हमारे जीवन में पर्व त्योहारों का बहुत महत्व है। अपनी अपनी ख़ुशियों को साझा करने के अवसर होते हैं ये पर्व त्योहार। पिछले कुछ दिनों से ऐसे मौक़ों को राजकमल प्रकाशन समूह किताबों के साथ मनाने की योजना लेकर आता रहा है। यह समूह इस बार क्रिसमस पर ‘किताबों वाले सांता’ की योजना के साथ आया है। आइए इस योजना के बारे में जानते हैं और इसका लाभ उठाते हैं-
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- सबतक ज्ञान की खुशी पहुँचाने के लिए हिंदी के सबसे बड़े प्रकाशन समूह की विशेष पहल।
- पुस्तक प्रेमियों के लिए विभिन्न विषयों और विधाओं की किताबों के 50 सेट पेश किए।
- इन सेटों में से चुनकर अपने दोस्तों-करीबियों को लोग उपहार में किताबें भिजवा सकते हैं।
- घोषित सेटों में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पन्त, रामधारी सिंह दिनकर, कुंवर नारायण, केदारनाथ सिंह जैसे कवियों के काव्य-संग्रह और गुलज़ार, स्वानंद किरकिरे एवं पीयूष मिश्र सरीखे लोकप्रिय लेखकों की कृतियाँ शामिल हैं।
- देवदास, चित्रलेखा, साहब बीवी गुलाम, उमराव जान अदा से लेकर राग दरबारी, मैला आँचल, आधा गाँव, पाकिस्तान मेल और तमस जैसे कालजयी उपन्यास भी सेट में शामिल।
- महात्मा गाँधी, भगत सिंह, स्त्री विमर्श, आत्मकथा, जीवनी,ऐतिहासिक उपन्यास समेत अनेक विषयों और विधाओं की किताबें भी सेट के तहत उपलब्ध।
नई दिल्ली : क्रिसमस के मौके पर सभी पुस्तक प्रेमियों के लिए राजकमल प्रकाशन किताबों वाले सांता को लेकर आया है। इस अनूठी पहल के तहत कोई भी व्यक्ति राजकमल के जरिये अपने दोस्तों और करीबियों के पसंदीदा लेखकों-कवियों की किताबें क्रिसमस के उपहार स्वरुप भिजवा सकता है। इसके लिए पाठकों की रुचि को ध्यान में रखकर प्रकाशन समूह ने विभिन्न विधाओं और विषयों की किताबों के पचास सेट घोषित किए हैं, ताकि लोग उपहार देने के लिए पसंदीदा किताबें आसानी से चुन । इन पर तीस प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी।
किताबों वाले सांता द्वारा तैयार किए विशेष सेट में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी कवियों की किताबें और वह चर्चित उपन्यास हैं, जिनपर बेहतरीन फ़िल्में बन चुकी हैं। गांधी-साहित्य, स्त्री विमर्श, आत्मकथा, यात्रा-वृत्तान्त, जीवनी, कहानी-संग्रह, ऐतिहासिक उपन्यास, दस्तावेजी साहित्य और विभाजन विषयक चर्चित किताबें भी इनमें शामिल हैं। पाठकों की रुचि का ध्यान रखते हुए इन सेटों में गीतकार गुलज़ार की ‘पाजी नज़्में’, स्वानंद किरकिरे की ‘आपकमाई’ एवं पीयूष मिश्रा की ‘कुछ इश्क किया कुछ काम किया’ सरीखी बेस्टसेलिंग काव्य-कृतियाँ भी शामिल की गई हैं।
राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक माहेश्वरी ने कहा, “साल बीतते-बीतते क्रिसमस की छुट्टियों का इंतजार सबको रहता है। उससे भी अधिक इंतजार रहता है सांता बनने का या सांता के आने का! सांता विस्मयकारी खुशियाँ लेकर आते हैं। विस्मय कुछ नए का, निःस्वार्थ प्रेम का। सांता ज्ञान के विस्मय से भी भर सकते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने इस बार पुस्तक प्रेमियों के लिए विशेष पहल की है कि वे इस बार किताबों वाले सांता बनें और अपनी पसंद की किताबों के तोहफे से अपने मित्रों-परिचितों को विस्मित करें। उन्होंने कहा, ज्ञान की खुशी की तुलना किसी और खुशी से नहीं हो सकती। यह खुशी हम समाज के सभी लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं।
उन्होंने बताया, ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मानित हिंदी कवियों में महादेवी वर्मा की ‘यामा’, सुमित्रानंदन पन्त की ‘चिदम्बरा’, रामधारी सिंह दिनकर की ‘रश्मि लोक’, कुंवर नारायण की ‘इन दिनों’ और केदारनाथ सिंह की ‘अकाल में सारस’ जैसे काव्य-संग्रहों के सेट तैयार किये हैं। वे उपन्यास जिनपर मशहूर फ़िल्में बनी हैं उनके भी सेट तैयार किये गये हैं इनमें ‘देवदास’, ‘चित्रलेखा’, ‘साहब बीवी गुलाम’, ‘उमराव जान अदा’ आदि उपन्यास हैं।
गाँधी साहित्य के सेट में ‘गाँधी की मेजबानी’, ‘गाँधी और अकथनीय’, ‘महात्मा गाँधी : जीवन और दर्शन’, गाँधी : एक असंभव सम्भावना’ जैसे उपन्यास शामिल हैं। दस्तावेजी साहित्य में ‘भगत सिंह को फांसी-1’, ‘भगत सिंह को फांसी-2’, ‘भगत सिंह और उनके साथियों के दस्तावेज़’ एवं ‘क्रांतिवीर भगत सिंह’ पुस्तकें हैं। विभाजन पर केन्द्रित पुस्तकों में खुशवंत सिंह ‘पाकिस्तान मेल’, भीष्म साहनी ‘तमस’ आदि शामिल हैं। कालजयी रचनाओं में ‘राग दरबारी’, मैला आँचल’, ‘आधा गाँव’, बूँद और समुद्र’ आदि उपन्यास हैं।
अगर कोई व्यक्ति इन सेटों के अतिरिक्त राजकमल प्रकाशन समूह की अन्य किताबों में से उपहार देने के लिए चुनेगा तो उसे उन किताबों पर भी बीस प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
यह विशेष पहल 31 जनवरी, 2021 तक जारी रहेगी।
www.rajkamalbooks.in
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