The credibility of AsiaMe has proven this site to be effective as well as preferred amongst lots of various other places with Asian ladies. No marvel AsiaMe is commonly considered the prominent Oriental venue in the dating segment. So, while numerous dating websites overlook video conversations as well as limit their capabilities to message messages, AsiaMe equals the times and allows people to be nearby regardless of distances. Regardless of being an old player in the online dating sector, AsiaMe took care of to maintain speed with time and level up with contemporary tendencies. There are also chatroom where members can be familiar with one another in actual time or sign up with group discussions concerning numerous topics of passion. But even then, beware, possibly it is just one more defrauder that has an objective to get an also larger sum of money from you than Asiame has actually currently taken. All you require to do is to register; then, you can begin dating the most gorgeous single women online. In many situations, the girls here are from China, Thailand as well as Vietnam. Regrettably, the solution is not readily available below.

    For that reason, each time you have an inquiry, you can call the assistance solution and also get an extensive reply in a pair of minutes or so. Assisting males to find beauties from Asia, the system is strict in terms of who can get signed up. A lot of the visitors are from North as well as South America, Europe, Asia Pacific, and so on. AsiaMe is an outstanding dating website/app that flaunts various features, the distinct point is that they have high quality profiles onboard for individuals who admire the Oriental charms. He wed a lovely Eastern woman with a charming character and also good appearances. You have the opportunity to buy charming gifts and also gorgeous arrangements for your cherished ones. One more intriguing function of the website is the opportunity to send Digital Presents. Similar to the majority of site features, deleting is complimentary. Furthermore, you’ll obtain a 3-month Premium membership that gives you 5 cost-free mails, 20 mins of chat, in addition to unlocked account images. Go through the site scenic tour to obtain free symbols you can utilize to check out message as well as video conversation functions. Finally, costs registration owners obtain gain access to some additional advantages associated especially in the direction of boosting presence within search engine result due better placement amongst rivals compared those that do not have paid membership status yet.

    Lots of people think that the AsiaMe web site is among the most effective dating platforms for people who agree to find their love. 48 yr old Vietnamese Brides Specialist Dolly Ferguson has rate of interests and hobbies consisting of running, dating, and writing romance. AsiaMe is a popular online dating site that aids people throughout the world to locate the love of their lives. Is AsiaMe Web Site Well Worth It? The Asiame site is just readily available for adults, with an age circulation for females between 18 and 30 (for an average). The Amount Of Mеmbers Does AsiaMe Site Have? Once you register, you will certainly have to answer some standard concerns: your suits’ suitable age, hobbies, education, etc for the formula to better comprehend your individuality and also choices. The homepage of your account will resemble this. You can see the list of functions on the homepage that gives a great deal of options to discover your excellent match.

    Individuals can see that included them to their Fave list. It is male to female ratio of 10:1. The majority of members are songs that are searching for a lasting as well as severe connection. It attaches singles from different parts of the world. Make certain that you give a active as well as legitimate email address. It has a fundamental register process when you are asked to give some standard details about on your own. One more point to flag out in the review is that the platform has actually partnered with cybersecurity leaders GoDaddy and also McAfee, which is additionally a good indicator. The validation mail will be sent out for you after that you register. Men will certainly locate AsiaMe comparable and quite beneficial to the system that a lot of them used prior to. The populace of this dating platform makes up mainly of men. Is AsiaMe Site an Actual Dating Website? Can I Utilize AsiaMe Website Anonymously? They can use credit score cards, straight debit, or PayPal to buy credit scores.

  1. Pingback: drug molly pills,

  2. Pingback: b4R

  3. Pingback: escort near me

  4. Pingback: magic mushroom dispensary​

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *