a कुछ दिन पहले ही भाई शरद चंद्र श्रीवास्तव ने अपनी कुछ कविताएँ पढ़ने के लिए भेजी थीं। क्या पता था अब उनसे कभी संवाद नहीं हो पाएगा। उनकी इन कविताओं के साथ जानकी पुल की ओर से शरद जी को श्रद्धांजलि- ============================= 1. “अपने अपने एकलव्य” हर …
Read More »पूजा प्रसाद की कुछ कविताएँ
आज कविताएँ पूजा प्रसाद की। पूजा पेशे से पत्रकार हैं। फ़िलहाल न्यूज़ 18 ऑनलाइन से जुड़ी हैं। लम्बे समय से इस पेशे में हैं। उनकी कविताओं में देखने का एक अलग नज़रिया लगा और कहन की एक अलग शैली। आप भी पढ़िए- ============================= अब धैर्य नहीं उम्मीद, …
Read More »महेंद्र मधुकर की कुछ कविताएँ
महेंद्र मधुकर हिंदी के प्रोफ़ेसर रहे हैं, कवि-गीतकार-उपन्यासकार महेंद्र जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे हैं। आज पहली बार जानकी पुल पर उनकी कुछ कविताएँ पढ़िए- ============================== बंधु से …
Read More »युवा कवि गोलेंद्र पटेल की कविताएँ
आज किसान और किसानी जीवन पर कुछ चकित का देने वाली कविताएँ पढ़िए।इसके कवि गोलेन्द्र पटेल के बारे में इतना ही जानता हूँ कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र हैं- ================= 1. ऊख // (१) प्रजा को प्रजातंत्र की मशीन में पेरने से रस नहीं रक्त …
Read More »तोताबाला ठाकोर के नाम एक खुला ख़त
हिंदीनेक्स्ट पर तोताबाला ठाकोर की कविताओं को पढ़कर उसके नाम एक खुला ख़त लिखा है ‘नीना आंटी’ की लेखिका अनुकृति उपाध्याय ने। आप भी पढ़ सकते हैं- तोतबाला ठाकोर के आत्मकथ्य वाली कविताएँ पढ़ीं । कविताओं का मुहावरा और शैली मौलिक है, कविता में कथा तत्त्व के कारण रोचकता भी …
Read More »स्मिता सिन्हा की नई कविताएँ
युवा कवयित्री स्मिता सिन्हा का कविता संग्रह आया है ‘बोलो न दरवेश’। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस कविता संग्रह की कुछ कविताएँ पढ़ते हैं- ============================== (1) दरवेश ——————— उस आकाश और इस धरा के बीच जहाँ क्षितिज विस्तार पाता है वहीं उसी बिन्दु पर पाती हूँ मैं …
Read More »सदानंद शाही की कविताएँ
सदानन्द शाही के तीन संग्रह प्रकाशित हैं, वे हिंदी के प्रोफ़ेसर हैं। पत्र-पत्रिकाओं में उनकी टिप्पणियाँ हम नियमित पढ़ते रहते हैं। उनकी कुछ कविताएँ पढ़ते हैं- ================================ 1 इंद्रिय बोध शब्द तुम्हारा नाम था वह जो गूंजता रहा मेरे भीतर मैं आकाश हुआ। …
Read More »प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ की ग़ज़लें
प्रियदर्शी ठाकुर ख़याल इन दिनों अपने उपन्यासों के कारण चर्चा में हैं लेकिन वे मूलतः ग़ज़लगो रहे हैं। आइए उनकी कुछ चुनिंदा ग़ज़लें उनके आत्मकथ्य के साथ पढ़ते हैं- ====================== पेशलफ्ज़ सन् १९७५ से शेर कहता आ रहा हूँ , और इस बरस पचहत्तर का हो जाऊँगा l …
Read More »राजीव कुमार की कविताएँ
राजीव कुमार की लिखी कई समीक्षाएँ हम लोगों ने पिछले दिनों में पढ़ी हैं। वे कविता लिखते हैं और उपन्यास भी लिख रहे हैं। फ़िलहाल उनकी कविताएँ पढ़िए- ==================== मैं नींद में कभी नहीं था सुकून का हिस्सा नहीं होती हैं रातें स्मृतियां विप्लव करती हैं कोई …
Read More »युवा कवि शाश्वत की कविताएँ
बनारस के युवा शाश्वत की कविताओं की तरफ़ युवा कवयित्री अनामिका अनु ने ध्यान दिलाया। ताज़गी से भरी ये कविताएँ साझा कर रहा हूँ- ========================= 1.छोड़े गये प्रेमी छोड़े गये प्रेमी…… छोड़े गये प्रेमी खूब गज़ब होते हैं , उन्हें बिंधती है बड़े भाई की कटीली मुस्कान …
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