गत रविवार जमशेदपुर में विकास कुमार झा के उपन्यास पर चर्चा हुई. उसी की रपट भेजी है विजय शर्मा ने- आज जैसी जीवन्त, सार्थक अनौपचारिक साहित्यिक गोष्ठी शायद ही पहले कभी हुई हो। ‘सृजन संवाद’ में सबसे पहले तो डॉ. भास्कर राव ने अपनी बदरीनाथ-केदारनाथ की यात्रा के संस्मरण …
Read More »मेहदी हसन को याद करते हुए
आज ‘शहंशाह-ए-ग़ज़ल’ कहे जाने वाले मेहदी हसन की पुण्यतिथि है. उनको याद करते हुए विमलेन्दु ने यह कविता लिखी है- अन्तरनाद ======== कोमल गांधार से शुरू होता था उनका अन्तरनाद जो धैवत् और निषाद के दरम्यान कहीं एकाकार हो जाता था हमारी आत्मा के सबसे उत्तप्त राग से. बड़े संकोच …
Read More »कोठा नंबर 64
राकेश शंकर भारती ने जेएनयू से जापानी भाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त की. इन दिनों यूक्रेन में हैं. कुछ दिनों पहले आपने उनकी एक कहानी पढ़ी थी जो बहुत पसंद की गयी. आज उनकी एक और मार्मिक कहानी प्रस्तुत है जिसमें देह का जादू टूटने पर एक वेश्या का अकेलापन …
Read More »मैन इन गॉड्स ऑन लैंड: ‘द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ में पुरुष के तीन चेहरे
इन दिनों अरुंधति रॉय अपने नए उपन्यास की वजह से चर्चा में हैं. विजय शर्मा जी ने उनके पहले उपन्यास ‘ गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ के पुरुष पात्रों की पड़ताल की है. अरुंधति राय का उपन्यास ‘द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ उपन्यास जेंडर के विषय में है – …
Read More »मैं बहुत ही निम्नकोटि के चित्रपट देख रहा हूँ-प्रेमचंद
संपादक-कवि पीयूष दईया अपनी शोध योजना के दौरान दुर्लभ रचनाओं की खोज करते हैं और हमसे साझा भी करते हों. इस बार तो उन्होंने बहुत दिलचस्प सामग्री खोजी है. 1930 के दशक में प्रेमचंद का एक इंटरव्यू गुजराती के एक पत्र में प्रकाशित हुआ. बाद में वह प्रेमचंद सम्पादित पत्रिका …
Read More »What is the acceptable amount of blood for good literature?
Ashutosh Bhardwaj is a senior reporter and writer and writes regularly on books in financial express. Today he writes on Arundhati Roy’s much talked about novel ‘The Ministry Of Utmost Happiness.’ Twenty years on, Arundhati Roy returns with a novel that yearns for an artistic insight, and some broken …
Read More »जिसने हुनर में कमाल हासिल किया वह सारी दुनिया का चहेता
आज विश्व प्रसिद्ध पेंटर मकबूल फ़िदा हुसैन की पुण्यतिथि है. उनकी विवादास्पद पेंटिंग्स या उनकी माधुरी दीक्षित की प्रति दीवानगी और उनके फ़िल्मकार तक बन जाने की कहानी से तो सब वाकिफ़ हैं पर वे एक अच्छे लेखक भी थे ये उनकी आत्मकथा पढ़कर पता चलता है. आमतौर पर आत्मकथा …
Read More »हबीब तनवीर की पुण्यतिथि पर उनके नाटकों से कुछ गीत
यूँ तो हबीब तनवीर को याद करने के लिए दिन विशेष की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जो धरोहर वह छोड़ कर गए हैं उसे सहेजने के लिए साल के 365 दिन भी कम पड़ते हैं. आज उनकी पुण्यतिथि है तो उनकी याद आना लाज़िमी है जिन्हें रंगमंच में क्रांति का …
Read More »…लेकिन ऑपरेशन ब्लूस्टार भिंडराँवाले की हत्या की सीमा से बहुत दूर आगे तक चला गया था
आज से 33 वर्ष पहले 5 जून, 1984 भारतीय राजनैतिक इतिहास के काले दिनों में से एक में शुमार हुआ. इसी दिन ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ को अंजाम दिया गया था. कॉंग्रेस के ख़ासमख़ास सरदार खुशवंत सिंह भी श्रीमती गाँधी के इस फ़ैसले से बहुद दुःख और रोष में थे. स्वयम् …
Read More »तुम्हें जानना दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत अर्थों को छूना है
आज प्रस्तुत हैं कुलदीप कौर की कविताएँ. प्रेम पर कुछ छोटी-छोटी मगर गहरी बातें. 1. तुम चलने को एक बिन्दू से दूसरे बिन्दू तक गिनते हो। मैं बीच में होती हूं कई बार ग़ैर हाज़िर। तुम्हारा कहना सही है के मैं हो कर भी नहीं होती… बिल्कुल जैसे मैं सब …
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