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इस साल की मेरी सबसे प्रिय कहानी ‘बारिश, धुआँ और दोस्त’

इस साल पढ़ी गई कहानियों में जिस कहानी का असर मेरे ऊपर सबसे गहरा रहा वह कहानी है प्रियदर्शन की बारिश धुआँ और दोस्त. यह कहानी किसी विराट का ताना-बाना नहीं बुनती बल्कि नई कहानी आन्दोलन की कहानियों की तरह अपने समकालीन जीवन के बहुत करीब है. संबंधों की एक …

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मंजरी श्रीवास्तव की प्रेम कविताएं

ms  प्रेम कविताएं लिखना सबके वश में नहीं होता है, लिखते हुए उच्छल भावुकता से खुद को बचा पाना बहुत मुश्किल होता है. मंजरी श्रीवास्तव की प्रेम कविताएं बहुत अलग हटकर हैं. उसकी ऐन्द्रिकता उसे विशिष्ट बनाती है और कहन में उसका निजपन है. आज मंजरी की कुछ प्रेम कविताएं- …

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कुछ कविताएं आजादी के नाम

आज स्वतंत्रता दिवस पर आजादी की कुछ कविताओं के साथ जानकी पुल की तरफ से सभी आजादी मुबारक. कवि हैं त्रिपुरारि कुमार शर्मा– मॉडरेटर========================= आज़ादी जुबां तुम काट लो या फिर लगा दो होंठ पर ताले मिरी आवाज़ पर कोई भी पहरा हो नहीं सकता मुझे तुम बंद कर दो …

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मेरी नई कहानी ‘यार को मैंने जाबजा देखा…’

आज अपनी ही नई कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ जो एक कथा श्रृंखला का हिस्सा है- प्रभात रंजन  ===============================================================   यार को मैंने जाबजा देखा प्रभात रंजनउसकी बायीं आँख के ठीक नीचे कटे का निशान था. बड़ा-सा. चेहरे में सबसे पहले वही दिखाई देता था. ‘तीन टाँके लगे थे’, उसने बताया था. देखने में दो …

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मलाला की कहानी से प्रेरणा मिलती है

मलाला युसुफजई की आत्मकथा ‘आई एम मलाला: द गर्ल हू स्टुड अप फॉर एजुकेशन एंड वाज शॉट बाय तालिबान’ पर यह टिप्पणी लेखिका सरिता शर्मा की है- मॉडरेटर  ==============================================    मलाला यूसुफजई 2014 में कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित की जाने …

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दलित विमर्श की सीमा या सवर्ण सोच की सीमा?

पिछले दिनों किन्हीं अमरनाथ ने जनसत्ता में दलित विमर्श की सीमा शीर्षक लेख लिखा था. युवा लेखक, अध्येता आकाश कुमार ने बहुत विद्वत्तापूर्ण और तार्किक ढंग से उनका जवाब लिखा है. दोनों लेख एक साथ पढ़ते हैं. पहले आकाश कुमार का और फिर अमरनाथ का- मॉडरेटर  =========================================================== अमरनाथ जी ने …

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अंजूरी भर जो फूल दिये तुमने बेहतर है डलिया भर फूलों से

अमितेश कुमार का एक सुन्दर लेख भोजपुरी कवि दिनेश भ्रमर पर. बहुत कुछ सोचने को विवश करने वाला- मॉडरेटर  =============== हिंदी साहित्य के हाशिये पर ऐसी बहुत सी प्रतिभायें रहती है जिसकी  हिंदी साहित्य की मुख्यधारा न तो कभी शिनाख्त करती है न करना चाहती है. इतिहास और आलोचना के …

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मेरी यात्राओं का यादगार हिमाचल

युवा लेखक-पत्रकार स्वतंत्र मिश्र हिमाचल यात्रा के संस्मरण लिख रहे हैं. उनकी रोमांचक यात्राओं की दूसरी क़िस्त आज प्रस्तुत है- मॉडरेटर  ========================= पाठक और पत्रकार मित्र के घर दो दिन मैंने तहलका से इस्तीफा दे दिया था और ‘शुक्रवार’ 1सितंबर 2012 से ज्वाइन करना था। तहलका छोड़ने और शुक्रवार ज्वाइन …

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सुधांशु फिरदौस की कविताएं

अभी परसों ही अखबार में पढ़ा कि युवा कविता के लिए दिया जाने वाला भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार इस बार किसी कवि को नहीं दिया जायेगा क्योंकि इस साल के निर्णायक अशोक वाजपेयी को इस योग्य कोई कवि नहीं लगा. मैं विनम्रता से कहना चाहता हूँ कि श्री वाजपेयी लगता है …

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क्या ओम थानवी को भुला दिया जाना चाहिए?

हमेशा की तरह आज भी सुबह उठकर सबसे पहले जनसत्ता अखबार खोला. ओम थानवी का नाम संपादक की जगह नहीं मिला. जबकि अखबार में कोई बदलाव नहीं दिखा लेकिन न जाने क्यों पढ़ते हुए एक सूनापन, खालीपन महसूस हुआ. होता है 16 साल से उनका नाम देख रहा था. इन …

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