प्रतिभा कटियार की कहानी पढ़िए। प्रतिभा कटियार – लखनऊ में जन्मी, पली-बढ़ी। राजनीति शास्त्र में एम ए, एलएलबी, पत्रकारिता में डिप्लोमा। 12 वर्षों तक प्रिंट मीडिया में पत्रकारिता। कुछ कहानियां, कुछ कविताएं व लेख हंस, नया ज्ञानोदय, कथाक्रम, वागर्थ, समास, अकार, अहा जिन्दगी समेत लगभग सभी हिंदी अखबारों में प्रकाशित। …
Read More »बहुरुपिये राक्षस और दो भाइयों की कथा: मृणाल पाण्डे
‘बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथायें’ सीरिज़ की यह 20 वीं कथा है। इस सीरिज़ में प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे पारम्परिक लोक कथाओं का पाठ इस तरह से करती हैं कि वे समकालीन लगने लगती हैं। एक और मानीखेज़ कथा आज पढ़िए- ========================= (क्या लोक कथाओं से राज समाज …
Read More »पात्रापात्रा टर्रानेवाले मेंढक और चींटी की कथा: मृणाल पाण्डे
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे ने बच्चों को न सुनाने लायक बालकथाएँ लिखनी शुरू की तो परम्परा से चली आ रही एक से एक लोक कथाएँ पुनर्जीवन पाने लगी, नए संदर्भों में प्रासंगिक लगने लगी। यह इस सीरिज़ की 19वीं कथा है। क़िस्सा पुराना है लेकिन पढ़ते हुए अपना समय ध्यान …
Read More »प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘गीता बाली तेरी याद में’
प्रमोद द्विवेदी पत्रकार रहे हैं। जनसत्ता अख़बार में फ़ीचर संपादक। कहानियाँ कम लिखते हैं लेकिन अपने ग़ज़ब की पठनीय कहानियाँ लिखते हैं। उनके किरदार याद रह जाते हैं। यह कहानी पढ़िए- ================== जनवरी की सर्दी में सुबह-सुबह पांच बजे घमंडी यादव का घबराया हुआ फोन आया, ‘गुरु गीता बाली के …
Read More »अंधेरे देश, कंजे राजा और गंजे महामंत्री कथा: मृणाल पाण्डे
बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथायें सीरिज़ की यह 18वीं कथा है। प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे लोक कथाओं के पिटारे से ऐसी कथाएँ निकाल रही हैं जिनसे हमें अपना समकाल बेहतर समझ में आने लगता है। लेखिका को इसकी मूल लोक कथा तमिल से कवि ए के रामानुजन द्वारा …
Read More »मूर्ख, महामूर्ख और वज्रमूर्खों की कथा: मृणाल पाण्डे
बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाओं की यह सत्रहवीं कड़ी है। वरिष्ठ लेखिका मृणाल पाण्डे लोक कथाओं की पोटली खोलती हैं और सदियों की संचित कथाओं में हमें अपने समकालीन राजनीतिक प्रसंग समझ में आने लगते हैं। समकालीन राजनीति का प्रहसन खुलने लगता है। जैसे मूर्खता की यह कथा …
Read More »निवेदिता की कहानी ‘मैं पगली ऐसी जली कोयला भई न राख’
निवेदिता जी सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। आम लोगों के जीवन को बड़े क़रीब से देखती हैं। जीवंत कहानियाँ लिखती हैं। जैसे यह कहानी। मिथिला की परम्परा, स्त्रियों के मन की कसक की एक बेजोड़ कहानी है। आप भी पढ़िए। अच्छा लगेगा- ============= टैक्सी कोसी नदी पर बने पुल से निकल कर …
Read More »मृणाल पाण्डे की कथा ‘नकाबपोश नकटापंथ की उत्थान-पतन कथा’
पुरानी लोककथाओं की शैली में प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे कथा सीरिज़ लिख रही हैं ‘बच्चों को न सुनाने लायक़ बालकथाएँ’। यह सोलहवीं कथा है जो साधू के वेश में रह रहे एक ठग की कथा है। रोचक और प्रासंगिक। आप भी आनंद उठाइए- =================== बहुत दिन हुए एक शहर में …
Read More »प्रेमाकुल रागमंजरी और दुनियादार काममंजरी गणिकाओं की कथा: मृणाल पाण्डे
‘बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथा’ प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे की कथा ऋंखला है जिसमें वह हिंदी-संस्कृत की कथा-परम्परा की याद दिला रही हैं। यह पंद्रहवीं कथा है जो सबसे अलग है और सबसे उदास भी। आप भी पढ़ सकते हैं- मॉडरेटर =============== (टीवी और सोशल मीडिया के नक्कारखाने में …
Read More »मृणाल पाण्डे की कथा:भगवान का हाथ और सुबिया भिखारी की कथा
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे इन दिनों बच्चों को न सुनाने लायक बालकथाएँ लिख रही हैं। यह 14वीं किस्त है। यह कथा उत्तराखंड की एक लोक कथा पर आधारित है। लोक कथाओं की यह विशेषता होती है कि वे हर युग में प्रासंगिक लगती हैं। हर दौर में उनके युगानुकूल अर्थ …
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