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रपट

स्वायत्त सांस्कृतिक संस्थाओं के दिन अब लदने वाले हैं

पता नहीं इसके ऊपर कितने लोगों का ध्यान गया. कुछ दिन पहले एक खबर इंडियन एक्सप्रेस में आई थी कि संस्कृति मंत्रालय ने अपने अधीन आने वाली 30 से अधिक संस्थाओं को दी जाने वाली राशि में भारी कटौती करने का फैसला किया है. साहित्य अकादेमी ने इस संबध में …

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जमशेदपुर में छः साल से चल रहा ‘सृजन संवाद’

यह रपट जमशेदपुर में चलाने वाली साहित्यिक गोष्ठी की है. साहित्य-सत्ता के केंद्र से दूर की गोष्ठियां अधिक रचनात्मक होती हैं. रपट पढ़िए. अंदाजा हो जायेगा- मॉडरेटर ======================== छ: वर्षों से निरंतर चल रही सीताराम डेरा की हमारी गोष्ठी का नामकरण हुआ। डॉ आशुतोष झा के सौजन्य से अब से …

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हिन्दुस्तान-पाकिस्तान का चेनाब कनेक्शन

आजकल सेल्फ पब्लिशिंग भी अच्छा विकल्प बनता जा रहा है. बाकिर शमीम का यह उपन्यास दिलचस्प लग रहा है. लेखक ने स्वयं प्रकाशित किया है- मॉडरेटर ========= बाकिर शमीम की पुस्तक ‘द चेनाब कनेक्शन’ भारतीय उपमहाद्वीप में मजबूत हो चुकी नफरत की उभरती छाया में, भारतीय लड़के और पाकिस्तानी लड़की …

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जगरनॉट बुक्स ने लांच किया स्मार्टफोन के लिए हिंदी किताबों का ऐप

दुनिया जिनकी मुट्ठी में होती है किताबें उनकी जेब में होंगी- किताबों के नए ऐप के बारे में यही कहा जा सकता है. प्रिंट में साल भर के अन्दर ही अपनी किताबों से एक अलग पहचान बना चुके प्रकाशन जगरनॉट बुक्स का हिंदी ऐप आ गया है. इसका बहुत दिनों से …

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सवाल सीता की मुक्ति का नहीं सीता से मुक्ति का है?

23 अप्रैल को दिल्ली के मुक्तांगन में ‘एक थी सीता’ विषय पर बहुत अच्छी चर्चा हुई. उसकी एक ईमानदार रपट लिखी है जेएनयू में कोरियन विभाग की शोध छात्रा रोहिणी कुमारी ने- मॉडरेटर ==================================== मुक्ताँगन : नाम में ही अपनापन है और जो लोग इसका आयोजन करते हैं वे इस …

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दीक्षांत के साथ जीवन की शिक्षा का आरम्भ होता है!

दीक्षांत समारोह आम तौर पर विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा के समापन के पश्चात आयोजित किया जाता है. आम तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय सहित तमाम विश्वविद्यालयों के डिग्री कॉलेजों में दीक्षांत समारोह के आयोजन की प्रथा व्यापक नहीं रही है. जबकि ग्रेजुएट होने वाले विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन …

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मन्नू भंडारी का रचना पाठ सुनने का एक दुर्लभ मौका मत चूकिए

‘मुक्तांगन’ का यह तीसरा आयोजन है. दिल्ली के केन्द्रों में आयोजित होने वाले एक से आयोजनों की ऊब को दूर करने के उद्देश्य से बिजवासन के उषा फार्म्स में शुरू किया गया यह आयोजन अपनी स्थायी जगह बनाता जा रहा है. हर महीने इसका इन्तजार रहता है… कि इस बार …

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आज से शुरू हो रहा है भारतीय कविता का अनूठा आयोजन ‘वाक्’

आज से दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में भारतीय कविता की द्विवार्षिकी (बिनाले) ‘वाक्’ की शुरुआत हो रही है. रज़ा फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अपने ढंग का पहला ही आयोजन है. सिर्फ कविताक-पाठ, कविता चर्चा के आयोजन इससे पहले नहीं हुए हैं. तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन …

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किशोरी जी तो चली गई अब ढूँढते रहिए सुर!

कल किशोरी अमोनकर के निधन के बाद हमने बहुत कुछ पढ़ा. बहुत कुछ जाना. एक लेख यह भी पढ़ लीजिये. नॉर्वे प्रवासी डॉ. प्रवीण कुमार झा ने लिखा है. वे शास्त्रीय संगीत के गहरे ज्ञाता हैं और और मेरे जैसे शास्त्रीय ज्ञान से हीन लोगों को उनकी भाषा में समझाना-सिखाना …

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बिहार में राहत वितरण की तर्ज पर पुरस्कार वितरण

बिहार सरकार द्वारा जब भी साहित्यिक आयोजन होते हैं, पुरस्कार-सम्मान दिए जाते हैं तो उनको बदइन्तजामी, गुटबाजी, बंदरबांट के लिए ही याद किया जाता है. इस बार भी बिहार सरकार द्वारा 30-31 मार्च को बिहार सरकार द्वारा राजभाषा हिंदी साहित्य समागम का आयोजन किया गया. जो अन्य कारणों से अधिक …

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