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शैलजा पाठक की कविताएं

आज शैलजा पाठक की कविताएं. शैलजा पाठक  की कविताओं में विस्थापन की अन्तर्निहित पीड़ा है. छूटे हुए गाँव, सिवान, अपने-पराये, बोली-ठोली. एक ख़ास तरह की करुणा. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  =========================================================== 1    1.   इतनी सी ख़ुशी     हमने कब कहा बो देना मुझे अपने मन की जमीन पर  हमने …

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क्रांति और भ्रांति के बीच ‘लप्रेक’

लप्रेक के आने की सुगबुगाहट जब से शुरू हुई है हिंदी में परंपरा-परम्परा की फुसफुसाहट शुरू हो गई है. कल वरिष्ठ लेखक भगवानदास मोरवाल ने लप्रेक को लेकर सवाल उठाये थे. आज युवा लेखक-प्राध्यापक नवीन रमण मजबूती के साथ कुछ बातें रखी हैं लप्रेक के पक्ष में. लप्रेक बहस में …

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हिमालय न देखा हो तो ‘दर्रा दर्रा हिमालय’ पढ़ लीजिए

‘दर्रा दर्रा हिमालय’ ऐसी किताब नहीं है जिसमें हिमालय की गोद में बसे हिल स्टेशनों की कहानी हो, जिसे पढ़ते हुए हम याद करें कि अरे नैनीताल के इस होटल में तो हम भी ठहरे थे, शिमला के रेस्तरां में बैठकर हमने भी मॉल का नजारा लिया था. हमने भी …

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मुम्बई, 26/11 और एक किताब ‘हेडली और मैं’

आज 26 नवम्बर है. 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद से 26/11 को स्याह दिन की तरह याद किया जाता है. बहुत लोगों को याद होगा कि इस घटना के मुख्य आरोपी डेविड हेडली के साथ अनजाने में जुड़े होने के कारण राहुल भट्ट का नाम शक …

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रश्मिरेखा की कविताएं

रश्मिरेखा जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूँ। जिन दिनों मैं कोठागोई लिख रहा था उनसे ख़ूब बातें होती थीं। मुज़फ़्फ़रपुर की तवायफ़ परम्परा के कई क़िस्से उन्होंने सुनाए थे। मुज़फ़्फ़रपुर जाने पर उनके यहाँ ज़रूर जाता था। बहुत अच्छी कविताएँ लिखती थीं। आज उनकी कुछ कविताओं के साथ …

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लता मंगेशकर: 85 बरस – 85 अमर गीत

युवा लेखक यतीन्द्र मिश्र इन दिनों स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर पर अपनी किताब को अंतिम रूप देने में लगे हैं उन्होंने लता मंगेशकर के 85 वें जन्मदिन पर उनके परामर्श और सहमति से 85 गीतों की एक सूची तैयार की. इनमें से 65 गीत ऐसे निकले जो मैंने सुन रखे …

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जहाँ ‘अलग दिखना और अलग होने में फर्क था’

इन दिनों अल्पना मिश्र के उपन्यास ‘अन्हियारे में तलछट चमका’ की बड़ी चर्चा है. आम तौर पर किसी साहित्यिक कृति की ज्यादा चर्चा होती है तो संदेह होने लगता है कि मामला प्रायोजित तो नहीं. वैसे भी अल्पना जी ‘फील गुड टाइप लेखिका हैं. इससे ज्यादा उनके लेखन को मैंने …

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लव जेहाद बनाम दिलजलियां

सदफ़ नाज़ धनबाद में रहती हैं, पत्रकारिता करती हैं. ‘लव जिहाद’ पर सोचने बैठी तो ऐसा व्यंग्य लिख गई कि हँसते हँसते पेट में बल पड़ जाएँ. एकदम उर्दू शैली का व्यंग्य शुद्ध देवनागरी में. यह भी तो एक तरह से भाषा में ‘लव जिहाद’ ही ठहरा- मॉडरेटर. =========================== ‘इन-उन …

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ख्वाजा अहमद अब्बास की कहानी हिंदी अनुवाद में

लेखक, पत्रकार, फिल्म लेखक, निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास की यह जन्मशताब्दी का साल है. इस मौके पर आज प्रस्तुत है उनकी एक कहानी ‘Red and Yellow’ का हिंदी अनुवाद. अनुवाद किया है सैयद एस. तौहीद ने- मॉडरेटर. ====== कमरे की चारों दीवार पर तस्वीरें टंगी हुई थी। कृष्ण गोपियों के संग …

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बादल रोता है बिजली शरमा रही

जब सीतामढ़ी में था तो नवगीत दशक-1 को साहित्य की बहुत बड़ी पुस्तक मानता था. एक तो इस कारण से कि हमारे शहर के कवि/गीतकार रामचंद्र ‘चंद्रभूषण’ के गीत उसमें शामिल थे, दूसरे देवेन्द्र कुमार के गीतों के कारण. नवगीत के प्रतिनिधि संकलन ‘पांच जोड़ बांसुरी’ में उनका मशहूर गीत …

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