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Prabhat Ranjan

साहित्य को श्रद्धा नहीं उसमें निहित सामाजिक प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण बनाती है

दिनेश्वर प्रसाद का निधन हो गया. वे हिंदी के एक प्राध्यापक थे, लेकिन मठाधीश नहीं. साहित्यसेवी थे. रांची में रहते थे. बरसों से फादर कामिल बुल्के के कोश को अपडेट करते रहते थे. उनको याद करते हुए विनीत कुमार ने बहुत आत्मीय ढंग से लिखा है- जानकी पुल.—————————————————- पटना से …

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मैं अज्ञेय जी से अभिभूत नहीं हूं

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘अपने-अपने अज्ञेय’ में १०० लेखकों के अज्ञेय से जुड़े संस्मरण हैं, जो अज्ञेय के व्यक्तित्व, उनके जीवन, उनके सरोकारों को समझने में मदद करते हैं. पुस्तक में अज्ञेय को लेकर आलोचनापरक लेख भी पर्याप्त हैं. दो खण्डों में प्रकाशित इस पुस्तक की बहुत …

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प्रसिद्ध लेखक शिवमूर्ति को ‘लमही सम्मान’

हमारी भाषा के महत्वपूर्ण लेखक शिवमूर्ति को वर्ष 2011 का ‘लमही सम्मान’ दिए जाने की घोषणा हुई है. शिवमूर्ति की कहानियों, उनके उपन्यासों में वह ग्रामीण जीवन धड़कता दिखाई देता है जिसे पिछले बरसों में हिंदी समाज ने भुला दिया है. रेणु की परंपरा के वे सबसे बड़े समकालीन लेखक …

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अन्य पुरुष ! तुम्हारा स्वागत है मेरी कविता में

आज मोनिका कुमार की कविताएँ. मूलतः पंजाबी भाषी मोनिका की कविताओं में निराशा का वह भाव नहीं है जो एक तरह से हिंदी कविता का मूल स्वर बन चुका है. वह जिज्ञासा की कवयित्री हैं. कविता को उत्तर-आधुनिक विद्वानों ने अगर चिंतन की एक शैली कहा है तो दूसरी तरफ …

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अनैतिक तो जीवन में कुछ नहीं होता

हिंदी कहानी में प्रियंवद का अपना मकाम है. जादू-जगाती भाषा, अनदेखे-अनजाने परिवेश-पात्र प्रियंवद की कहानियों में ऐसे आते हैं कि पाठक दांतों तले ऊँगली दबाते रह जाते हैं. न उनके लेखन में कोई झोल है न जीवन में. इस बातचीत से तो ऐसा ही लगता है. उनसे यह बातचीत प्रेम …

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‘न्यू थियेटर्स’ की कहानी ‘फ़ीनिक्स पक्षी’ से मेल खाती है

कल कुंदनलाल सहगल की पुण्यतिथि थी. इस मौके पर उनको एक नई पहचान देने वाले न्यू थियेटर्स पर एक दिलचस्प लेख लिखा है दिलनवाज़ ने- जानकी पुल. ————————————————— बिरेन्द्र नाथ  सरकार द्वारा स्थापित ‘ न्यु थियेटर्स’  की  कहानी ग्रीक अख्यानो के ‘फ़ीनिक्स पक्षी’ से मेल खाती है| फ़ीनिक्स के बारे …

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‘जानकी पुल’ एक कहानी है

अपने-पराये सब पूछते हैं कि ब्लॉग का नाम जानकी पुल क्यों? इस नामकरण के पीछे मेरी अपनी यही कहानी है. कहानी में पुल नहीं बन पाया, इसलिए यहां आभासी दुनिया में पुल बनाने की कोशिश है यह- प्रभात रंजन. —————————–       ऐसा लगा जैसे कोई भूली कहानी याद आ गई …

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कौमें नाश्ते की मे़ज पर नहीं पैदा हुआ करतीं

प्रसिद्ध पत्रकार, इतिहासकार एम. जे. अकबर ने अंग्रेजी में एक पुस्तक लिखी थी- Tinderbox. उसका हिंदी अनुवाद हार्पर कॉलिंस से आया है ‘चिंगारी’ नाम से. पाकिस्तान के सन्दर्भ में लिखी गई यह पुस्तक एक तरह से भारतीय उप-महाद्वीप में इस्लामिक राजनीति का इतिहास है. बेहद रोचक अंदाज में, गहरी सूझबूझ …

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अज्ञेय और शीत युद्ध

अज्ञेय जन्मशती पर देश भर में अज्ञेय को आदर से याद किया गया. अज्ञेय के विरुद्ध लम्बी जंग छेड़ने वाले साम्यवादी आलोचक भी अज्ञेय की महानता के गुण गाते देखे गए. मूर्धन्य आलोचक  नामवर सिंह ने नेशनल बुक ट्रस्ट के जरिये अज्ञेय की प्रमुख कविताओं का चयन प्रस्तुत किया और …

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थी. हूं..रहूंगी

वर्तिका नंदा का नाम किसी परिचय की आवश्यकता नहीं रखता. पत्रकार के रूप में उनका नाम जाना-पहचाना है. लेकिन एक संवेदनशील कवयित्री के रूप में उनको लोग कम जानते हैं. अभी हाल में ही महिला अपराध पर केंद्रित उनकी कविताओं का संकलन आया ‘थी. हूं..रहूंगी…’. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस …

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