महाभारत जैसे अंधेरी रात में तारों भरा आकाश

पेरु के राजनयिक कार्लोस इरिगोवन का नाम पिछले दिनों सुर्खियों में था। खबर थी कि उन्होंने कांची के चंद्रशेखरेन्द्र विश्वविद्यालय में शंकराचार्य के सामाजिक-राजनीतिक दर्शन पर शोध करने के लिए अप्लाई किया है। भेंटवार्ता के दौरान जब उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा है …

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मनोहर श्याम जोशी से एक पुरानी बातचीत

सन 2004 में आकाशवाणी के अभिलेखगार के लिए मैंने मनोहर श्याम जोशी जी का दो घंटे लंबा इंटरव्यू लिया था। उसमें उन्होंने अपने जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं को लेकर बात की थी। यहां एक अंश प्रस्तुत है जिसमें उन्होंने अपनी मां, पिताजी को लेकर कुछ बातें की हैं और …

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राष्ट्र के बदले प्रान्त: रेणु साहित्य और आंचलिक आधुनिकता

सांस्कृतिक इतिहासकार सदन झा के इस पाठ को उसी तरह से देखा, सुना और महसूस किया जा सकता है जिस तरह से रेणु के उपन्यासों को. सदन झा चरखा के ऊपर अपने शोध को लेकर चर्चा में रहे हैं. एक इतिहासकार के द्वारा किया गया किसी साहित्यिक कृति का यह …

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बाबू कुंवर सिंह तोहरे राज बिना…

1857 के जुबानी किस्से अभी हाल में ही रूपा एंड कंपनी से इतिहासकार पंकज राग की पुस्तक आई है 1857– द ओरल ट्रेडिशन। पुस्तक में उन्होंने लोकगीतों एवं किस्से-कहानियों के माध्यम से 1857 के विद्रोह को समझने का प्रयास किया है। प्रस्तुत है उसका एक छोटा-सा अंश जिसका संबंध कुंवर …

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६० के हुए शिवमूर्ति

अस्सी के दशक में अपनी कहानियों से बड़ी लकीर खींचनेवाले शिवमूर्ति इस साल 60 साल के हो गए। मूलतया ग्रामीण आबोहवा के इस कथाकार की कसाईबाड़ा और तिरिया चरित्तर कहानियों ने गांव के ढहते हुए सामाजिक और राजनीतिक ढांचे की बदलती तस्वीर दिखाई थी। बाद के दौर में तर्पण और …

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नश्तर खानकाही की चार ग़ज़लें

नश्तर ख़ानकाही की शायरी में फ़कीराना रक्स है। कुछ-कुछ लोकगीतों की सी छंद, खयाल की सादगी। हिन्दी में उनकी ग़ज़लें हो सकती है पहले यदा-कदा कहीं छपी हो। इस गुमनाम शायर की चुनिंदा ग़ज़लें पढ़िए और खयालों में खो जाइए- =============================== 1. धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र …

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फेसबुक पर फर्जी काशीनाथ सिंह

कल दोपहर बाद हम युवा लेखकों को बड़ा सुखद आश्चर्य हुआ जब हमने वरिष्ठ लेखक काशीनाथ सिंह का फेसबुक पर दोस्ती का रिक्वेस्ट देखा। यही नहीं हिन्दी में फेसबुक पर टाइप करने के संबंध में उन्होंने सुझाव भी मांगे थे। शायद ही कोई युवा लेखक रहा हो जिसकी तरफ उन्होंने …

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ज्ञान प्रकाश विवेक की ग़ज़लें

ज्ञान प्रकाश विवेक हिन्दी के उन चंद शायरों में शुमार किए जाते हैं जिनमें उर्दू शायरी की रवानी भी है और हिन्दी कविता की सामाजिकता पक्षधरता भी। एक जमाने में जब कमलेश्वर लिंक ग्रुप की पत्रिका गंगा का संपादन कर रहे थे तो उन्होंने पत्रिका के संपादकीय में ज्ञान प्रकाश …

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फरहत एहसास की शायरी

उर्दू के युवा शायरों में फरहत एहसास का नाम ऐसे शायरों में शुमार किया जाता है जिनको पढ़ने-लिखने वालों के तबके में भी सराहा जाता है। अहसास की शिद्दत और बेचैनमिजाजी के इस शायर के शेर जुबान पर भी चढ़ते हैं और ठहरकर सोचने को भी मजबूर कर देते हैं। …

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झील की वेदनामयी खामोशी के बीच

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इटली में उभरने वाले महान फिल्म-निर्देशकों एंतोनियोनी, फेलिनी के साथ पासोलिनी की भी गणना की जाती है। उनकी गणना उच्चकोटि के गद्य-लेखकों में भी की जाती रही है। उन्होंने अनेक यादगार कहानियाँ लिखीं। 1960 के दशक में प्रसिद्ध उपन्यासकार अल्बर्तो मोराविया के साथ वे भारत यात्रा …

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