हम अक्सर बड़े लेखकों से बातचीत करते हैं, पढ़ते हैं. लेकिन आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं बातचीत एक युवा लेखक प्रचंड प्रवीर से, जो भूतनाथ के नाम से भी लेखन करते रहे हैं. आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जिसने लेखन को चुना, हिंदी में लेखन को. उसका …
Read More »हिंदी में यही बड़ा काम है- कोसना और कोंचना!
‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित सुधीश पचौरी के स्तम्भ ‘तिरछी नजर’ हिंदी में व्यंग्य के लगातार कम होते जाते स्पेस को बचाए रखने की एक सार्थक कोशिश है. आज का उनका स्तम्भ तो है ही इसी विषय पर. जिन्होंने नहीं पढ़ा उनके लिए- प्रभात रंजन ============================ हिंदी वालों की दुनिया में …
Read More »मैथिली भूषण मायानंद मिश्र को श्रद्धांजलि
मैथिली और हिंदी के वयोवृद्ध साहित्यकार 82 वर्षीय मायानन्द मिश्रको ‘मंत्रपुत्र’ के लिए वर्ष 1988 में साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया था। डॉ. मिश्र को भारत सरकार के साहित्य अकादमी के अलावा बिहार सरकार द्वारा ग्रियर्सन अवार्ड भी मिल चुका है। वर्ष 2007 में उन्हें प्रबोध साहित्य सम्मान से …
Read More »‘हंस’ मेरा दूसरा मायका है
आज राजेंद्र यादव का जन्मदिन है. उनके ऊपर बहुत आत्मीय संस्मरण लिखा है युवा लेखिका कविता ने. जानकी पुल की ओर से उनको शतायु होने की कामना के साथ- मॉडरेटर. ============================================ अब जबकि मैं उनसे बहुत दूर आ गई हूं, उन्हें उनकी यादों के जरिये समझने का यह एक अच्छा मौका …
Read More »नये सुल्तान की सारी दाढि़यां उजली थी
हिंदी में अच्छी राजनीतिक कविताएँ कम पढने को मिलती हैं. युवा कवि रवि भूषण पाठक ने कुछ ऐतिहासिक राज-चरित्रों को आधार बनाकर शानदार समकालीन कविताएँ लिखी हैं. इतिहास और राजनीति की इस समझ ने मुझे प्रभावित किया इसलिए आपसे कविताएँ साझा कर रहा हूँ- प्रभात रंजन. =============== महाराज नहुष को …
Read More »कवि के साथ: चर्चा-परिचर्चा-कविता
इंडिया हैबिटैट सेंटर द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रम कवि के साथ के 9वें आयोजन में आप सबको आमंत्रित करते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है. इस बार का आयोजन 2 शामों का है. विवरण इस प्रकार है: 21 अगस्त 2013, पहली शाम, 7.00- 9.00 बजे : परिचर्चा गुलमोहर सभागार, इंडिया हैबिटैट …
Read More »भाषा का सवाल: फ़िल्मी सदी का पैग़ाम
हिंदी सिनेमा की भाषा को लेकर हाल के वर्षों में रविकांत न महत्वपूर्ण काम किया है. उनका यह ताजा लेख पढ़ा तो तुरंत साझा करने का मन हुआ- मॉडरेटर. ======================================== हालाँकि फ़िल्म हिन्दी में बन रही है, लेकिन (ओंकारा के) सेट पर कम–से–कम पाँच भाषाएँ इस्तेमाल हो रही हैं। निर्देशन …
Read More »हिंदी साहित्य में ‘पप्पू’
बिहार के दागी नेताओं का हिंदी प्रेम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में रहा है. कुछ समय पहले जेल में सजा काट रहे मुन्ना शुक्ल ने हिंदी उपन्यासों पर पीएचडी करके चर्चा बटोरी थी. इधर जबरदस्त चर्चा है कि पप्पू यादव की आत्मकथा जल्दी ही बाजार में आने वाली है. …
Read More »प्रांजल धर की कुछ नई कविताएँ
भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से अभी हाल में ही सम्मानित युवा कवि प्रांजल धर की कविता ‘कुछ भी कहना खतरे से खाली नहीं’ हम सब पढ़-सराह चुके हैं. आइये इस प्रतिभाशाली कवि की कुछ नई कविताएँ पढ़ते हैं- मॉडरेटर. 1. लम्बे सफर की हार बहुत डर जाता है मन बढ़ा रक्तचाप …
Read More »औरो के दुख है बहुत बड़े और हमारे दुख हैं बौने
कल आर. अनुराधा जी ने ध्यान नहीं दिलाया होता तो उज्जवला ज्योति तिग्गा की कविताओं की तरफ ध्यान ही नहीं गया होता. पी.आर. के तमाम माध्यमों के बावजूद, सोशल मीडिया पर निर्लज्ज आत्मप्रचार के इस दौर में कोई कवि इतनी सच्ची कविता चुपचाप लिखते रह सकता है. सोचकर आश्चर्य होता है. …
Read More »