दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक पुरस्कार और छह उपन्यास

जबसे घोषणा हुई सबकी नज़र डीएससी प्राइज फॉर साउथ एशियन  लिटरेचर पर है. 50 हज़ार अमेरिकी डॉलर का यह पुरस्कार दक्षिण एशिया में साहित्य का सबसे बड़ा पुरस्कार जो है. पिछले दस-पन्द्रह सालों में अंग्रेजी साहित्य को समृद्ध करने वाले सबसे उर्वर क्षेत्र का अपना पुरस्कार. पुरस्कार केवल उपन्यास पर …

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हर बशर वीरां सफर ले जाएगा

वीकेंड कविता में आज प्रस्तुत है मनु गौतम की गज़लें. फिल्म इंस्टीट्यूट के ग्रेजुएट मनु ‘देवदास’ में संजय लीला भंसाली के सहायक थे, फिल्म ‘चौसर’ के गाने लिखे, अनेक टीवी धारावाहिकों का लेखन-निर्देशन किया. सबसे बढ़कर वे मूलतः संवेदनशील कवि हैं. यहाँ प्रस्तुत हैं उनकी कुछ गज़लें- जानकी पुल. 1.   …

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साहिर लुधियानवी के एक दोस्त का संस्मरण

शायर-गीतकार साहिर लुधियानवी की जयंती है. उनके एक दोस्त जोए अंसारी ने साहिर लुधियानवी पर यह संस्मरण लिखा था. जिसमें उनकी शायरी और जिंदगी के कई नुक्ते खुलते हैं. यह ‘शेष’ पत्रिका के नए अंक में प्रकाशित हुआ है. उसका सम्पादित रूप प्रस्तुत है- जानकी पुल. ==============================   बम्बई शहर …

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75 साल का ‘अनटचेबल्स’

‘अनटचेबल्स’ के प्रकाशन के ७५ साल हो गए. मुल्कराज आनंद के पहले उपन्यास ‘अनटचेबल्स’ को आधुनिक भारतीय अंग्रेजी के भी आरंभिक उपन्यासों में शुमार किया जाता है.  दलित साहित्य की पहचान और प्रतिष्ठा के इस दौर में यह याद किया जाना चाहिए कि भारतीय अंग्रेजी के इस कद्दावर लेखक का …

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जयप्रकाश नारायण की एक कहानी ‘टामी पीर’

सम्पूर्ण क्रांति के नायक लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बारे में यह कम लोग जानते हैं कि उन्होंने कुछ कहानियां और कवितायेँ भी लिखी थीं. अक्टूबर के महीने में जन्म लेने वाले और इसी महीने अंतिम सांस लेने वाले लोकनायक की पहली प्रकाशित कहानी   ‘टामी पीर’ प्रस्तुत है- जानकी पुल. …

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मौन-सा अपने ही लोगों का करैक्टर हो गया.

वीकेंड  कविता में इस बार प्रस्तुत है व्यंग्य-कवि संजय गौतम की गज़लें. काका हाथरसी की तर्ज़ पर उनका अनुरोध है इनको हज़ल कहा जाए. आइये उनकी हज़लों का रंग देखते हैं. एकपहले जो अपना यार था, अब कैलकुलेटर हो गया,दो जमा दो में किये, दस गिन के सैटर हो गया. …

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रोहिंटन मिस्त्री के उपन्यास में आखिर ऐसा क्या है?

आखिर भारतीय मूल के कनाडाई लेखक रोहिंटन मिस्त्री के उपन्यास ‘सच ए लांग जर्नी’  में ऐसा क्या है कि शिव सेना के २० वर्षीय युवराज आदित्य ठाकरे ने मुंबई विश्वविद्यालय के सिलेबस से बाहर करवाकर अपने राजनीतिक कैरियर के आगाज़ का घोषणापत्र लिखा.कह सकते हैं कि शिव सेना की युवा …

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मनोहर श्याम जोशी की परम्परा और उनका विद्रोह

मनोहर श्याम जोशी के जन्मदिन पर प्रस्तुत है यह साक्षात्कार जो सन २००४  में आकाशवाणी के अभिलेखगार के लिए की गई उनकी लंबी बातचीत का अंश है. उसमें उन्होंने अपने जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं को लेकर बात की थी। यहां एक अंश प्रस्तुत है जिसमें उन्होंने अपने जीवन और लेखन के …

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चेतना पारीक, कैसी हो?

कवि ज्ञानेंद्र पति इसी महीने चुपचाप साठ साल के हो गए. इस अवसर पर मुझे उनकी कविता ‘ट्राम में एक याद’ का स्मरण हो आया. जब नौवें दशक में इस कविता का प्रकाशन हुआ था तो इसकी खूब चर्चा हुई थी. केदारनाथ सिंह के संपादन में हिंदी अकादेमी, दिल्ली से …

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भूले कवि जानकीवल्लभ शास्त्री की कुछ बिसरी कविताएँ

आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री मुजफ्फरपुर के ऐसे क्लासिक हैं जिनके बारे में बात तो सब करते हैं लेकिन पढ़ता कोई नहीं है. उनके कुत्तों, उनकी बिल्लियों, उनकी गायों, उनकी विचित्र जीवन शैली की चर्चा तो सब करते हैं लेकिन उनकी कविताओं की चर्चा शायद ही कोई करता हो. पिछले दिनों पद्मश्री …

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