Home / Featured / गुलजार साहब की ‘पाजी नज्में’

गुलजार साहब की ‘पाजी नज्में’

दिन भर हिंदी उर्दू की बहस देखता रहा, लेकिन शाम हुई तो गुलजार साहब याद आ गए. उनकी नज्मों की किताब आई है राजकमल प्रकाशन से ‘पाजी नज्में’. उसी संकलन से कुछ नज्में- मॉडरेटर

==========================================

1. ऐसा कोई शख़्स नज़र आ जाए जब…

ऐसा कोई शख़्स नज़र आ जाए जब
कान पे जिसका हाथ न हो
दाएँ- बाएँ टहल-टहल के
ख़ुद ही हँसता, बोलता न हो
बिन मोबाइल खाआ जाए कोई तो
ख़्वामखवाह ही जाकर हाथ मिलाने को जी करता है

इस दुनिया में खाली हाथ आता है इंसान
जाता है, मोबाइल लेकर जाता है!

2.सॉरी सर

बड़े बेजायका से लफ़्ज़ भर जाते हैं कुछ मुँह में
कि जैसे मिट्टी भर जाए
या जैसे रेत फाँकी हो
निगल सकता हूँ, न मैं थूक सकता हूँ
मैं ख़ुद को लानतें देता हूँ,
मेरे होंट काग़ज़ के फटे टुकड़े की मानिंद फड़फड़ाते हैं,
मुझे जब बेवजह अफ़सर से माफ़ी माँगनी पड़ती है दफ़्तर में!

3. फ़रवरी

 

ये मुर्ग़ी महीना है!
ये मुर्ग़ी…दो पाँव पर बैठे बैठे
परों के नीचे जाने कब अंडा देती है
सेती रहती है
चार साल सूरज के गिर्द ये, बैठे-बैठे गर्दिश करती है
तब एक चूज़ा पैदा होता है इसका

इस साल उन्तीस दिन हैं फ़रवरी के
मुर्ग़ी महीना फ़रवरी का है!

 

4. हाईटेक इलेक्शन

सुना है इस इलेक्शन में…
हमें फ़िल्टर मिलेंगे ताकि पानी साफ़ करके पी सकें हम
हमारे झोपड़ों की छत पे भी,
वो कह गए हैं,
‘टीन’ की चादर पर ‘एंटीना’ लगा देंगे
बहुत पाला पड़ा अबके, तो कम्बल की जगह हीटर मिलेंगे
मसाले हैं अगर घर में तो क़िस्तों पर हमें ‘मिक्सी’ मिलेगी
फ़क़त बिजली का वादा ही नहीं करते!

वो हमसे मसखरी करते हैं, कहते हैं
कहीं बेटी ना हो फिर से
तुम्हारी जब भी नसबंदी करवाएँगे
तो ‘ट्रैंज़िस्टर’ नहीं अब के तो मोबाइल दिलाएँगे
ये हाईटेक इलेक्शन है!

5.कहा गया है कैबिनेट के सब वज़ीर

कहा गया है कैबिनेट के सब वज़ीर अपने – अपने राज़ीनामे भेज दें
वज़ारतें बदल के सबको, फिर से बाँटी जाएँगी.

हमारी दादी भी लिहाफ़ का गिलाफ
जब भी मैला होता था,
सारे टाँके खोलकर,
उलट के कपड़ा, फिर से उसको सीतीं थीं!

 
      

About Prabhat Ranjan

Check Also

ज़ेरी पिंटो के उपन्यास ‘माहिम में कत्ल’ का एक अंश

हाल में ही राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित उपन्यास ‘माहिम में क़त्ल’ का मुंबई में लोकार्पण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *