यतीश कुमार द्वारा ‘मैला आँचल’ की काव्यात्मक समीक्षा

युवा कवि यतीश कुमार की काव्यात्मक समीक्षाओं के क्रम में इस बार पढ़िए रेणु के उपन्यास ‘मैला आँचल’ पर उनकी यह टिप्पणी। यह रेणु जी की जन्म शताब्दी का साल है। उनकी रचनाओं को नए सिरे से पढ़ने, नए संदर्भों में समझने का साल है- ===========================   मैला आँचल -पढ़ते …

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मिखाइल बुल्गाकोव की कहानी ‘देसी दारू का तालाब’

कल महान रूसी लेखक मिखाइल बुल्गाकोव की 80 वीं पुण्यतिथि थी। उनकी इस व्यंग्य रचना का मूल रूसी भाषा से अनुवाद किया है ए.चारुमति रामदास जी ने- मॉडरेटर =================================================== देसी दारू का तालाब   ईस्टर संडे की रात को दस बजे हमारा नासपीटा कॉरीडोर ख़ामोश हो गया. इस सुकूनभरी ख़ामोशी …

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जौन एलिया का लेख ‘मर्द बुर्का ओढ़ें’

शायर इरशाद ख़ान सिकन्दर ने हाल में ही ‘ज़ौन एलिया का जिन्न’ नामक नाटक लिखा है जिसका निर्देशन जाने माने रंग निर्देशक रंजीत कपूर ने किया है और जिसका प्रदर्शन होने वाला है। उसके लिए उन्होंने काफ़ी शोध किया। उसी दौरान उनको ज़ौन साहब का यह लेख मिला। उन्होंने इस …

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डेनिश औरतें अनगिनत कन्वेंशनल बक्सों से आज़ाद हैं!

पूनम दुबे के यात्रा वृत्तांत हम पढ़ते रहे हैं, उनक एक उपन्यास ‘चिड़िया उड़’ प्रकाशित हो चुका है। इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उनका यह लेख पढ़िए- जानकी पुल। =================== तकरीबन आठ महीने हो गए मुझे डेनमार्क शिफ्ट हुए. इन आठ महीनों में मैं स्कॅन्डिनेवियन देशों (नॉर्वे फ़िनलैंड स्वीडन …

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पेशेवर हूँ सर, पेशेवाली नहीं!

नीलिमा चौहान की पतनशील सीरिज़ हिंदी के स्त्री विमर्श की जड़ता को तोड़ने वाली किताबें हैं। पतनशील पत्नियों के नोट्स और ऑफ़िशियली पतनशील ने भाषा विमर्श के नए मेयार बनाए। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उनकी पुस्तक का यह अंश- मॉडरेटर ==================== जिनको यकीन है कि दफ्तरों में गर औरतें …

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महिला दिवस क्यों कहते हैं ? स्त्री दिवस क्यों नहीं?

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस मौक़े पर युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय का यह लेख पढ़िए- मॉडरेटर ========================= जब मेरा बेटा तीन या चार साल का था, हम अक्सर एक किताब पढ़ा करते थे – सालाना बाल कटाई दिवस। रंग-बिरंगी चित्र-पुस्तक थी और सरल सी कहानी – एक व्यक्ति साल …

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उषाकिरण खान की कहानी ‘पोर्ट्रेट’

हिंदी और मैथिली की वरिष्ठ लेखिका उषाकिरण खान की कहानी पढ़िए। एक साधारण सी घटना की करूण कहानी- मॉडरेटर ================ नरेश ने बीए पास कर लिया था। इतिहास आनर्स था। उसका रिजल्ट संतोषजनक रहा। उच्च अंक से उसने आनर्स पास किया। छोटा बड़ा प्रतियोगिता परीक्षा की ओर वह मुखातिब था। …

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    रेगिस्तान, नदी, समुद्र, पर्वतों को पार करने वाले मेरे सफर कहाँ हैं?

आर्थर रैंबो 19वीं शताब्दी फ़्रेंच कविता के उन कवियों में हैं जिनकी कविताओं ने आधुनिक कविता को कई रूपों में प्रभावित किया, महज़ 37 साल की आयु में दुनिया छोड़ कर जाने वाले इस लेखक का जीवन भी एक मिथक याँ किंवदंती की तरह बन गई। मदन पाल सिंह ने …

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ऑडियो बुक, ऑडिबल और राजपाल एंड संज

किताबों की दुनिया का अगला बड़ा घमासान ऑडियो बुक का क्षेत्र है। ऑडियो बुक के क्षेत्र के बारे में यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में इससे वे पाठक भी हिंदी से जुड़ सकते हैं जो किताबें नहीं पढ़ते हैं। हाल में ही अमेजन की सहयोगी कम्पनी …

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यतीश कुमार द्वारा ‘कसप’ पर काव्यात्मक टिप्पणी

यतीश कुमार बहुत निराले कवि हैं, जब कोई किताब पढ़ते हैं तो उसकी समीक्षा करते हुए कविता लिख देते हैं। पिछले दिनों उन्होंने मनोहर श्याम जोशी का उपन्यास ‘कसप’ पढ़ा और ऐसे प्रभावित हुए कि कई कविताएँ लिख दी। यह उनकी मौलिक शैली है और इस शैली में उनकी लिखी …

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