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यात्रा

हाथी की देह पर खड़िया की धारियों सी रेवा!

हिन्दी की वरिष्ठ लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ का यह वृत्तांत पढ़िए। रेवा नदी को लेकर लिखा है और खूब सारे पाठ संदर्भों के साथ। बहुत रोचक और बहुत गहराई के साथ लिखा गया यह गद्यांश पढ़कर पानी राय दीजिये- ====================== ‘स्थित्वा तस्मिन् वनचरवधूभुक्तकुंजे मुहूर्तम तोयोत्सर्गाद्द्रुततरगतिस्तत्परं वर्त्म तीर्ण: । रेवां द्रक्ष्यस्युपलविषमे  विंध्यपादे …

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नीली नदी, गुलाबी दरख़्त और एकाकी जीवन

पूनम दुबे इन दिनों डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में रह रही हैं। डेनिश भाषा सीख रही हैं। इस बार अर्से बाद अपनी यात्रा कथा के साथ लौटी हैं। इस बार स्थान  है जर्मनी का एक छोटा सा शहर ऍनडरनाख। बहुत पठनीय है- =================== राइन नदी के किनारे बसे ऍनडरनाख एक …

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एडिनबरा के भूमिगत भूत: मनीषा कुलश्रेष्ठ

प्रसिद्ध लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ का गद्य बहुत सम्मोहक होता है। इस यात्रा वृत्तांत में तो वह और भी निखार का आया है। आप भी पढ़िए- ====================== स्कॉटलैंड एक रहस्यमयी और सपनीला टुकड़ा है इंग्लैंड का। मैं तो स्कॉटलैंड को अलग देश मानने से भी गुरेज़ न करूं। ठीक वैसे ही …

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सूटकेस में यादें और प्रॉमिस लैंड की तलाश

पूनम दुबे की यात्राओं के किस्से हमने जानकी पुल पर खूब पढ़े हैं। इस बार लम्बे अंतराल के बाद उन्होंने लिखा है। कोपेनहेगन से बर्लिन की यात्रा पर। दिलचस्प है। अपने आपमें बहुत कुछ समेटे। आप भी पढ़िएगा- ============================ पैंडेमिक को लगभग दो साल हो गए। वैक्सीनेशन का प्रोग्राम दुनिया …

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कश्मीर, किताबें, और… पता नहीं क्या कुछ: प्रदीपिका सारस्वत

कश्मीर की कुछ यादों के साथ प्रदीपिका सारस्वत लौटी हैं। उनके गद्य के हम सब क़ायल रहे हैं। यह भी पढ़ने लायक़ है- ========================= कश्मीर, किताबें, और… पता नहीं क्या कुछ अल्मोड़ा की पहाड़ियों में रविवार की धूप के बीच गुलमर्ग और साहित्य उत्सव को याद करना किसी दूसरे समय, …

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पूनम दुबे की कोपेनहेगन डायरी

पूनम दुबे कोपेनहेगन में रहती हैं। उन्होंने यूरोप के अलग-अलग शहरों से जुड़े अपने कई संस्मरण लिखे हैं जो जानकी पुल पर प्रकाशित हैं। इस बार उन्होंने बहुत दिनों बाद डेनमार्क की जीवन शैली पर कुछ लिखा है। एक नायाब गद्य- ============================ वह बॉलकनी में रिक्लाइनर कुर्सी पर लेटी घूप …

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लाल्टू का ‘खंडहर एक सफ़र’

लाल्टू हिंदी के जाने माने कवि  हैं, सामाजिक कार्यकर्ता हैं, अनुवादक हैं। इस बार उन्होंने गद्य में खंडहर का सफ़रनामा लिखा है। आप भी पढ़िए इस खंडहर होते समय में कुछ खंडहर यादें- जानकी पुल ============   खंडहर : एक सफर   1 ठंड की बारिश बन टपक रहा हूँ। …

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सचिन देव शर्मा का यात्रावृत्तांत  ‘दी सिटी ऑफ़ डेस्टिनी’

सचिन देव शर्मा एक जर्मन बहुराष्ट्रीय कम्पनी में अधिकारी हैं। यात्रा करते हैं और यात्राओं पर लिखते हैं। उनका यह लेख विशाखापत्तनम यात्रा का वृत्तांत है। पढ़िएगा- मॉडरेटर ======= विशाखापत्तनम एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही शहर को समझने की कवायद शुरू कर दी। एयरपोर्ट से होटेल पहुँचने तक शहर की …

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गंगा पर  कोहरे की परियाँ नाच  रही हैं

ठंड में रज़ाई में बैठकर अच्छी रचनाएँ पढ़ने का अपना ही सुख है। आज पढ़िए अनुकृति उपाध्याय की नई रचना। बनारस की पहली यात्रा से लौटकर लिखा है- मॉडरेटर ================ हरे काँच की गंगा काशी के घाटों के पीले प्रस्तरों से टिकी बह रहीं हैं। बह क्या रहीं हैं, बहने …

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लाल-हरा चूड़ा और गोल्ड्मन साक्स

अनुकृति उपाध्याय को हम उनके हिंदी कहानियों के संग्रह ‘जापानी सराय’ तथा अंग्रेज़ी में दो लघु उपन्यासों ‘दौरा’ और ‘भौंरी’ के लिए जानते हैं।जानकी पुल पर वह समय समय पर वह यात्राओं पर लिखती रही हैं और इसमें भी उनकी नई शैली है। मसलन यह पढ़िए- मॉडरेटर =============== साल – …

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