हर गाँव शहर अब गूँज उठे जनगणमन के स्वर से

प्रसिद्ध कवि सुशील सिद्धार्थ के दो जनगीत आज प्रस्तुत हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहे, जन-लोकपाल के लिए हो रहे आंदोलन के सन्दर्भ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ये गीत लिखे हैं- जानकी पुल. १. अन्नाजी की बात पर विचार होना चाहिए अन्नाजी की बात पर विचार होना चाहिए …

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पर्वत पर्वत धारा फूटे लोहा मोम सा गले रे साथी

गोरख पांडे क्रांति के कवि थे. आज जनांदोलन के इस दौर में उनकी कुछ कविताएँ ध्यान आईं. आप भी पढ़िए- जानकी पुल. समय का पहिया समय का पहिया चले रे साथी  समय का पहिया चले  फ़ौलादी घोड़ों की गति से आग बरफ़ में जले रे साथीसमय का पहिया चलेरात और …

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ज़माने भर को को है उम्मीद उसी से

आज ज़हीर रह्मती की ग़ज़लें. वे नए दौर के संजीदा शायर हैं. ‘कुछ गमे-जानां, कुछ गमे दौरां’ के शायर. अपने समय की विडंबनाएं भी उनके शेरों में हैं तो जीवन की दुश्वारियां भी- जानकी पुल. 1. इशारे मुद्दतों से कर रहा है अभी तक साफ़ कहते डर रहा है. ज़माने …

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इमरान खान एक से ज्यादा मैदानों में खेलने वाला एक गैम्बलर है

भारतीय उप-महाद्वीप के सबसे महान हरफनमौला क्रिकेटर इमरान खान के जीवन-सफर पर किताब लिखने वाले फ्रैंक हुजुर खुद हरफनमौला हैं, लेकिन कलम के. साहित्य और पत्रकारिता की हर विधा में कलम चलाने वाले इस लेखक ने जानकी पुल से बातचीत में अपने पहले नाटक ‘हिटलर इन लव विथ मडोना’ से …

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‘कसप’ मैंने घोर निराशा और मोहभंग की मनःस्थिति में लिखा: मनोहर श्याम जोशी

आज हिंदी के मूर्धन्य लेखक मनोहर श्याम जोशी जीवित होते तो ७८ साल के हुए होते. आज उनके जन्मदिन पर उनके प्रेम-उपन्यास ‘कसप’ की रचना-प्रक्रिया पर उनका यह लेख प्रस्तुत है, जो उन्होंने मेरे कहने पर लिखा था और जो जनसत्ता में सबसे पहले प्रकाशित हुआ था. उनकी अमर स्मृति …

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‘उसने कहा था’: पन्ने से परदे तक

दिलनवाज़ आज बिमल रॉय की फिल्म ‘उसने कहा था’ के बारे में बता रहे हैं. चंद्रधर शर्मा गुलेरी की अमर कहानी पर बनी इस फिल्म पर एक दिलचस्प आलेख- जानकी पुल.  कथाकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कथा ‘उसने कहा था’ पर जाने-माने फ़िल्मकार बिमल राय ने इसी नाम से एक …

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गाँधी टू हिटलर’ की कहानी ‘ज़रा हटके’ है

फिल्म “गाँधी टू हिटलर’’ का कांसेप्ट प्रभावित करता है. द्यितीय विश्वयुद्ध के सबसे बड़े खलनायक हिटलर को लेकर, उसके अर्श से फर्श या कहें कि ‘बंकर’ तक का सफर फिल्म की कहानी का मुख्य हिस्सा है. इस कहानी से भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दो महानायक जुड़ जाते हैं, दो विचारधाराएँ …

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आशुतोष भारद्वाज की कहानी ‘मिथ्या’

आज आशुतोष भारद्वाज की कहानी. उनकी कहानी का अलग मिजाज़ है. जीवन की तत्वमीमांसा के रचनाकार हैं वे. वे शब्दों को लिखते नहीं हैं उसे जीते हैं, उनकी कहनियों में जीवन की धड़कनों को सुना जा सकता है. कश्मीर के परिवेश को लेकर एक अलग तरह की कहानी है ‘मिथ्या’, …

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नंदकिशोर आचार्य की कविताएँ

वरिष्ठ कवि नंदकिशोर आचार्य का नया कविता संग्रह आया है ‘केवल एक पत्ती ने’, ‘वाग्देवी प्रकाशन, बीकानेर से. उसी संग्रह से कुछ कविताएँ आज प्रस्तुत हैं- जानकी पुल.    अभिधा में नहीं जो कुछ कहना हो उसे –खुद से भी चाहे— व्यंजना में कहती है वह कभी लक्षणा में अभिधा …

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यह पलाश के फूलने का समय है

          आज युवा कवि अनुज लुगुन की कविताएँ. अनुज की कविताओं में सभ्यता का गहरा अँधेरा है, हाशिए के लोगों की वह उदासी जिसके कारण ग्लोब झुका हुआ दिखाई देता है. एकदम नए काव्य-मुहावरे के इस कवि में बड़ी संभावनाएं दिखाई देती हैं, बेहतर भविष्य की, …

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