आज ग़ालिब को याद करने का दिन है। युवा शोधार्थी अनु रंजनी अपने विद्यार्थी दिनों से जोड़कर ग़ालिब को याद किया है। आप भी पढ़ सकते हैं- ============================== ‘ग़ालिब आप को क्यों पसंद हैं?’ यह सवाल जब बीए में पूछा गया था तब दिमाग़ नंबर ज़्यादा कैसे आएगा इस …
Read More »छोटे-छोटे प्रसंगों की बड़ी कविताएँ
देवेश पथ सारिया को उनके कविता संग्रह ‘नूह की नाव’ के लिए युवा कविता का प्रतिष्ठित भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार दिया गया है। आइये इस कविता संग्रह की समीक्षा पढ़ते हैं। लिखी है महेश कुमार ने जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्र हैं- ================ देवेश पथ सारिया हिंदी के युवा …
Read More »संजीव के उपन्यास ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’ पर यतीश कुमार की काव्यात्मक टिप्पणी
यतीश कुमार ने काव्यात्मक समीक्षा की अपनी विशिष्ट शैली विकसित की। उसी शैली में उन्होंने संजीव के उपन्यास ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’ पर यह ख़ास टिप्पणी लिखी है। आप भी पढ़िए- ==================== 1. संवलाया-सा समय खिलती हुई शाम अन्हरिया में फुदकता मन सपनों को छूने के न जाने कितने …
Read More »स्त्री-पुरुष के अन्तःमन की पड़ताल : स्त्री मेरे भीतर
पवन करण के कविता संग्रह ‘स्त्री मेरे भीतर’ पर यह सुविचारित टिप्पणी लिखी है युवा लेखिका अनु रंजनी ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================= जब हम स्त्री-गुण या पौरुष-गुण की बात करते हैं तो हम कहीं न कहीं समाज द्वारा निर्मित मापदंडों को ही सच मान रहे होते …
Read More »मानसिक स्वास्थ्य और आधुनिक जीवन
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। अच्छी बात यह है कि किशोरों में भी इस बात की समझ बढ़ रही है। यह लेख लिखा है नानकमत्ता पब्लिक स्कूल उत्तराखण्ड की विद्यार्थी साक्षी भंडारी ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ============================ हमारी तेज़-तर्रार, उच्च तनाव वाली दुनिया में, मानसिक …
Read More »राजकुमारी की कहानी ‘सरनेम’
आज पढ़िए युवा लेखिका राजकुमारी की कहानी कहानी ‘सरनेम’। राजकुमारी दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में पढ़ाती हैं। उनका एक उपन्यास भी प्रकाशित हो चुका है। आप यह कहानी पढ़िए- ======================== कमरे में सामने की दीवार पर एक बड़े फ़्रेम में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर टंगी थी, जिसमें एक औरत फूल …
Read More »पूर्वांशी की आठ कविताएँ
आज पढ़िए पूर्वांशी की कुछ कविताएँ। पूर्वांशी दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में प्रथम वर्ष की विद्यार्थी हैं और देखिए कितनी अच्छी कविताएँ लिखती हैं। इससे पहले इनकी कविताएँ ‘सदानीरा’ पर प्रकाशित भी हो चुकी हैं- ======================== 1 घर इसे भरना था जब तो क्यों ख़ाली पड़ गया है …
Read More »भालचन्द्र नेमाड़े के उपन्यास ‘झूल’ का एक अंश
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी लेखक भालचन्द्र नेमाड़े के चांगदेव चतुष्ट्य (बिढार, हूल, जरीला, झूल) में से एक उपन्यास ‘झूल’ का एक अंश पढ़िए। उपन्यास राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- =================== पुराणिक कॉलेज का सबसे बड़ा संकट यानी माठूराम-मुरलीमोहन-ठोसर द्वारा ली जानेवाली स्टाफ़ मीटिंगें अब नियमित शुरू हो गई थीं। …
Read More »शहर में इक शोर है और कोई सदा नहीं
आज महान शायर जौन एलिया की जयंती है। इस मौक़े पर पढ़िए यह पेशकश, प्रस्तुति है शायर सुहैब अहमद फ़ारूक़ी की- ============================ कोई नहीं यहाँ ख़मोश, कोई पुकारता नहीं शह्र में इक शोर है और कोई सदा नहीं नाम ही नाम चार सू, इक हुजूम रूबरू कोई तो हो …
Read More »सेतु प्रकाशन वार्षिकोत्सव: एक वार्षिकोत्सव
दिनांक 6 दिसंबर को सेतु प्रकाशन के वार्षिकोत्सव का आयोजन हुआ। प्रस्तुत है उसकी एक रपट ———————————————– 6 दिसम्बर, 2023 को नयी दिल्ली के मण्डी हाउस स्थित ‘त्रिवेणी कला संगम सभागार’ में, कथाकार राजू शर्मा के नये उपन्यास ‘मतिभ्रम’ का लोकार्पण हुआ। अवसर था सेतु प्रकाशन के वार्षिकोत्सव का। ज्ञात …
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