कवि यतीश कुमार ने पुस्तक समीक्षा की अपनी शैली विकसित की है- काव्यात्मक समीक्षा की। इस बार उन्होंने कृष्णनाथ जी की यात्रा पुस्तक ‘किन्नर धर्मलोक’ पढ़कर उसके ऊपर डूबकर लिखा है- मॉडरेटर =============== किन्नर धर्मलोक किन्नर धर्मलोक एक अंतर्यात्रा : कृष्णनाथ के साथ 1) अलंघ्य रास्ते तक जाना है रास्ता …
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