आज मशहूर गायिका शांति हीरानंद का निधन हो गया। वह बेगम अख़्तर की शिष्या थीं और उन्होंने बेगम अख़्तर पर एक किताब भी लिखी थी। उनको याद करते हुए उनकी एक पुरानी बातचीत पढ़िए। बातचीत प्रसिद्ध कवि-लेखक यतींद्र मिश्र ने की है, जिन्होंने बेगम अख़्तर पर एक यादगार किताब संपादित …
Read More »यतींद्र मिश्र की कुछ वासंती कविताएँ
आज बसंत पंचमी है। सूफ़ी परम्परा में भी बसंत का बड़ा महत्व रहा है। इसी अवसर पर जाने माने कला मर्मज्ञ , कवि यतींद्र मिश्र की कुछ कविताएँ पढ़िए। बसंत की इस परम्परा को उन्होंने शब्दों में पिरोते हुए यह याद दिलाने की कोशिश की है कि इस देश में …
Read More »प्रेम और रूमान के इस गीतकार ने जैसे अन्तस छू दिया हो
कवि-गीतकार नीरज का कल निधन हो गया. जिस तरह से सोशल मीडिया, मीडिया में उनको याद किया जा रहा है उससे लगता है कि वे सच्चे अर्थों में जनकवि थे. समाज के हर तबके में उनके प्रेमी थे. कल वे ट्विटर पर भी ट्रेंड कर रहे थे और आज ‘दैनिक …
Read More »यतीन्द्र मिश्र के जन्मदिवस पर उनकी कुछ नई कविताएँ
यतीन्द्र मिश्र निस्संदेह मेरी पीढ़ी के प्रतिनिधि लेखक हैं. हर पीढ़ी में अनेक लेखक अपने अपने तरीके से शब्दों का संसार रच रहे होते हैं, लेकिन कुछ ही लेखक होते हैं जो उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने लगते हैं. यतीन्द्र जी ने अनेक विधाओं में अपने लेखन से ही प्रतिनिधि …
Read More »उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ हमारे संगीत की रूह और आत्मा में बसे हुए हैं
कल उस्ताद बिस्मिल्ला खान की जयंती थी. उस्ताद बिस्मिल्ला खान दशकों तक शहनाई के पर्याय की तरह रहे. उनके ऊपर बहुत अच्छी किताब यतीन्द्र मिश्र ने लिखी है ‘सुर की बारादरी’. आज खान साहब पर यतीन्द्र मिश्र की लिखी यह छोटी सी सारगर्भित टिप्पणी- मॉडरेटर ——————————————— भारतीय शास्त्रीय संगीत में उस्ताद …
Read More »चिनार पत्तों पर जख़्मों की नक्काशी
गौतम राजऋषि के कहानी संग्रह ‘हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज’ पर कल यतीन्द्र मिश्र जी ने इतना आत्मीय लिखा कि उसको साझा करने से रोक नहीं पाया. ऐसा आत्मीय गद्य आजकल पढने को कम मिलता है- मॉडरेटर ======================================== कर्नल गौतम राजऋषि की किताब ‘हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज’ एक अदभुत पाठकीय अनुभव …
Read More »‘लता सुर-गाथा’- आलोचना नहीं श्रद्धा की कथा
इस साल निस्संदेह यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘लता: सुर गाथा’ हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब रही. लेकिन इस किताब को लेकर कोई विस्तृत टिप्पणी या समीक्षा पढने में नहीं आई है. आज कल समीक्षा की जगह पर प्रोमोशन चलने लगा है. किताब चाहे कितनी भी बड़ी हो, उसका विषय कितना …
Read More »हिंदी सिनेमा का शुरूआती ज़माना और बाइयों का फ़साना
आज यतीन्द्र मिश्र का जन्मदिन है. मुझे 15-16 साल पहले का वह दौर याद आ रहा है जब यतीन्द्र की किताब ‘गिरिजा’ आई थी. गायिका गिरिजा देवी पर लिखी वह किताब हिंदी में अपने ढंग की पली ही किताब थी. बड़ी धूम मची थी. तब मैं लेखक नहीं वेखक था. …
Read More »फागुन में यतीन्द्र मिश्र की कविता ‘फाग बंधाओ’
यतीन्द्र मिश्र इन दिनों ‘लता सुरगाथा’ पुस्तक लिखने के बाद अपने लेखन का बसंत जी रहे हैं. लेकिन वे मूलतः कवि हैं. आज फागुन के इस मौसम में मुझे उनकी कविता ‘फाग बंधाओ’ की याद आई. आज के सन्दर्भ में बहुत माकूल कविता- कविता का प्रसंग यह है कि हज़रत …
Read More »हबीब जालिब की नज़्म ‘लता’
यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा’ पढ़ रहा था तो उसमें इस बात के ऊपर ध्यान गया कि इंकलाबी शायर हबीब जालिब जब 1976 में जेल में बंद थे तो वे लता मंगेशकर के गीत सुना करते थे. उन्होंने कहा है कि जेल में उनको जो रेडियो दिया जाता …
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