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लेख

आज राहुल सांकृत्यायन को याद करने का दिन है

आज महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 125 वीं जयंती है. उन्होंने 148 किताबें लिखीं, दुनिया भर में घूमते रहे, बौद्ध धर्म सम्बन्धी अनेक दुर्लभ पांडुलिपियाँ लेकर भारत आये. वे इंसान नहीं मिशन थे. आज उनके मिशन, उनके विचारों को याद करने का दिन है. प्रसिद्ध विद्वान सुधीश पचौरी का यह लेख …

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उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ हमारे संगीत की रूह और आत्मा में बसे हुए हैं

कल उस्ताद बिस्मिल्ला खान की जयंती थी. उस्ताद बिस्मिल्ला खान दशकों तक शहनाई के पर्याय की तरह रहे. उनके ऊपर बहुत अच्छी किताब यतीन्द्र मिश्र ने लिखी है ‘सुर की बारादरी’. आज खान साहब पर यतीन्द्र मिश्र की लिखी यह छोटी सी सारगर्भित टिप्पणी- मॉडरेटर ——————————————— भारतीय शास्त्रीय संगीत में उस्ताद …

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तुम्हारी देह जिस आत्मा का घर थी उसे विदा कर दिया है

केदारनाथ सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए यह लेख अंजलि देशपांडे ने लिखा है. अंजलि जी ने हाल में ही जगरनॉट ऐप पर एक जबरदस्त सामाजिक थ्रिलर ‘एक सपने की कीमत’ लिखा है. इससे पहले राजकमल प्रकाशन से इनका उपन्यास ‘महाभियोग’ प्रकाशित है- मॉडरेटर ====================== “जो कवि कविता के साथ इतना …

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किसान आंदोलनों के पीछे षड़यंत्र नहीं किसानों के दर्द को समझिये!

देश में किसानों के संघर्ष बढ़ रहे हैं. हम उसको समझने के स्थान पर या तो उनके मध्यवर्गीय समाधान सुझा रहे हैं या उसके पीछे किसी बड़े राजनीतिक षड़यंत्र को देख रहे हैं. कुमारी रोहिणी का यह लेख ऐसे ही कुछ सवालों को समझने की एक कोशिश की तरह है- …

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ऑनलाइन समाचार की दुनिया में नयापन क्यों नहीं है?

ऑनलाइन समाचारों की दुनिया पर ‘हिंदी में समाचार’ जैसी शोधपरक पुस्तक के लेखक अरविन्द दास का लेख- मॉडरेटर =============== श्रीदेवी की दुखद मौत बॉलीवुड और उनके फैन्स के लिए सदमे से कम नहीं था. उनकी मौत होटल के बाथटब में दुर्घटनावश डूबने के कारण हुई, लेकिन टेलीविजन न्यूज चैनल ने …

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सिनेमा और होली का चोली-दामन का साथ रहा है!

होली पर जानकी पुल की तरफ से हैप्पी होली युवा लेखक विमलेन्दु के इस सुन्दर लेख के साथ- मॉडरेटर ============================================================ होली और ईद, भारत के दो ऐसे धार्मिक पर्व हैं, जिनमें धार्मिक आग्रह बहुत कम, और उल्लास एवं कुंठाओं के निरसन का भाव ज्यादा होता है। होली के साथ प्रहलाद-होलिका …

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बिजली भगवान का क्रोध नहीं है और बच्चे पेड़ से नहीं गिरते हैं!

नए संपादक की नई रचना. अमृत रंजन में जो बात मुझे सबसे अधिक प्रभावित करती है कि वह झटपट कुछ लिखकर लोकप्रिय नहीं हो जाना चाहता है बल्कि वह  लेखक के माध्यम से वैचारिक कगारों को छूना चाहता है, उनका अन्वेषण करना चाहता है. इसलिए उसकी कविताओं में और उसके …

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चिनार पत्तों पर जख़्मों की नक्काशी

गौतम राजऋषि के कहानी संग्रह ‘हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज’ पर कल यतीन्द्र मिश्र जी ने इतना आत्मीय लिखा कि उसको साझा करने से रोक नहीं पाया. ऐसा आत्मीय गद्य आजकल पढने को कम मिलता है- मॉडरेटर ======================================== कर्नल गौतम राजऋषि की किताब ‘हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज’ एक अदभुत पाठकीय अनुभव …

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कोरियाई उपन्यास ‘द वेजेटेरियन’ और अनुवाद को लेकर कुछ बातें

कोरियन भाषा की लेखिका हान कांग को उनके उपन्यास ‘द वेजेटेरियन’ को प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज मिला तो इस किताब की दुनिया भर में धूम मच गई. पहली बार हुआ था कि इस उपन्यास की अंग्रेजी अनुवादिका को भी लेखिका  के साथ पुरस्कार दिया गया. इस उपन्यास और इसके अनुवाद …

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चिनार के झड़ते पत्ते और कोरिया की रानी री

प्रवीण झा नौर्वे में रेडियोलोजिस्ट हैं. शायद ही कोई ऐसा विषय है जिसके ऊपर वे न लिखते हों. इस बार जानकी पुल पर बड़े दिनों बाद लौटे हैं. एक अनूठे गद्य के साथ- मॉडरेटर =============================================== राजा की गद्दी। अनुवाद यही ठीक रहेगा। एक बहुमंजिली इमारत की इक्कीसवीं मंजिल का वो …

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