आज प्रेम रंजन अनिमेष की गज़लों के साथ आप सभी को जानकी पुल की तरफ से नए साल की शुभकामनाएं =========== =========== =========== ( 1 ) (ग़ालिब से थोड़ी गुस्ताखी की हिमाकत करते हुए) कोई उम्मीद लौट कर आये कोई सूरत कहीं नज़र आये प्यार बनकर जुनूँ चढ़ा सर पर …
Read More »अंतिम दिन का मैदान
आज सचिन तेंदुलकर अपना आखिरी टेस्ट खेलने मैदान में उतरेंगे. विश्वास नहीं होता. अचानक अपने बूढ़े होने का अहसास होने लगा है. बहरहाल, हमारे दौर के एक जरुरी कवि प्रेम रंजन अनिमेष ने क्रिकेट को लेकर कुछ कविताएँ लिखी हैं. मुझे याद आता है कि विष्णु खरे ने भी कुछ …
Read More »बैठ अकेले दुख मत जापो, मिल कर जीवन राग अलापो
आज बाल दिवस पर कुछ बाल कविताएँ. कवि हैं भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित कवि प्रेम रंजन अनिमेष– जानकी पुल.=============== 1. मोटी रोटी दादी की यह मोटी रोटी छूछी भी लगती है मीठी गेहूँ मकई चना मिला है घर की चक्की का आटा है उपलों पर इसको सेंका है सत …
Read More »प्रीत के अंत और शुरुआत शब्द ज्यादा नहीं देते साथ
अपने कथ्य और शिल्प में विशिष्ट प्रेम रंजन अनिमेष की कवितायें हर बार कुछ नया रचने की कोशिश करती हैं । ‘मिट्टी के फल’ और ‘कोई नया समाचार’ के बाद उनका नया कविता संग्रह ‘संगत’ हाल ही में प्रकाशन संस्थान से आया है। पिता के जीवन के अंतिम वर्षों के …
Read More »75 साल के नन्द किशोर नवल
कल हिंदी के के वरिष्ठ आलोचक नन्द किशोर नवल 75 साल के हो रहे हैं। उनकी अथक ऊर्जा को प्रणाम। आज प्रस्तुत है उनके ऊपर हिंदी के प्रसिद्ध कवि कथाकार प्रेम रंजन अनिमेष का लिखा संस्मरण- जानकी पुल। ================ नवल जी हिंदी के वरिष्ठतम आलोचकों …
Read More »पाँचवें प्यार की पुण्यतिथि
अभी हाल में एक गंभीर और प्रिय कवि प्रेम रंजन अनिमेष की कहानी पढ़ी ‘पंचमी’. प्रेम कहानियां तो मैंने बहुत पढ़ी हैं, कुछ लिखी भी हैं, लेकिन इस कहानी में कुछ अलग बात है. क्या है आप खुद पढ़िए. बसंत की इस अप्रत्याशित रूप से ठंढी भोर में एक अप्रत्याशित-सी …
Read More »