Home / कथा-कहानी (page 28)

कथा-कहानी

अजय नावरिया की कहानी ‘विखंडन’

अजय नावरिया समकालीन हिंदी के उन लेखकों में हैं जिन्होंने हिंदी लेखन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी. मुझे एक संस्मरण याद आ रहा है. एक बार नॉर्वे की एक युवा लेखिका भारत आई. वह ‘जानकी पुल’ की पाठिका थी. उसके साथ ईमेल से बातचीत भी होती थी. दिल्ली आने के बाद …

Read More »

वंदना राग की ‘रीगल स्टोरी’

रीगल सिनेमा बंद हो गया. हम सबके अंतस में न जाने कितनी यादों के निशाँ मिट गए. इसी सिनेमा हॉल के बाहर हम तीन दिन लाइन में लगे थे ‘माया मेमसाहब’ की टिकट के लिए. तब भी नहीं मिली थी. फिल्म फेस्टिवल चल रहा था. हम डीयू में पढने वालों …

Read More »

महादेवी वर्मा की एक क्यूट कहानी ‘नीलू कुत्ता’

एक बार पेरू देश के लेखक कार्लोस एरिगोवन ने मुझे यह कहकर चौंका दिया था कि महादेवी वर्मा का लेखन एक तरह से भारतीय जीवन दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने कहा कि उनकी पुस्तक ‘मेरा परिवार’ इस मामले में एक आदर्श पुस्तक है क्योंकि इसमें पशु पक्षियों के साथ …

Read More »

अथ ‘ब्रह्मोद्य’ प्रश्नोत्तरी उपाख्यान: मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला का उपसंहार                                         

जानी-मानी लेखिका मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला हम पढ़ रहे थे. संस्कृत कथाओं की याद दिलाती हुई इस कथा में हीरामन तोता भी था, हिमुली देवी भी. लेकिन समकालीन जीवन, समाज, राजनीति की कथाएं इससे निकलती जा रही थीं. लेकिन हर कथा की तरह इस कथा का भी अंत हो …

Read More »

शेषनाथ पांडेय की कहानी ‘तारीख़’

हिंदी के कई लेखक ऐसे हैं, जो कविता और कहानी दोनों विधाओं में समान अधिकार के साथ लिखते हैं। उनमें एक नाम शेषनाथ पांडेय है। साहित्य से इतर शेषनाथ, फ़िल्म/टीवी के लिए पटकथा भी लिखते हैं। फ़िलहाल मुबई में रहते हैं और दोस्तों के बीच अपनी दिलदारी के लिए बेहद …

Read More »

निर्मल वर्मा की कहानी ‘कव्वे और काला पानी’

आज गूगल ने बताया कि स्टोरीटेलिंग डे है. मुझे निर्मल वर्मा की कहानी याद आई- ‘कव्वे और काला पानी‘. असल में इस कहानी के याद आने का सन्दर्भ है. दो दिनों से संन्यास को लेकर बड़ी चर्चा है. इस कहानी को लेकर भी संन्यास को लेकर बहस हुई थी. आलोचक …

Read More »

मृणाल पांडे की कथा श्रृंखला ‘अथ वणिक रत्नसेन प्रबंध-4’

हिमुली की कथा क्या शुरू हुई कि कथा से कथा जुड़ती चली गई. यही प्राचीन कथा परम्परा की विशेषता है. मृणाल पांडे की यह कथा श्रृंखला अपने अंत की ओर बढ़ रही है लेकिन रोचकता अभी भी बरकरार है. पढ़कर बताइए- मॉडरेटर ======= श्रेष्ठि कन्या दंभिनी के जाने के बाद …

Read More »

मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानी ‘रंग रूप रस गंध’

होली आने वाली है. वरिष्ठ लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ की यह कहानी वृन्दावन की होली को लेकर है. पढियेगा- मॉडरेटर ===================================================== ‘आज बिरज में होरी रे रसिया की सामूहिक उठान पर अधेड ज़या माई का ध्यान खिंच गया। वह कोठरी में बैठी एक पुरानी गुदडी क़ी उधडी सींवन ठीक कर रही …

Read More »

शर्मिला बोहरा जालान की कहानी ‘एक अलग उजास में’

शर्मिला बोहरा जालान नए दौर की लेखिका हैं लेकिन पुराने शिल्प में सिद्धहस्त हैं. उनकी यह कहानी कैंसर से मरती एक माँ की कहानी है जिसमें संवेदना का उजास है, राग से मुक्त होते विराग की कथा है. कहानी कुछ लाबी है लेकिन अपने साथ बांधे लिए चली जाती है. …

Read More »

मृणाल पाण्डे का अथ वणिक रत्नसेन प्रबंध-4

यह जानकी पुल के लिए गौरव की बात है कि प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे एक कथा-श्रृंखला लिख रही हैं जो सबसे पहले जानकी पुल के पाठकों के लिए सामने आ रहा है. प्राचीन कथाओं के शिल्प में आधुनिक जीवन की गुत्थियाँ बहुत रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत कर रही हैं. आज …

Read More »