Home / Featured (page 180)

Featured

Featured posts

आशुतोष भारद्वाज की कहानी ‘मिथ्या’

आज आशुतोष भारद्वाज की कहानी. उनकी कहानी का अलग मिजाज़ है. जीवन की तत्वमीमांसा के रचनाकार हैं वे. वे शब्दों को लिखते नहीं हैं उसे जीते हैं, उनकी कहनियों में जीवन की धड़कनों को सुना जा सकता है. कश्मीर के परिवेश को लेकर एक अलग तरह की कहानी है ‘मिथ्या’, …

Read More »

नंदकिशोर आचार्य की कविताएँ

वरिष्ठ कवि नंदकिशोर आचार्य का नया कविता संग्रह आया है ‘केवल एक पत्ती ने’, ‘वाग्देवी प्रकाशन, बीकानेर से. उसी संग्रह से कुछ कविताएँ आज प्रस्तुत हैं- जानकी पुल.    अभिधा में नहीं जो कुछ कहना हो उसे –खुद से भी चाहे— व्यंजना में कहती है वह कभी लक्षणा में अभिधा …

Read More »

आधुनिक कहानी के पिता थे मोपासां

आज आधुनिक कहानी के पिता माने जाने वाले लेखक मोपासां की पुण्यतिथि है. कहते हैं मोपासां ने कहानियों में जीवन की धडकन भरी, उसे मानव-स्वाभाव के करीब लेकर आये. संगीतविद, कवयित्री वंदना शुक्ल ने इस अवसर उन्नीसवीं शताब्दी के उस महान लेखक को इस लेख में याद किया है. आपके लिए …

Read More »

हिंदी सिनेमा के कुछ भूले बिसरे गीतकार

दिलनवाज़ जब फिल्म-गीतकारों पर लिखते हैं तो हमेशा कुछ नया जानने को मिलता है. इस बार उन्होंने हिंदी सिनेमा के कुछ ऐसे गीतकारों को याद किया है जिनको या तो हम भूल गए हैं या जिनके बारे में जानते ही नहीं हैं. पहले जब रेडियो का ज़माना था तो गीतों को …

Read More »

मनोहर श्याम जोशी का अंतिम साक्षात्कार

आज लेखक मनोहर श्याम जोशी की पुण्यतिथि है. देखते ही देखते उनकी मृत्यु के पांच बरस बीत गए. विश्व कप का सेमीफ़ाइनल शुरु होने से पहले पढ़ लेते हैं उनका अंतिम साक्षात्कार जो प्रसिद्ध पत्रकार अजित राय ने किया था. १९-३-२००६ को यानी उनकी मृत्यु से केवल ११ दिनों पहले. …

Read More »

‘रेणु’ हिन्दी साहित्य के संंत लेखक थे – निर्मल वर्मा

इस बात में कोई दो राय नहीं कि फणीश्वरनाथ रेणु हिंदी साहित्य के संत लेखक थे। लेकिन जब यही बात निर्मल वर्मा जैसे लेखक की क़लम कहती है तो बात में वजन आ जाता है। निर्मल वर्मा लिखते हैं– “रेणु जी पहले कथाकार थे जिन्होंने भारतीय उपन्यास की जातीय सम्भावनाओं …

Read More »

नफरत करनेवालों के सीने में प्यार भरनेवाले इन्दीवर

‘मल्हार’ फिल्म के गीत ‘बड़े अरमान से रखा है बलम तेरी कसम/ प्यार की दुनिया में ये पहला कदम’ से श्याम बाबू ‘आज़ाद’ इन्दीवर के नाम से मशहूर हो गए. आज उनकी पुण्यतिथि है. उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं और गीतों को लेकर महेंद्र भीष्म का यह लेख रचनाकार …

Read More »

सभी प्रतिमाओं को तोड़ दो: स्वामी विवेकानंद की कविताएँ

आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है. प्रस्तुत है उनकी कुछ कविताएँ- ================================== समाधि सूर्य भी नहीं है, ज्योति-सुन्दर शशांक नहीं, छाया सा व्योम में यह विश्व नज़र आता है. मनोआकाश अस्फुट, भासमान विश्व वहां अहंकार-स्रोत ही में तिरता डूब जाता है. धीरे-धीरे छायादल लय में समाया जब धारा निज अहंकार …

Read More »

निदा फाजली के शब्दों में शकील बदायूंनी का अक्स

निदा फाजली ने कुछ शायरों के ऊपर बहुत रोचक ढंग से लिखा है. यहाँ उनका लेख शायर-गीतकार शकील बदायूंनी पर. कुछ साल पहले वाणी प्रकाशन से उनकी एक किताब आई थी ‘चेहरे’ उसमें उनका यह लेख संकलित है.  ============= शेक्सपियर ने 1593 से 1600 के दरमियान एक सौ चौवन सॉनेट भी …

Read More »

मार्केज़ के एक इंटरव्यू का हिंदी अनुवाद

गाब्रियल गार्सिया मार्केज़ के साथ पीटर एच. स्टोन की बातचीत का सम्पादित अंश   जिसका अनुवाद मैंने किया है- प्रभात रंजन. प्रश्न- टेपरिकार्डर के उपयोग के बारे में आप क्या सोचते हैं? मार्केज़- मुश्किल यह है कि जैसे ही आपको इस बात का पता चलता है कि इंटरव्यू को टेप …

Read More »