Home / Featured (page 163)

Featured

Featured posts

अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ में ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’ था

आज अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की पुण्यतिथि है. हिंदी समय पर मृत्यु की तिथि लिखी हुई है होली 1947. खड़ी बोली हिंदी में पहला महाकाव्य लिखने वाले हिंदी के इस पहले सिख लेखक के बारे में लोग अब कम जानते हैं. जैसे यह कि इनका लिखा गद्य बहुत रोचक होता …

Read More »

अज्ञेय का दुर्लभ और अप्राप्य निबंध ‘पानी का स्वर’

रज़ा फाउंडेशन, दिल्ली की एक लघु परियोजना के अन्तर्गत कवि-सम्पादक मित्र पीयूष दईया हिन्दी और अंग्रेजी भाषा की अप्राप्त रचना-सामग्री एकत्र कर रहे हैं—-विभिन्न विद्यानुशासनों और विधाओं की रचनाएँ। इसी सिलसिले में उन्हें अज्ञेय जी के कुछ आलेख मिले हैं। उन्हीं में से एक अप्राप्त निबन्ध जो (आजकल’ में प्रकाशित …

Read More »

रिम्पी खिल्लन की कविता ‘सदी के आर-पार’

रिम्पी खिल्लन पेशे से प्राध्यापिका हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित आई.पी. कॉलेज में पढ़ाती हैं. शुरुआत कहानी लेखन से की थी. लम्बे अंतराल के बाद पुनः साहित्य लेखन आरम्भ किया है. एक गहरे जीवन-दर्शन वाली उनकी कविताओं का मिजाज समकालीन कविता में जुदा है- मॉडरेटर ===================== सदी के आर पार  …

Read More »

‘उर्दू की आखिरी किताब’ और उर्दू व्यंग्य की परम्परा

संजय गौतम कम लिखते हैं लेकिन मानीखेज लिखते हैं. उदाहरण के लिए यही लेख जिसमें इब्ने इंशा की किताब ‘उर्दू की आखिरी किताब’ के बहाने उर्दू व्यंग्य की परम्परा का दिलचस्प जायजा लिया गया है- जानकी पुल. ================== व्यंग्य विधा में समकालीनता एवं उपयोगिता का प्रश्न (‘उर्दू की आख़िरी किताब’ …

Read More »

पुरबिया उस्ताद ‘महेंदर मिसिर’ पर निराला बिदेसिया का लेख

आज भोजपुरी गीतों में पुरा-नायक का दर्जा रखने वाले महेंदर मिसिर की जयंती है. निराला बिदेसिया का यह लेख उनको बहुत अच्छी तरह से याद करता है. उनके महत्व को रेखांकित करता है- मॉडरेटर ======================================= भ्रम और भंवरजाल में फंसे भोजपुरी के एक बड़े पुरोधा महेंदर मिसिर का आज जन्मदिन …

Read More »

याक और बच्चे की दोस्ती की कहानी ‘हिमस्खलन’

चीनी बाल एवं किशोर कथाओं में प्रकृति, मिथकों के साथ इंसान के आदिम संबंधों की कथा होती है. ‘हिमस्खलन’ ऐसी ही किताब है, जिसमें एक बच्चे और एक याक की दोस्ती की कहानी है. जांग पिंचेंग की इस किताब का अंग्रेजी से अनुवाद मैंने किया था. जिसका प्रकाशन रॉयल कॉलिन्स …

Read More »

मृणाल पांडे की कथा श्रृंखला ‘अथ वणिक रत्नसेन प्रबंध-4’

हिमुली की कथा क्या शुरू हुई कि कथा से कथा जुड़ती चली गई. यही प्राचीन कथा परम्परा की विशेषता है. मृणाल पांडे की यह कथा श्रृंखला अपने अंत की ओर बढ़ रही है लेकिन रोचकता अभी भी बरकरार है. पढ़कर बताइए- मॉडरेटर ======= श्रेष्ठि कन्या दंभिनी के जाने के बाद …

Read More »

हरे प्रकाश उपाध्याय की लम्बी कविता ‘खंडहर’

बड़ा जटिल समय है. समाज उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. एक बड़ा परिवर्तन घटित हो रहा है. हरेप्रकाश उपाध्याय की कविता ‘खंडहर’ उसी को समझने की एक जटिल कोशिश की तरह है- मॉडरेटर ========================================= खंडहर भयानक परिदृश्य है डरा रहा है कहीं कोई विलाप…. कोई चिल्ला रहा है …

Read More »

रविंदर सिंह लेखक थे अब कंपनी बन गए!

अभी वैलेंटाइन डे पर रविंदर सिंह का उपन्यास हिंदी में रीलिज हुआ था- ये प्यार क्यों लगता है सही! होली आते-आते उनसे जुड़ी एक और खबर आ गई. उन्होंने ब्लैक इंक नाम से एक प्रकाशन उद्यम शुरू किया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन समूह हार्पर कॉलिन्स उनका साझीदार होगा. समकालीन अंग्रेजी …

Read More »

भगवा जीता इस फगवा में, गावे गाम भदेस। जोगीरा सा रा रा रा।”

होली पर स्पेशल चिट्ठी नॉर्वे से डॉ. व्यंग्यकार प्रवीण कुमार झा की आई है. भगवा के फगवा की चर्चा वहां भी है. कवि कक्का पूरे रंग में हैं- मॉडरेटर ==================== कवि कक्का आज रंग में हैं। पिछले महिने ही अपना वामपंथी लाल जनेऊ बदल कर केसरिया जनेऊ किया, और होली …

Read More »