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Prabhat Ranjan

संवेदना के दर्पण में नॉयपाल

हाल में ही पेंगुइन बुक्स और यात्रा बुक्स ने हिंदी में प्रसिद्ध लेखक वी.एस.नायपॉल की कई पुस्तकों के अनुवाद प्रकाशित किए हैं. कल के ‘जनसत्ता’ में हिंदी के प्रसिद्ध कवि कमलेश ने नायपॉल की पुस्तक  ‘द मास्क आफ अफ्रीका’ के बहाने नायपॉल पर बहुत सारगर्भित लेख लिखा है. साझा कर रहा …

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छुट्टियाँ तो हैं, लेकिन वे इंतज़ार करते हुए चले गए

अरुण प्रकाश हिंदी में बड़ी लकीर खींचने वाले कथाकार ही नहीं थे, एक बेहतरीन इंसान भी थे. उनको याद करते हुए यह संस्मरण लिखा है हिंदी की पहली कविता पर शोध करने वाली युवा आलोचक सुदीप्ति ने. यह एक ऐसा लेख है जो ना केवल अरुण जी की कहानियों को समझने के कई …

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एक कहानी नहीं पूरा शोध प्रबंध है ‘भैया एक्सप्रेस’

अरुण प्रकाश की बेमिसाल कहानी ‘भैया एक्सप्रेस’ के बहाने हिंदी कहानी में उनके योगदान को याद कर रहे हों सन्मार्ग– जानकी पुल. ======================   अरुण प्रकाश चले गए यूं लगा मानो भैया एक्सप्रैस पंजाब पहुंचने से पहले ही अकस्मात दुघर्टनाग्रस्त हो गया हो। उस पर सवार रामदेव अब कैसे अपने …

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‘पैन इंडियन राइटर’ थे अरुण प्रकाश

अरुण प्रकाश नहीं रहे. लंबी बीमारी के बाद का दोपहर उनका देहांत हो गया. उनको याद कर रहे हैं प्रेमचंद गाँधी– जानकी पुल. ——————————– परंपरा और आधुनिकता के संगम के अपूर्व शिल्‍पी, संवेदना से लबरेज और भारतीय समाज की गहरी जातीय चेतना के विशिष्‍ट चितेरे अरुण प्रकाश का हमारे बीच …

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क्या ब्लॉग-वेबसाईट पर कॉपीराइट का कानून लागू नहीं होता?

नीलाभ का यह लेख कुछ गंभीर सवालों की तरफ हमारा ध्यान दिलाता है. हाल में ही भारत के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने लेखकों की रचनाएँ अपनी वेबसाईट पर डालनी शुरु की हैं. नीलाभ ने अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बताया है कि इस क्रम में पारिश्रमिक की कहीं कोई …

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आजकल सच और सपने में कोई फर्क ही नहीं लगता!

वंदना शुक्ल की कविताएँ बिना किसी भूमिका के. ये कविताएँ खुद अपनी भूमिका हैं और परिचय भी. गहरी संवेदना की वेदना, जीवन का निचोड़, पढ़ा तो सोचा आपसे भी साझा करूँ- जानकी पुल.  ========================================================= प्रायश्चित जैसा जीना चाहती थी जी नहीं पाई, मै जीने की तैयारी ही करती रही, और …

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विज्ञापन के लिए टीवी स्क्रीन रियल इस्टेट है!

हाल में ही विनीत कुमार की पुस्तक आई है ‘मंडी में मीडिया’. टेलीविजन मीडिया को लेकर इतनी शोधपूर्ण पुस्तक हिंदी में अरसे बाद आई है. विकास के सपने को लेकर शुरु हुआ टेलीविजन मीडिया किस तरह बाजार की चकाचौंध में खोता जा रहा है, समाचार चैनेल्स किस तरह मनोरंजन के …

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सुरों के शहंशाह थे मेहदी हसन

मेहदी हसन नहीं रहे. जिस दौर में गजल गायकी शोर-शराबे में बदलती जा रही थी मेहदी हसन ने उसे  अदब और तहजीब बख्शी. आज ‘जनसत्ता’ ने सम्पादकीय में उचित ही लिखा है कि उनकी गायकी में केवल रागों को साधने का कौशल ही नहीं था बल्कि उसे सुनने वालों तक …

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हम शहीदाने वफ़ा का दीनों ईमाँ और है

शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के जीवन के कुछ प्रसंगों को आधार बनाकर युवा लेखिका विपिन चौधरी ने एक नाटक लिखा है ‘सरफरोशी की तमन्ना’. आपके लिए- जानकी पुल. ——————————————————————————– सरफरोशी की तमन्ना  ( क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल पर आधारित लघु नाटक  ) पात्र परिचय 1 रामप्रसाद बिस्मिल 2 बिस्मिल की माताज़ी, मूली …

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रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा का अंश

आज अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल का जन्मदिन है. बिस्मिल उन क्रांतिकारियों में थे जिन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी थी. प्रस्तुत है उसका एक अंश- जानकी पुल. ————————————————————————– स्वदेश प्रेम पूज्यपाद श्रीस्वामी सोमदेव का देहान्त हो जाने के पश्‍चात जब से अंग्रेजी के नवें दर्जे में आया, कुछ स्वदेश संबंधी पुस्तकों का …

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