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समीक्षा

‘अपेक्षाओं के बियाबान’ में कुछ कविताएँ

निधि अग्रवाल की कई कहानियाँ मुझे भी पसंद हैं। उनके कहानी संग्रह ‘अपेक्षाओं के बियाबान’ की कहानियों को पढ़ते हुए यह काव्यात्मक टिप्पणी की है यतीश कुमार ने, जो अपनी काव्यात्मक समीक्षा के लिए जाने जाते रहे हैं। आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन =================== स्मृतियों के प्रेत से मुक्ति पाने …

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‘अमेठी संग्राम’ का अमेठी और संग्राम

अनंत विजय की किताब ‘अमेठी संग्राम’ जब से आई है लगातार चर्चा में है। अभी हाल में इसका अंग्रेज़ी अनुवाद भी प्रकाशित हुआ है। इस किताब की विस्तृत समीक्षा लिखी है राजीव कुमार ने- ======================== ऐसे में जब राजनीतिक परिदृश्य उसके उथल पुथल और महती परिणामों  पर गंभीर बातें करना …

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एक मस्तमौला की जीवन कथा ‘अंदाज़-ए-बयां उर्फ रवि कथा’

युवा लेखकों को पढ़ने से उत्साह बढ़ता है। वैसे युवा लेखकों को पढ़ने से और भी जो अपनी परम्परा से जुड़ना चाहते हैं, उसको समझना चाहते हैं। युवा कवि देवेश पथ सारिया ने ममता कालिया की किताब ‘अंदाज़े-बयाँ उर्फ़ रवि कथा’ पर जो लिखा है उसको पढ़कर याहि अहसास हुआ। …

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जासूसीपन, थ्रिलरपन और रहस्यपन का रोचक कथानक ‘नैना’

संजीव पालीवाल के उपन्यास ‘नैना’ पर टिप्प्पणी जानी-मानी लेखिका नीलिमा चौहान ने लिखी है। एक रोचक और बेहद पठनीय उपन्यास की बहुत रोचक, पठनीय और विचारोत्तेजक समीक्षा। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================================= हाल के वर्षों में उपन्यास विधा के साथ दो सुंदर हादसे हुए हैं। एक तो यह कि …

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दिल्ली में नींद: नामालूम त्रासदियों के वृतांत

आज युवा लेखक उमाशंकर चौधरी का जन्मदिन है। यह संयोग है कि आज उनके कहानी संग्रह ‘दिल्ली में नींद’ की समीक्षा मिली। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हिंदी के प्रोफ़ेसर नीरज खरे ने यह समीक्षा लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ===================================               …

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‘ठाकरे राजनीति’ की गहरी पड़ताल करती किताब

धवल कुलकर्णी की किताब ‘ठाकरे भाऊ : उद्धव, राज और उनकी सेनाओं की छाया’ की समीक्षा पढ़िए। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की समीक्षा लिखी है युवा लेखक वसीम अकरम ने- ==================== एक परिवार के दो भाई जब अपनी-अपनी विचारधारा में विपरीत रास्ते पर चल रहे हों, और वह रास्ता अगर …

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देस: देशज संदर्भों का आख्यान

विनोद पदरज के कविता संग्रह ‘देस’ की समीक्षा युवा कवि देवेश पथ सारिया ने लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ============================================== विनोद पदरज देशज कवि हैं। वे राजस्थान की खांटी संस्कृति का हिंदी कविता में सशक्त प्रतिनिधित्व करते हैं। बीते वर्षों में सोशल मीडिआ के उदय ने इस स्वभाव …

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बने बनाए शिल्प को तोड़ता कथानक

अनुकृति उपाध्याय ने अपने पहले कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ से सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था। उसके पास अपनी कहानियाँ हैं और कहने की अपनी भाषा भी। उसके पहले लघु उपन्यास ‘नीना आँटी’ में यह विशिष्टता और उभर कर आई है। राजपाल एण्ड संज से प्रकाशित इस उपन्यास …

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आयो गोरखाली और गोरखाओं का इतिहास

गोरखाओं के इतिहास पर एक किताब आई है ‘आयो गोरखाली – अ हिस्ट्री ऑफ द गुरखा’स’, जिसके लेखक हैं टिम आई. गुरुंग. वेस्टलैंड से आई इस पुस्तक पर आज कलिंगा लिटेररी फ़ेस्टिवल के भाव संवाद में लेखक से बातचीत करेंगे नेपाल मामलों के विशेषज्ञ अतुल कुमार ठाकुर। फ़िलहाल आप किताब …

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पटना ब्लूज’ में बिहार की वर्तमान राजनीति की पृष्ठभूमि है

अब्दुल्ला खान का उपन्यास ‘पटना ब्लूज’ मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित हुआ लेकिन इस उपन्यास को दो साल के अंदर सभी भारतीय भाषाओं ने अपनाया है। यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक भाषाओं में अनूदित होने वाला उपन्यास बन गया है। इस उपन्यास पर एक टिप्पणी लिखी है …

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