युवा लेखक शहादत खान समाज पर गहरी नजर रखते हैं और उनकी कई कहानियों में आपको कुछ नया जानने को मिलता है, इस अहसास के साथ कि हम अपने समाज के बारे में कितना कम जानते हैं- मॉडरेटर ================ हाउस टैक्स की रसीद “ये समाजवादी शहरी वृद्धावस्था पेंशन योजना …
Read More »कृष्ण बलदेव वैद की कहानी ‘कलिंगसेना और सोमप्रभा की विचित्र मित्रता’
कृष्ण बलदेव वैद की कहानियों का एक अनोखा संकलन है ‘बदचलन बीवियों का द्वीप’, इसमें उन्होंने कथासरित्सागर की कुछ कहानियों का आधुनिक संदर्भों में पुनर्लेखन किया है। उसी संकलन से एक कहानी उनको श्रद्धांजलिस्वरूप- मॉडरेटर ================================== कलिंगसेना और सोमप्रभा की विचित्र मित्रता तक्षशिला के राजा कलिंगदत्त की कमल सरीखी कोमल …
Read More »योगिता यादव की कहानी “स्मृति की अधूरी ‘रेखा’”
आज योगिता यादव की कहानी। समकालीन कथाकारों में सुपरिचित नाम योगिता यादव का नया कथा संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ से आया है ‘ग़लत पते की चिट्ठियाँ’। उसी संग्रह से यह कहानी- मॉडरेटर ======== स्मृति की अधूरी ‘रेखा’ क्लास में बाकी सभी बच्चे शर्मा, वर्मा, मल्होत्रा, उत्पल, मुखर्जी, महामना वगैरह थे, लेकिन …
Read More »कमला दत्त की कहानी ‘बँटवारा’
कमला दत्त ने 1970-80 के दशक में कहानियाँ लिखीं, जो धर्मयुग, सारिका, कहानी, हंस जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। बाद में अमेरिका में चिकित्सा विज्ञान पढ़ाने लगी। लम्बे समय तक नहीं लिखा। अब फिर से उन्होंने हिंदी में लिखना आरम्भ किया है। यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर ================= उस …
Read More »मृदुला शुक्ल की कहानी ‘प्रेमी के साथ फरार हुई औरत…’
मृदुला शुक्ल की यह कहानी आजकल जिस तरह स्त्री विरोधी शीर्षकों के साथ समाचार प्रकाशित होते हैं उसको लेकर है। लेखिका ने बड़ी बारीकी से इस संवेदनशील विषय को उठाया है- मॉडरेटर =============== प्रेमी के साथ फरार हुई औरत… उस रोज भी एक औरत दो छोटे बच्चों और छोटा देवर …
Read More »अनघ शर्मा की कहानी सुनिए द्वारिकाधीश! ये शोक है…’
हिंदी के युवा कथाकारों में अनघ शर्मा का अपना मुहावरा है, अपना कथालोक है, जिसके रेशों को वे बहुत बारीकी से बुनते हैं। अपनी कहानियों में जितने प्रयोग वे करते हैं उतने शायद ही कोई और करता हो। यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर =================== सुनिए द्वारिकाधीश! ये शोक है… …
Read More »ईशान त्रिवेदी की कहानी ‘कंदील’
ईशान त्रिवेदी फ़िल्मी जगत के जाने माने नाम हैं। उनका पहला उपन्यास ‘पीपलटोले के लौंडे’ राजकमल प्रकाशन समूह से आया है। उनकी क़िस्सागोई और कथाभूमि दोनों प्रभावित करते हैं। जैसे कि इस कहानी में- मॉडरेटर =============== कंदील मेरी दादी की सबसे अच्छी दोस्त टुइंयाँ दादी विधवा और बहुत गरीब थीं। …
Read More »सुलोचना की कहानी ‘पुरुषोत्तम’
इस मेले में युवा लेखिका-कवयित्री-अनुवादिका सुलोचना का कहानी संग्रह नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित हुआ है-अंधेरे में जगमग। उसी संग्रह से एक कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ================================================= पुरुषोत्तम ——– दशरथ चौधरी की तीन संतानों में सबसे बड़ा था पुरुषोत्तम | दशरथ चौधरी जब खाड़ी देश से खूब सारा धन कमाकर लौटे, …
Read More »त्रिपुरारि की कहानी ‘परिंदे को घर ले चलते हैं!’
युवा लेखक त्रिपुरारि का पहला कहानी संग्रह आने वाला है ‘नॉर्थ कैम्पस’। दिल्ली विश्वविद्यालय का नॉर्थ कैम्पस मेरे जैसे हज़ारों लोगों के नोसटेलजिया में हैं। एक पढ़कर देखते हैं कि कैसा जादू जगाया है इस लेखक ने- ================ उसे अब तक इस ख़याल ने नहीं छुआ था कि उदास लम्हों …
Read More »राकेश तिवारी की कहानी ‘मंगत की खोपड़ी में स्वप्न का विकास’
वरिष्ठ कथाकार राकेश तिवारी को इस साल इसी कहानी के लिए रमाकान्त स्मृति पुरस्कार दिया गया। साल भर में प्रकाशित कहानियों में किसी एक कहानी के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। जिन्होंने न पढ़ी हो वे पुरस्कृत कहानी पढ़ सकते हैं- मॉडरेटर =========================== कोई पाँच साल पहले की बात …
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