21-22 जुलाई को मण्डला में रजा न्यास की ओर से ‘समवाय’ का आयोजन किया गया था। उसकी विस्तृत रपट लिखी है कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- =================== मम्मी, आपको देर हो गई ना आने में। हमारे परफॉर्मेंस पर लोगों ने खूब तालियां बजाईं। बहुत सराहा गया हमें।’ बारिश के बूंदा-बांदी में …
Read More »एक देशभक्त की कथा: हरिशंकर परसाई
आज महान व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की जयंती है। आज से उनकी जन्मशताब्दी की भी शुरुआत हो रही है। इस अवसर पर पढ़िए उनका एक व्यंग्य जो ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ से लिया है। यह किताब राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- ======================= चीनी डॉक्टर भागा [एक देशभक्त की कथा] शहर के …
Read More »पुरानी देह से नया परिचय कराती ‘एवरीथिंग नोबडी टेल्स यू अबाउट योर बॉडी’
अभी हाल ही में डॉ.तनाया नगेंद्र ( डॉ. क्यूटरस के नाम से प्रसिद्ध) की किताब आई है ‘tanaya ‘। पेंग्विन से प्रकाशित इस किताब में मुख्यत: स्त्री-पुरुषों के प्रजनन संबंधी अंगों से जुड़ी नई व्याख्या प्रस्तुत की गई है। इसके साथ ही इन सब से जुड़ कई मिथों को तोड़ने …
Read More »मेरी कथा कसौटी: रत्नेश्वर
हिंदी में साइंस फ़िक्शन की विधा को लोकप्रिय बनाने वाले लेखक रत्नेश्वर ने अपने लेखन की कसौटी, रचना प्रक्रिया के बारे में लिखा है। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================== एक उपन्यासकार-कथाकार के रूप में मैंने स्वयं के लिए कुछ कसौटी तय कर रखी है. स्वलेखन में मैं कथा को …
Read More »धीरेंद्र अस्थाना की आत्मकथा पर यतीश कुमार की टिप्पणी
प्रसिद्ध लेखक धीरेंद्र अस्थाना की आत्मकथा को आए कई साल हुए लेकिन अभी उसकी चर्चा मंद नहीं पड़ी है। आज कवि-समीक्षक यतीश कुमार ने राजकमल से प्रकाशित उनकी आत्मकथा ‘ज़िंदगी का क्या किया’ पर यह टिप्पणी लिखी है। और हाँ, यतीश कुमार काव्यात्मक समीक्षाएँ ही नहीं गद्य भी अच्छा लिखते …
Read More »माधुरी की कहानी ‘लक ये है कि काफ़ी बैडलक है!’
आज पढ़िए युवा लेखिका माधुरी की कहानी। लॉकडाउन, टिक टॉक आदि संदर्भों के साथ कहानी बहुत रोचक बन पड़ी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ====================== कानों से सुनी सुनाई बातें न होतीं तो उन्हें आँखों से देखने की इच्छा कहाँ से आती भला? कान ही हैं जो सुनने के …
Read More »वरिष्ठ लेखक जयशंकर की डायरी के अंश
जब कोई पढ़ा लिखा लेखक डायरी लिखता है तो पढ़ने में बहुत अच्छा लगता है। जैसे वरिष्ठ लेखक जयशंकर की डायरी के ये अंश- ============================ इबारतें (जनवरी – सितम्बर 2015) -१- इन सर्दियों में ‘रूपा’ से आये ‘महाभारत’ के रमेश मेनन के अनुवाद के दोनों खंडों को पढ़कर समाप्त किया …
Read More »उज़्मा कलाम की कहानी ‘काली बिल्लियों के साये में चटोरी चुड़ैल’
उदयपुर में रमा मेहता ट्रस्ट द्वारा आयोजित कहानी लेखन कार्यशाला में युवा लेखिका उज़्मा कलाम ने यह कहानी सुनाई थी। कहानी अच्छी लगी तो आपसे साझा कर रहा हूँ- ==================== 1. बानो अप्पी के घर से निकलकर हम ऐसे भागे, जैसे एक छलांग में पूरी दूरी पार कर लेना चाहते …
Read More »कस्तुरिका मिश्र की कविताएँ
आज पढ़िए कस्तुरिका मिश्र की कविताएँ। उनकी कला के अलग अलग रूपों से हम वाक़िफ़ रहे हैं। आज कविताएँ पढ़िए- ================ उसके और मेरे जीवन में एक समान गति हैं! उसका बोझा पीठ पर हैं और मेरा दिमाग पर, अपने अपने बोझे को ढोने की ताकत हमने माँ से …
Read More »प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘कमोड’
प्रमोद द्विवेदी बहुत रोचक विषयों पर पठनीय कहानियाँ लिखते हैं। यह उनकी नई कहानी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================== साहेब चार माह से कष्टशैय्या पर थे। सब कुछ बिछौने पर निपट रहा था। पड़े-पड़े ही एक दिन उन्होंने वकील मुन्नालाल जांगिड़ को बुलवा कर बाहोश वसीयत लिखवा दी। …
Read More »