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आपातकाल के 40 साल बाद: मीडिया और मोदी सरकार

एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय के घर पड़े छापे के बाद से यह बहस तेज हो गई है कि उस छापे के माध्यम से सरकार मीडिया को क्या सन्देश देना चाहती थी? इस प्रकरण के बहाने एक सुचिंतित लेख लिखा है अरविन्द दास ने. अरविन्द पत्रकारिता से पीएचडी कर चुके …

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हबीब तनवीर की पुण्यतिथि पर उनके नाटकों से कुछ गीत

यूँ तो हबीब तनवीर को याद करने के लिए दिन विशेष की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जो धरोहर वह छोड़ कर गए हैं उसे सहेजने के लिए साल के 365 दिन भी कम पड़ते हैं. आज उनकी पुण्यतिथि है तो उनकी याद आना लाज़िमी है जिन्हें रंगमंच में क्रांति का …

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शिक्षाविद नौकरी बचाएं या शिक्षा बचाएं

शिक्षाविद कौशलेन्द्र प्रपन्न का यह लेख डीयू में अंग्रेजी के पाठ्यक्रम में चेतन भगत की किताब को लगाने को लेकर लिखा गया है. लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में जो गलाजत मची हुई है उसके ऊपर बहुत अच्छा लेख है. पढियेगा- मॉडरेटर ====================================================== अकादमिक हलकों में कोई शोर नहीं। सहज स्वीकार्य। …

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…लेकिन ऑपरेशन ब्लूस्टार भिंडराँवाले की हत्या की सीमा से बहुत दूर आगे तक चला गया था

  आज से 33 वर्ष पहले 5 जून, 1984 भारतीय राजनैतिक इतिहास के काले दिनों में से एक में शुमार हुआ. इसी दिन  ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ को अंजाम दिया गया था. कॉंग्रेस के ख़ासमख़ास सरदार खुशवंत सिंह भी श्रीमती गाँधी के इस फ़ैसले से बहुद दुःख और रोष में थे. स्वयम् …

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किशन पटनायक का लेख ‘प्रोफ़ेसर से तमाशगीर’

आजकल एनडीटीवी और प्रणय रॉय चर्चा में हैं. सीबीआई का छापा पड़ा है. बरसों पहले 2010 में ‘संडे गार्डियन’ ने उसके आर्थिक घपलों पर स्टोरी की है, उसके एक वरिष्ठ पत्रकार को राडिया टेप में जोड़-तोड़ करते सुना गया है. सब पुरानी बातें हैं. पुरानी बातों से एक पुराने लेख …

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मंदसौर में किसान मर रहे हैं, क्रांतिकारी लोग पांडे जी के पीछे पड़े हुए हैं

हिंदी के आलोचक और जेएनयू के पूर्व प्रोफ़ेसर मैनेजर पाण्डे की पारिवारिक पूजा की तस्वीरें आने के बाद से तरह तरह की बातें लिखी जा रही हैं. एक नजरिया यह भी है. लिखा है रोहिणी कुमारी ने. जेएनयू में कोरियन विभाग में पीएचडी कर रही हैं- मॉडरेटर ======== मन्दसौर में …

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क्या पूजा करना पाठ करना अपराध है?

भारतीय वामपंथ की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि वह स्थूलताओं के सहारे चलता है. सतह के ऊपर हलचल देखकर पत्थर चलाने लगता है. पानी की सतह के नीचे मेढक है, मछली है या सांप इसके बारे में सोचता भी नहीं. इसीलिए वामपंथ में अपनी थोड़ी बहुत आस्था रही भी …

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असहमति को राष्ट्रद्रोह सिद्ध किये जाने के दौर में कुछ बातें

कल से एनडीटीवी चैनल समूह के प्रोमोटर्स के यहाँ पड़े सीबीआई के छापों को लेकर बहुत कुछ कहा-सुना जा रहा है. इतना तो साफ़ है कि मीडिया के लिए संकेत अच्छे नहीं हैं. एक लेख युवा लेखक विमलेन्दु का पढ़िए. इनका विश्लेषण भी पढने लायक है- मॉडरेटर ============== आपको वह …

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एनडीटीवी के बच जाने पर ‘विपक्ष’ को ‘जीत’ टाइप एहसास होगा कि नहीं?

कल एनडीटीवी चैनल के के मालिकों/प्रोमोटर्स के यहाँ सीबीआई की छापामारी के कई तरह की बातें सुनने को मिल रही हैं. तथ्यात्मक रूप से दिलीप खान ने बहुत अच्छा लिखा है. जिन्होंने न पढ़ा हो उनके लिए- मॉडरेटर ================================================= NDTV के मालिकाने, शेयर, बीच की ख़रीदफरोख़्त सबसे वाकिफ़ हूं। ये …

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क्या राहुल गाँधी स्टडी लीव पर गए थे?

यूपी चुनाव के बाद राहुल गांधी लम्बे समय तक गायब थे. वैसे गायब होना उनकी पुरानी आदत है. बस बीच बीच में ऐसी ख़बरें आती रहीं कि उनको कांग्रेस की अलां बैठक में अध्यक्ष बनाया जा रहा है, फलां बैठक में पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा रहा है. इसके अलावा …

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