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Tag Archives: poonam arora

     पूनम अरोड़ा की कहानी ‘उस हवा का रंग स्लेटी था’

पूनम अरोड़ा समकालीन साहित्य में अपनी अलग उपस्थिति रखती हैं। उनकी कहानियाँ, उनकी कविताओं का अलग ही मिज़ाज है। आज अरसे बाद उनकी नई कहानी पढ़िए- ===========================  साइकिल ठीक गेट के सामने रुकती है. सर पर सफ़ेद सूती कपड़ा बांधे एक भलामानस आवाज़ लगाता है– कूरियर ! आवाज़ के साथ गेट …

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पूनम अरोड़ा की कविता सीरीज़ ‘दृश्यों में कनॉट प्लेस’

पूनम अरोड़ा समकालीन कविता का जाना पहचाना नाम है। यह उनकी नई कविता सीरीज़ है- मॉडरेटर ================================= दृश्यों में कनॉट प्लेस (कनॉट प्लेस- दृश्य १) 🔹 संडे पार्किंग कनॉट प्लेस में पार्किंग नहीं मिलती संडे को आजकल हवा भी नहीं लहराती बातों के बीच शनिवार रात के जागे युवकों की …

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पूनम अरोड़ा की कहानी ‘स्मृतियों की देह में पूर्वजों के कांपते शोकगीत’

श्री के नाम से लिखने वाली पूनम अरोड़ा अपनी कहानियों में एक ऐसा लोक रचती हैं जो बार बार अपनी ओर खींचता है। कई कहानियाँ अपने परिवेश, अपनी भाषा के लिए भी पढ़ने का मन करता है। इस लिहाज से पूनम अपने दौर की सबसे अलग लेखिका हैं- मॉडरेटर ================== …

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‘हिचकी’ फिल्म पर पूनम अरोड़ा की टिप्पणी

‘हिचकी’ फिल्म पर यह लेख लेखिका पूनम अरोड़ा(श्री) ने लिखा है.  अच्छा लगा तो साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर ================================================================= नैना माथुर को टुरेट सिंड्रोम है जिसे साधारण भाषा में समझा जाए तो ‘बार-बार हिचकी आना, चेहरे के हाव-भाव अलग दिखना, गले से कुछ आवाज़े आना और आँखों का झपकना …

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जापानी फिल्म ‘इन द रियल्म ऑफ़ द सेन्सेस’ पर श्री का लेख

मुक्त जुनून कामनाओं के सब द्वार खोलता है या कि शांत और अबोधगम्य आकाश के खालीपन में खुद को रिक्त कर देता है? – इन द रियल्म ऑफ़ द सेन्सेस इन द रियल्म ऑफ़ द सेन्सेस नागिसा ओसीमा के निर्देशन में बनी 1976 में प्रदर्शित हुई एक विवादास्पद जापानी फिल्म …

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दक्षिण कोरियन फिल्म ‘द बो’ और श्री का लेख

श्री(पूनम अरोड़ा) दक्षिण कोरियाई फिल्म निर्देशक किम की डुक की फिल्मों पर पहले भी लिख चुकी हैं. इस बार उनका यह लेख the bow पर है- मॉडरेटर ==================== मुक्त होने और मुक्त करने का सम्मोहन है हथेली पर पिघले मोम की तरह ! अमूर्त सत्य को मूर्त सम्मोहन में बदल …

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सुश्री श्री(पूनम अरोड़ा) की कुछ नई कविताएँ

हाल के दिनों में जिस कवयित्री की कविताएँ पढ़कर यह आश्वस्ति मिलती है कि हिंदी में मेटाफिजिकल कविताएँ लिखना अभी भी संभव है वह श्री श्री(पूनम अरोड़ा) हैं. बेतरतीब वर्णनों वाली कविताओं की अंधाधुंध बारिश के बीच उनकी कविताएँ सुकून देती हैं. हालाँकि यह मेरा अपना मत है. इस रविवार …

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चेखव की कहानी ‘मामूली मजाक’ श्री श्री की आवाज में

‘आधुनिक कहानियों के जनक’ कहे जाने वाले चेखव अपने ‘ ‘इम्प्रेशनिस्ट स्टाइल’ के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए पाठक शीघ्र ही उनके कहानियों से संबंध स्थापित कर लेते हैं। उन्हें पढ़ते हुए इस तरह तल्लीन हो जाते हैं कि पाठक कहानी की ‘सेटिंग’ का हिस्सा हो जाते हैं। उनकी कहानियाँ …

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श्री श्री की कहानी ‘अदू-धूं-ना’

  उनका नाम पूनम अरोड़ा है. श्री श्री के नाम से कहानियां-कविताएँ लिखती हैं. कहानियों में परिवेश किस तरह का प्रभाव पैदा कर सकता है इसके लिए इस कहानी को पढ़ा जा सकता है- मॉडरेटर =================================== काईयू ने जल्दी से किताब का पन्ना पलट दिया. इस बार ख़्याल ज़्यादा लंबा …

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