गीताश्री के पहले उपन्यास ‘हसीनाबाद’ ने इस साल पाठकों-समीक्षकों-आलोचकों का ध्यान अच्छी तरह खींचा. इस उपन्यास की यह समीक्षा युवा लेखक पंकज कौरव ने लिखी है. इधर उनकी कई समीक्षाओं ने मुझे प्रभावित किया. उनमें एक यह भी है- मॉडरेटर ====================== हसीनाबाद के आबाद होने की दास्तान में ही कहीं …
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