हाल में मैंने उर्दू के लेखक रहमान अब्बास के लेटेस्ट नॉवेल ‘रोहज़िन’ पर लिखा था। जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है। आज ललिता दासगुप्ता (जो डिफ़ेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑरगेनाइजेशन, दिल्ली में सांइटिस्ट हैं) ने एक टिप्पणी लिख भेजी है। आप भी पढ़िए – त्रिपुरारि ======================================================= रोहज़िन उर्दू लेखक रहमान अबबास का एक ऐसा …
Read More »चलते-चलते दिमाग भी एक यात्रा पर निकल पड़ता है
करीब छः महीने हो गए उमेश पन्त की किताब ‘इनरलाइन पास’ के आये. हिन्द युग्म से प्रकाशित इस यात्रा वृत्तान्त को जिसने भी पढ़ा वह इसका हमसफ़र बन गया. इस किताब की यह विस्तृत समीक्षा श्रीश के. पाठक ने लिखी है- मॉडरेटर =================================================== बड़ी मुश्किल से हम गर्भ के कोकून …
Read More »जीवन और कला के अंतर्संबंधों की बेहतरीन किताब ‘सिमिट सिमिट जल’
कुछ किताबें ज्ञान बढाने के लिए होती हैं, कुछ मन को गुदगुदाने के लिए, कुछ गर्मी की छुट्टियों में पहाड़ों पर पेड़ के नीचे लेटकर पढने के लिए. गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हो चुकी हैं. अगर आप इन छुट्टियों में कहीं जाने की योजना बना रहे हैं तो मेरा आग्रह …
Read More »Lata:Sur Gatha- Blunder or Wonder
Attacks and counterattacks, world of literarture is not untouched by this but what matters is identification of right and wrong. Day before yesterday there was an article by Ashutosh Bhardwaj on book written on Lata’s musical journey by Yatindra Mishra.( LATA:SUR GATHA) He unbiasedly touched those points which were left during all …
Read More »एक लगभग अलक्षित चली गई किताब के बारे में कुछ जरूरी बातें
2016 में सिनेमा, मीडिया की भाषा पर एक ठोस किताब आई ‘मीडिया की भाषा लीला’. इतिहासकार रविकांत की इस किताब पर किसी प्रोमो राइटर ने लिखा, इसको कहीं कोई पुरस्कार नहीं मिला. लेकिन बरसों तक सन्दर्भ पुस्तक के रूप में इसको संदर्भित किया जायेगा. इसके गहरे शोध और इसमें व्यक्त …
Read More »‘लता सुर-गाथा’- आलोचना नहीं श्रद्धा की कथा
इस साल निस्संदेह यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘लता: सुर गाथा’ हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब रही. लेकिन इस किताब को लेकर कोई विस्तृत टिप्पणी या समीक्षा पढने में नहीं आई है. आज कल समीक्षा की जगह पर प्रोमोशन चलने लगा है. किताब चाहे कितनी भी बड़ी हो, उसका विषय कितना …
Read More »हुसैन हक्क़ानी की किताब में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान
हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में दुश्मनी बढती जा रही है. दोस्ती की गुंजाइश कम होती जा रही है. जगरनॉट से प्रकाशित हुसैन हक्कानी की किताब ‘भारत vs पाकिस्तान: हम क्यों दोस्त नहीं हो सकते’ में यही बताया गया है. हुसैन हक्कानी पाकिस्तान के चार प्रधानमंत्रियों के सलाहकार रह चुके हैं इसलिए उनकी …
Read More »कितनी सारी देवियां, कितनी सारी स्त्रियां, कितनी सारी कथाएं
भारत में देवी के मिथक को समझने के लिहाज से, देवी के अलग रूपों को समझने के लिहाज से देवदत्त पट्टनायक की पुस्तक ‘भारत में देवी अनंत नारीत्व के पांच स्वरूप’ बहुत उपयोगी है. मूल अंग्रेजी में लिखी गई इस किताब के हिंदी अनुवाद की बहुत अच्छी समीक्षा जाने-माने लेखक प्रियदर्शन …
Read More »अफसानों में उभरा फसाद का दर्द
राजकमल प्रकाशन से जुबैर रिजवी के संपादन में एक किताब आई है ‘फसादात के अफ़साने’ यानी दंगों से जुड़ी कहानियां. नागेश्वर पांचाल ने इस किताबा पर लिखा है- मॉडरेटर =============================== फ़सादत के अफ़साने, जुबैर रज़वी द्वारा सम्पादित हिन्दुस्तान के फसादात के अफ़सानों का संग्रह है | फ़सादत के किस्सों पर …
Read More »मुक्ति-भवन – मोक्ष का वेटिंग रूम
कुछ फ़िल्में ऐसी होती है जो लीक से हटकर होती हैं। जिसे कुछ ख़ास तरह के लोग पसंद करते हैं। ऐसी ही फ़िल्म है मुक्ति भवन। फ़िल्म के बारे में युवा लेखक नागेश्वर पांचाल ने लिखा है। आप भी पढ़िए – सम्पादक ======================================================== गुस्ताव फ्लौबेर्ट कहते है “देयर इज नो …
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