नीलिम कुमार की ये कविताएँ उनके कविता संग्रह ‘एक खाली घर घुस आया मेरे भीतर’ से ली गई हैं. संग्रह प्रकाशित हुआ है धौली बुक्स प्रकाशन से. धौली बुक्स भुवनेश्वर केन्द्रित प्रकाशन गृह है. यहाँ से हिंदी, अंग्रेजी और ओडिया में श्रेष्ठ साहित्यिक पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है. इस प्रकाशन की …
Read More »तकनीक ने बढ़ाया भारतीय भाषाओं का दबदबा
आज ‘दैनिक हिंदुस्तान’ में पत्रकार-लेखक उमेश चतुर्वेदी का लेख प्रकाशित हुआ है जिसमें उन्होने आंकड़ों के आधार पर यह बताया है कि किस तरह तकनीक ने भारतीय भाषाओं को एक नई मजबूती प्रदान की, नई उड़ान दी है, नया आत्मविश्वास दिया है। साभार पढ़िये- जानकी पुल ============================ भाषाओं को लेकर …
Read More »जीवन की आपा-धापी (प्रलय) में पिता (की स्मृतियों) का (लय की तरह) होना!
अशोक कुमार पाण्डेय की कविता का पाठ प्रस्तुत है। पिता पर लिखी अशोक कुमार पाण्डेय की इस कविता का यह पाठ किया है जानी-मानी कवयित्री सुमन केसरी ने। पढ़कर राय दीजिएगा- जानकी पुल ========================================== तो पहले कविता पढ़ें फिर पाठ…लौट लौट कविता पर आएँ, बस यही मकसद है इस पाठ …
Read More »विद्याभूषण जी की पाँच कविताएं
हिन्दी में न जाने कितने कवि-लेखक हुए हैं जिन्होने किसी फल की चिंता के बगैर निस्वार्थ भाव से लेखन किया, साधना भाव से। विद्याभूषण जी ऐसे ही एक लेखक-कवि हैं। आज उनकी पाँच कविताएं प्रस्तुत हैं- मॉडरेटर ======================================================== शब्द शब्द खा़ली हाथ नहीं लौटाते। तुम कहो प्यार और एक रेशमी …
Read More »‘दुर्वासा क्रोध’ वाला मानवीय व्यक्तित्व
विष्णु खरे के निधन के बाद जो श्रद्धांजलियाँ पढ़ीं उनमें मुझे सबसे अच्छी वरिष्ठ लेखक विनोद भारद्वाज की लगी। इंडिया टुडे में प्रकाशित इस श्रद्धांजलि को साभार प्रस्तुत कर रहा हूँ- प्रभात रंजन ============================================ कभी-कभी मौत एक बहुत गलत और अजीब समय पर आकर दरवाजे पर चुपचाप खड़ी हो जाती …
Read More »स्टोरीटेल: ऑंखें बंद करके कहानी में घुल जाना
स्टोरीटेल ऐप पर कहानी सुनने के अनुभव को हमसे साझा कर रही हैं सुपरिचित लेखिका इरा टाक। स्टोरीटेल के लिए उन्होने आडियो सीरीज भी लिखा है- मॉडरेटर ========================== =========================== थोडा होश सँभालते ही हम कहानियों की गिरफ्त में आ जाते हैं.. बचपन में दादी, नानी, फिर माँ के किस्से, कहानी …
Read More »विष्णु खरे की एक असंकलित कविता
विष्णु खरे की एक असंकलित कविता कवि-संपादक पीयूष दईया ने उपलब्ध करवाई है। विष्णु खरे की स्मृति को प्रणाम के साथ- मॉडरेटर ================ वसन्त वे दौड़ कर दीवार तक पहुँच जाते हैं दरारों में झाँक वापस मेरी ओर गर्दन मोड़ कर मेरी पीठ से पूछते हैं क्या तुम गंधस्नाता वासन्ती बयार …
Read More »उभरेंगे रंग सभी: ‘मनमर्जियां’ में इश्क का मनोवैज्ञानिक शेड
हाल में रीलीज़ हुई फिल्म ‘मनमर्जियां’ पर पाण्डेय राकेश की टिप्पणी- मॉडरेटर ============================================= ‘प्रेम के मनोविज्ञान की यही सबसे खास बात है कि व्यक्ति अपने संभावित प्रेमी/ प्रेमिका में स्वयं के ‘कैरेक्टर से बाहर’ आने की संभावना देखता है।’ ‘मनमर्जियां’ में अनुराग कश्यप अपनी विशिष्ट …
Read More »वीरेन डंगवाल की सम्पूर्ण कवितायें पर अरविंद दास की टिप्पणी
अभी हाल में ही नवारुण प्रकाशन से जनकवि वीरेन डंगवाल की सम्पूर्ण कविताओं की किताब प्रकाशित हुई है। उसके ऊपर एक सारगर्भित टिप्पणी युवा लेखक-पत्रकार अरविंद दास की- मॉडरेटर ============================================= समकालीन हिंदी कविता की बनावट और बुनावट दोनों पर लोक की छाप स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है. लोक की …
Read More »अधूरेपन की पूरी कहानी
इस साल के चर्चित उपन्यासों में एक उपन्यास भगवंत अनमोल का उपन्यास ‘जिंदगी 50-50’ भी रहा है। उसकी एक समीक्षा आज पीयूष द्विवेदी भारत के शब्दों में- मॉडरेटर ============================== भगवंत अनमोल के उपन्यास ‘ज़िन्दगी 50 50’ के विषय में प्रचलित यह है कि इसका कथानक किन्नर समाज की त्रासदियों पर …
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