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किन्नर कौन होते हैं?

प्रसिद्ध लेखक एस. आर. हरनोट की कहानियां अक्सर हमें कुछ सोचने के लिए विवश करती हैं. उनकी अनेक कहानियों में हिमाचली संस्कृति, वहां की परम्पराओं के प्रति गहरी चिंता दिखाई देती है. आज उनकी एक कहानी ‘किन्नर’. किस तरह किन्नौर के लोगों के लिए प्रयुक्त होने वाला यह शब्द कालांतर …

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सब ठीक-ठाक ही दीखता है इस अल्लसुबह…

अपर्णा मनोज की कविताओं का मुहावरा एकदम अलग से पहचान में आता है. दुःख और उद्दाम भावनाओं के साथ एक गहरी बौद्धिकता उनकी कविताओं का एक अलग ही मुकाम बनाती हैं.  कई-कई सवाल उठाने वाली ये कविताएँ मन में एक गहरी टीस छोड़ जाती हैं. आज प्रस्तुत हैं उनकी पांच …

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ज्ञानी होइ सो अरथु लगावै, मुरख होइ उठि जाइ

युवा इतिहासकार सदन झाकी पकड़ शास्त्र और लोक दोनों पर ही समान रूप से और गहरी है. लोक-ज्ञान पर इस लेख को पढकर इसकी ताकीद की जा सकती है. आधुनिक औपचारिक शिक्षा से अलग  ज्ञान की एक संचित परंपरा रही है, जिससे हमारा नाता टूटता जा रहा है. उन्हीं टूटे …

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एक लड़की लिख देती है ‘समंदर’

आज पेश है युवा कवि उस्मान ख़ान की कविताएँ। उस्मान को आप कल (22 सितम्बर 2011) इंडिया हैबिटैट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित ‘कवि के साथ’ कार्यक्रम में भी कविता पाठ करते हुए सुन सकते हैं। जानकीपुल पर उस्मान की कविताएँ पहली बार प्रकाशित करते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है …

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जाना ‘रागदरबारी’ जैसे क्लासिक के लेखक का

प्रसिद्ध लेखक श्रीलाल शुक्ल को २००९ का ज्ञानपीठ पुरस्कार कुछ दिन पहले ही दिया गया. आज उनका देहांत हो गया. वे हिंदी में अपनी धारा के अकेले ही लेखक थे. एक ऐसे लेखक जिनकी हिंदी समाज में गहरी व्याप्ति भी थी. ‘रागदरबारी’ उपन्यास शायद हिंदी से सबसे अच्छे उपन्यासों में …

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दुश्मन-दोस्त सभी कहते हैं, बदला नहीं हूँ मैं

आज मशहूर शायर शहरयार को अमिताभ बच्चन के हाथों ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जा रहा है. आइये उनकी कुछ ग़ज़लों का लुत्फ़ उठाते हैं. वैसे यह बात समझ नहीं आई कि अमिताभ बच्चन के हाथों ज्ञानपीठ पुरस्कार क्यों?- जानकी पुल. 1. कहीं ज़रा सा अँधेरा भी कल की रात न थागवाह …

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अनुवाद, ‘एकांत’ और किस्सा इमामुद्दीन

प्रसिद्ध कवि, प्रतिलिपि.इन के संपादक गिरिराज किराड़ू का एक दुर्लभ गद्य, जिसमें संस्मरण के बहाने उन्होंने बहुत सारे ऐसे प्रसंग उठाये हैं जिसमें साहित्य है, शहरों-कस्बों का परिवेश है उनमें भटकता जीवन है- जानकी पुल. प्रताप नगर, जयपुर  हनीफ़ कुरैशी का संसार एकदम अलग है. उसका लेखन भी. मैं उस …

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लेखक का उद्देश्य उसकी रचना का प्राणतत्व है

अल्पना मिश्र समकालीन हिंदी कहानी की जानी-पहचानी हस्ताक्षर हैं. हमारे लिए उन्होंने अपनी रचना-प्रक्रिया पर लिखा है- जानकी पुल. बिल्कुल सीधा न तो जीवन होता है, न अनुभव और न ही किसी रचना की प्रक्रिया। रचना प्रक्रिया एक बेहद जटिल स्थिति है,जैसे जीवन। केवल किसी घटना या स्थिति को देख कर, सुन …

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‘सभ्यताओं के संघर्ष’ की औपन्यासिक कथा

जॉन अपडाइक अमेरिका के बड़े लेखकों में गिने जाते थे. 2009 में उनका देहांत हुआ. अमेरिका में ९/११ की घटना के बाद उन्होंने एक उपन्यास लिखा था ‘टेररिस्ट’. २००७ में प्रकाशित इस उपन्यास में उन्होंने यह समझने का प्रयास किया है कि आखिर अमेरिका जैसे जनतांत्रिक और सहिष्णु समझे जाने …

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देहयात्रा ही बन गई गेहयात्रा

प्रेमचंद गाँधी मूलतः कवि हैं. एक कविता संग्रह ‘इस सिंफनी में’ और एक निबंध संग्रह ‘संस्‍कृति का समकाल’ प्रकाशित। समसामयिक और कला, संस्‍कृति के सवालों पर निरंतर लेखन। कई नियमित स्‍तंभ लिखे। सभी पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। कविता के लिए लक्ष्‍मण प्रसाद मण्‍डलोई और राजेंद्र बोहरा सम्‍मान। अनुवाद, सिनेमा और …

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