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कश्मीर के बदन पर कोहरा घना है

प्रसिद्ध लेखिका गीताश्री आजकल कश्मीर में हैं। वहाँ कला शिविर, वहाँ के हालात पर उनकी एक प्रासंगिक टिप्पणी पढ़िए- ============================== श्रीनगर के युवा चित्रकार नौशाद गयूर कला शिविर में अपने शहर के तात्कालिक हालात से अनजान पेंटिंग बना रहे थे. डल गेट और डल लेक पर छोटा आइलैंड चार चीनार …

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‘अंतस की खुरचन’ पर एक समीक्षात्मक टिप्पणी

कवि यतीश कुमार का कविता संग्रह ‘अंतस की खुरचन’ जब से प्रकाशित हुआ है लगातार चर्चा में बना हुआ है। उसकी समीक्षा लिखी है मृत्युंजय ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================= किसका हाथ पहले पकड़ें     यतीश की कविता जीवन के सूक्ष्मतर अनुभव और अनुभावों का छायाचित्र आंकती चलती …

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विवेकी राय से डॉ. भूपेंद्र बिष्ट की वार्ता

प्रसिद्ध ललित निबंधकार विवेकी राय की आज जयंती है। आज उनसे एक पुरानी बातचीत पढ़िए। 1990 में यह बातचीत उनसे भूपेन्द्र बिष्ट ने की थी- ================================= हिंदी कथा साहित्य में गंवई जीवन के प्रति समर्पित शैलीकार के रूप में डॉ. विवेकी राय (19 नवंबर, 1924  –  22 नवंबर, 2016) की …

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जाँ निसार अख़्तर और उनके ख़ानदान के मुताल्लिक चंद बातें

पंकज पराशर संगीत-शायरी पर जब लिखते हैं तो बहुत अलग लिखते हैं। भाषा और विषय दोनों में महारत के साथ। यह लेख प्रसिद्ध उर्दू शायर जाँ निसार अख़्तर और उनके शायराना परिवार को लेकर है। एक पढ़ने और सहेजने लायक़ लेख- ============================= हम ने सारी उम्र ही यारो दिल का …

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ज़ौक़ जा पाया नहीं दिल्ली की गलियाँ छोड़कर

आज उस शायर की पुण्यतिथि है जिसने लिखा था ‘कौन जाए ज़ौक़ अब दिल्ली की गलियाँ छोड़कर’। उनके ऊपर यह लेख लिखा है शायर और पुलिस अधिकारी सुहैब अहमद फ़ारूक़ी ने। आप भी पढ़िए- ==============================      हमारे महकमे में एक देहाती कहावत चलन में है। वह यह कि ‘ख़ूबसूरत ज़नानी …

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कश्मीर, किताबें, और… पता नहीं क्या कुछ: प्रदीपिका सारस्वत

कश्मीर की कुछ यादों के साथ प्रदीपिका सारस्वत लौटी हैं। उनके गद्य के हम सब क़ायल रहे हैं। यह भी पढ़ने लायक़ है- ========================= कश्मीर, किताबें, और… पता नहीं क्या कुछ अल्मोड़ा की पहाड़ियों में रविवार की धूप के बीच गुलमर्ग और साहित्य उत्सव को याद करना किसी दूसरे समय, …

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एफ आर लीविस का नैतिक बोध और ‘हम दो हमारे दो’ फिल्म

विकास कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय में एमए के छात्र हैं। उन्होंने प्रसिद्ध ब्रिटिश साहित्य चिंतक एफ आर लीविस के विचारों तथा अभिषेक जैन निर्देशित फ़िल्म ‘हम दो हमारे दो’ पर बहुत विचारपूर्वक लिखा है। आप भी पढ़ सकते हैं- ============== फ्रैंक रेमण्ड लीविस ( 1895-1978) एक श्रेष्ठ पश्चिमी साहित्यशास्त्रीय चिंतक के …

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हिंदी बाल साहित्य का इतिहास: प्रकाश मनु

आज बाल दिवस है। इस मौक़े पर पढ़िए वरिष्ठ लेखक प्रकाश मनु का यह लेख। प्रकाश जी ने हिंदी बाल साहित्य का इतिहास भी लिखा है- हिंदी बाल साहित्य का इतिहास लिखना मेरे लिए किसी तपस्या से कम न था प्रकाश मनु ………………………………………………………………………………………. हिंदी बाल साहित्य का इतिहास लिखना मेरे …

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जन्मदिन पर पत्नी के नाम ख़त

जनाब सुहैब अहमद फ़ारूक़ी पुलिस अधिकारी हैं लेकिन हम उनको शायर के रूप में जानते हैं। उनकी बेगम आशकारा खानम कश्फ़ भी ज़हीन शायरा हैं। यह ख़त पढ़िए शायर पति ने अपनी शायर बेगम के नाम उनके जन्मदिन पर लिखा है- ==========================   अस्वीकरण: यह स्वीकारोक्ति एक परिपक्व उम्र के …

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राजीव कुमार की कहानी ‘दिल्ली की एक शाम’

आज पढ़िए राजीव कुमार की कहानी। राजीव कुमार की कहानियाँ, कविताएँ, साहित्यिक टिप्पणियाँ हम पढ़ते रहे हैं। यह उनकी नई कहानी है- =============================== दिल्ली की एक शाम —————- आज शाम हम फिर मिल ही गए।  हमारी बैठकें इन दिनों ज़्यादा होने लगी थीं। मैं, देव साहब और  किरण माकन तो …

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