‘आवारा मसीहा’ शरतचंद्र की जीवनी है। विष्णु प्रभाकर की बरसों की तपस्या का परिणाम। इस यादगार किताब पर एक पठनीय टिप्पणी लिखी है लेखिका निधि अग्रवाल ने। आप भी पढ़िए- ====================== आमाके… दाओ! आमाके…दाओ! डॉ. निधि अग्रवाल कहते हैं जब रवींद्रनाथ ठाकुर ने शरतचन्द्र से कहा था- “तुम अपनी आत्मकथा …
Read More »‘अपेक्षाओं के बियाबान’ में कुछ कविताएँ
निधि अग्रवाल की कई कहानियाँ मुझे भी पसंद हैं। उनके कहानी संग्रह ‘अपेक्षाओं के बियाबान’ की कहानियों को पढ़ते हुए यह काव्यात्मक टिप्पणी की है यतीश कुमार ने, जो अपनी काव्यात्मक समीक्षा के लिए जाने जाते रहे हैं। आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन =================== स्मृतियों के प्रेत से मुक्ति पाने …
Read More »खूबसूरत कहानियों का गुलदस्ता है रवि कथा!
ममता कालिया की किताब ‘रवि कथा’ पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है चिकित्सक लेखिका निधि अग्रवाल ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ================ ‘पापा का आज जन्मदिन है और दिल करता है उन्हें एक सुंदर प्रेमिका उपहार दूँ’ मात्र 18 बरस की उम्र में यह पंक्तियाँ लिखने वाला यह लड़का …
Read More »निधि अग्रवाल की कहानी ‘सड़क पार की खिड़कियाँ’
निधि अग्रवाल पेशे से चिकित्सक हैं और बहुत अच्छी गद्यकार हैं। मैत्रेयी देवी के उपन्यास ‘न हन्यते’ पर उनका लिखा पाठकों को याद होगा। यह कहानी है जो सम्मोहक भाषा में अपने साथ बहाए ले जाती है। पढ़िएगा- ====================== ज्यों दुनिया के अधिकतर देशों में सेकंड स्ट्रीट होती है, ज्यों …
Read More »निधि अग्रवाल की कहानी ‘यमुना बैंक की वह मेट्रो’
निधि अग्रवाल पेशे से डॉक्टर हैं। अच्छा लिखती हैं। पिछले दिनों उन्होंने जानकी पुल पर मैत्रेयी देवी के उपन्यास ‘न हन्यते’ पर जानकी पुल पर बहुत अच्छी टिप्पणी लिखी थी। आज उनकी एक दिलचस्प कहानी पढ़िए, दिल्ली मेट्रो के सफ़र पर- ================================= एनसीआर में और कुछ अच्छा हुआ हो या …
Read More »‘रसीदी टिकट’ के बहाने अमृता को जैसा जाना मैंने!
कुछ कृतियाँ ऐसी होती हैं हिन्हें पढ़ते हुए हर दौर का पाठक उससे निजी रूप से जुड़ाव महसूस करते हुए भावनाओं में बह जाता है। प्रत्येक पाठक उस रचना का अपना पाठ करता है। ऐसी ही एक कृति है अमृता प्रीतम की आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’, इसका पाठ किया है निधि …
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