आज प्रेमचंद की जयंती पर उनका यह पत्र पढ़िए जयशंकर प्रसाद के नाम है। उन दिनों प्रेमचंद मुंबई में थे और फ़िल्मों के लिए लेखन कर रहे थे- ======================= अजंता सिनेटोन लि. बम्बई-12 1-10-1934 प्रिय भाई साहब, वन्दे! मैं कुशल से हूँ और आशा करता हूँ आप …
Read More »रचना का समय और रचनाकार का समय
योगेश प्रताप शेखर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं और हिंदी के कुछ संभावनाशील युवा आलोचकों में हैं। रचना के समय और रचनाकार के समय में अंतर को समझने में यह लेख बहुत सहायक है- ============================ कहते हैं कि साहित्य समय की अभिव्यक्ति है। समय की व्यापकता और उसके …
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