आज दिनांक 8/2/2024 को दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज(सांध्य) में विकसित भारत@2047 से जुड़े कार्यक्रमों की शृंखला का उद्घाटन करते हुए केरल के राज्यपाल श्री आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि हमें अपने अतीत के गौरव को याद करते रहना चाहिए इससे भविष्य के निर्माण की प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने एक शेर सुनाया-
जो क़ौम भुला देती है तारीख़ को अपने
उस क़ौम का जुगराफ़िया बाक़ी नहीं रहता
और इसके बाद बताया कि भारत के इतिहास की महानता का वर्णन दूसरे देशों के इतिहास की किताबों में भी मिलता है। प्राचीन रोमन साम्राज्य का उदाहरण देते हुए कहा वे वे मसालों और कपड़ों के व्यापार के लिए भारत आते थे। जिसको लेकर उस काल के एक रोमन इतिहासकार ने लिखा था कि रोम अपने सुख साधन के लिए अपना ख़ज़ाना भारत को लुटा रहा है। कारण यह था कि रोम मसालों और कपड़ों के एवज़ में भारत को सोने में भुगतान करता था।
उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता में विविधता का तत्व सबसे प्रधान रहा है इसीलिए इसने सबको अपनाया। भारत में ईसाई धर्म का आगमन भी यूरोप से ढाई सौ साल पहले हुआ था। यहाँ तक कि इस्लाम की विरासत भी सबसे मज़बूत भारत में ही है। उन्होंने इंडोनेशिया के नेता सुकर्णो का हवाला देते हुए कहा कि वे मुस्लिम देश के नेता होते हुए भी अपने देश की जनता को प्रेरित करने के लिए भीम और अर्जुन का हवाला देते थे। भारतीय सभ्यता के गौरव को दूसरी सभ्यताओं की किताबों में लिखा गया है लेकिन लंबे समय तक विदेशी शासन के अधीन रहने के कारण ज्ञान की अपनी उस महान विरासत को लेकर हमारे अंदर वह आत्मविश्वास नहीं रहा।
भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता हमेशा से मज़बूत रही है और इसी की बदौलत भारत सफलता के उस मुक़ाम तक पहुँचेगा जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की होगी। अपने भाषण के दौरान उन्होंने हिंदू धर्म ग्रंथों के खूब उदाहरण दिये और इसके मूल स्वरूप को पहचानने की बात की- सत्य एक है, जिसको हम विविध रूपों में कहा जाता रहा है।
यह ज्ञानसंपन्न व्याख्यान था जिसमें धार्मिक-सांस्कृतिक विविधता की महान विरासत को याद करते हुए युवाओं से भारत को विकसित करने का आह्वान किया गया था।
कार्यक्रम के आरंभ में श्री आरिफ़ मोहम्मद ख़ान का स्वागत कॉलेज के प्राचार्य प्रोफ़ेसर मसरूर अहमद बेग ने किया और उनको व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया। सफल संयोजन नोडल ऑफिसर डॉ बबली परवीन के लिया और कुशल संचालन प्रोफ़ेसर मधुमिता चक्रवर्ती ने किया।
कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के खचाखच भरे सभागार में किया गया।
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