आज से उड़ीसा के भुबनेश्वर में शुरू हुए चौथे कलिंग साहित्य महोत्सव पर संतोष कुमार की रपट- मॉडरेटर
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भुबनेश्वर: चौथे कलिंग साहित्य महोत्सव (केएलएफ) का उद्घाटन केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रसिद्ध कवि और पद्म विभूषण डॉ. सीताकांत महापात्रा और प्रसिद्ध कवि श्री रमाकांत रथ द्वारा भुबनेश्वर में किया गया। तीन दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल की इस वर्ष की थीम ‘लिटरेचर फॉर पीस एंड हारमनी’ हैं । लेखकों, कवियों और पत्रकारों जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ख्याति प्राप्त कर चुके 200 से अधिक हस्तियां साहित्य के सद्भाव को बनाए रखने के लिए साहित्य की भूमिका पर उनके अनुभवों, चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे।
इस वर्ष केएलएफ ने कलिंग साहित्य पुरस्कार में दो नए पुरस्कार पेश किए हैं। महान कवि और निबंधकार श्री हरप्रसाद दास को उनके जीवन काल के काम और साहित्य में योगदान के लिए कलिंग साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री आनंद नीलकांतन को लोकप्रिय साहित्य के लिए कलिंगा अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार दिया और श्रीमती परमिता सतपथी को ओडिया कविता में उनके योगदान के लिए कलिंग करुबाकी पुरस्कार से नवाजा गया ।
केएलएफ के संस्थापक श्री रश्मी रंजन परिदा के स्वागत भाषण कार्यक्रम का आगाज़ हुआ , संयोजक श्री संग्राम धर ने ओडीशा के ब्रांडिंग में केएलएफएफ के योगदान के बारे में बताया। केएलएफ के निदेशक कमला कांता दाश ने केएलएफ के इतिहास को प्रस्तुत किया.इसके अलावा उद्घाटन सत्र में केएलएफ स्मारिका के साथ-साथ दो अन्य पुस्तकों डॉ. सुबास पनी की रथ यात्रा और ओडिशा समाज द्वारा ओडिशा परबा का भी लोकपर्ण हुआ ।
तीन दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में 20 से अधिक नए पुस्तकों का भी लोकापर्ण होगा, कवियों और कलाकारों के लिए विशेष सत्र भी पेश कर रहा है, ‘मिस्टिक कलिंग’ कवियों के लिए समर्पित है और ‘कलिंग आर्ट फेस्टिवल’ कलाकारों के लिए है। कविता सत्र में 50 कवियों को शामिल किया गया है और कला शिविर 35 कलाकारों के साथ आयोजित किया जा रहा है।
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