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स्मरण

प्रेमचंद का पत्र जयशंकर प्रसाद के नाम

  आज प्रेमचंद की जयंती पर उनका यह पत्र पढ़िए जयशंकर प्रसाद के नाम है। उन दिनों प्रेमचंद मुंबई में थे और फ़िल्मों के लिए लेखन कर रहे थे- =======================   अजंता सिनेटोन लि. बम्बई-12 1-10-1934   प्रिय भाई साहब, वन्दे! मैं कुशल से हूँ और आशा करता हूँ आप …

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वैद प्रश्न, प्रतिवाद और प्रति-प्रतिवाद के लेखक हैं

आज अनूठे लेखक कृष्ण बलदेव वैद की जयंती है। जीवित होते तो 92 साल के होते। उनके लेखन पर एक सूक्ष्म अंतर्दृष्टि वाला लेख लिखा है आशुतोष भारद्वाज ने। उनका यह लेख ‘मधुमती’ पत्रिका के नए अंक में प्रकाशित उनके लेखक का विस्तारित रूप है। आशुतोष जाने माने पत्रकार-लेखक हैं …

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एक लडकी को उसके जूते की सही जोड़ी दो और वह आपको दुनिया जीत कर दिखा देगी: मर्लिन मुनरो

मर्लिन मुनरो 1950 के दशक की हॉलीवुड की सबसे चर्चित अदाकारा रही हैं. उनका जन्म 1 जून, 1926 को अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में हुआ. मर्लिन जब पैदा हुईं तो उनकी मां बहुत खराब मनोस्थिति से गुजर रही थी. पिता कौन था. पता नहीं था. जब वो छोटी थी तो …

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शादियों के दिन महामारियों में बीत गए

युवा लेखक रविंद्र आरोही ने महामारी के इस दौर में इस स्मृति कथा के बहाने हम तमाम लोगों की स्मृतियों को जगा दिया है। आप भी पढ़िए- ====================================== इन खाली और विपद के दिनों में उन भरे हुए दिनों की बहुत यादें हैं। शादियों के दिन महामारियों में बीत रहे …

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और उन्हीं गहराइयों में उतर गए कैफ़ी

—संगीता  ने यह संस्मरण कैफ़ी आज़मी के मई 2002 में निधन के बाद लिटरेट वर्ल्ड के लिए उन पर केंद्रित विशेष अंक के लिए लिखा था। आपके लिए प्रस्तुत है-  ======================================== 23 दिसंबर, 2000 का दिन। तक़रीबन बारह बज कर 10 मिनट के आस-पास का समय रहा होगा। 23, अशोक …

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कथाकार कमलेश्वर : दुष्यन्त कुमार की दृष्टि से

पहले लेखक एक दूसरे के ऊपर खुलकर लिखते थे फिर भी दोस्तियाँ क़ायम रहती थीं। प्रसिद्ध शायर दुष्यंत कुमार ने यह विश्लेषण अपने दोस्त और लेखक कमलेश्वर का किया था। कमलेश्वर की ‘समग्र कहानियाँ’ से ले रहा हूँ जो राजपाल एंड संज से प्रकाशित है- ================================ जिस दिन से कमलेश्वर …

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’90s किड’ की निगाह में बासु चटर्जी का सिनेमा

बासु चटर्जी की फ़िल्मों को आज का युवा वर्ग किस तरह देखता है। 90 के दशक में जन्मा, पला-बढ़ा वर्ग। इसकी एक झलक इस लेख में है। लिखा है दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाली भूमिका सोनी ने। मूलतः राजस्थान की रहने वाली भूमिका आजकल बैंगलोर में एक …

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बेवफ़ा नायिकाओं का वफ़ादार उपन्यासकार दत्त भारती

फ़िल्म ‘प्यासा’ एक ऐसे शायर की कहानी है जो अपनी पहचान बनाने की जद्दोजहद में है। असल में, इस बात को कम ही लोग जानते हैं कि यह फ़िल्म मूल रूप से उर्दू में लिखे गए एक उपन्यास ‘चोट’ पर बनी थी, जिसके लेखक थे दत्त भारती। हालाँकि इसका क्रेडिट …

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सजी थी बज़्म, मगर टूट गया साज़ का तार

पं जश करण गोस्वामी एक मूर्घन्य सितार वादक थे. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार एवं एम0 पी0 बिरला फाउंडेशन कला सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित पं गोस्वामी ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता श्री गोविन्द लाल गोस्वामी से ली. तत्पश्चात सितार वादन का गहन प्रशिक्षण आपने प्रसिद्ध सरोद  …

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इरफान अभी यात्रा के बीच थे

महान अभिनेता इरफ़ान के असमय निधन ने सबको उदास कर दिया है। यह श्रद्धांजलि लिखी है जाने माने युवा पत्रकार-लेखक अरविंद दास ने- मॉडरेटर =============== इरफान अभी यात्रा के बीच थे. उन्हें एक लंबी दूरी तय करनी थी. हिंदी सिनेमा को उनसे काफी उम्मीदें थी. हिंदी जगत की बोली-बानी, हाव-भाव, …

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