पाठकों का अभिनन्दन – – – – – – – – – – – – – – – जैसा कि अमूमन होता है कि किसी प्रस्तुति-विशेष की शुरुआत करते हुए लक्ष्य, उद्देश्य या दावों के साथ (महत्वपूर्ण भी बताते हुए) कदम बढ़ाया जाता है। संयोग से ‘कविता शुक्रवार’ के साथ …
Read More »जो विस्मित नहीं हो सकते, वे अधूरे मनुष्य हैं
‘बनास जन’ पत्रिका के नए अंक में कई रचनाएँ पठनीय हैं। आज पढ़िए वरिष्ठ कवि-लेखक कुमार अम्बुज का गद्य, बनास जन से साभार- मॉडरेटर =============================== संसार के आश्चर्य (जो विस्मित नहीं हो सकते, वे अधूरे मनुष्य हैं।) कुमार अम्बुज आश्चर्य की पिछली कहानियों में जो बता चुका हूँ, …
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