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लेख

प्रेमचंद को नहीं चेखव को पढ़कर कथाकार बना

स्वयंप्रकाश के बारे में कुछ लिखने की जरुरत नहीं उनकी कहानियां खुद उस माहिर लेखक का बयान हैं. अभी हाल में ही राजपाल एंड संस प्रकाशन से ‘मेरी प्रिय कहानियां’ सीरिज में उनकी किताब आई है. उसकी भूमिका में उन्होंने अपनी रचना-प्रक्रिया, अपनी रचनाओं, पसंदों-नापसंदों को लेकर खुल कर बात …

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गुलज़ार ने परंपरा और प्रयोग के मेल से एक नई परंपरा विकसित की

गुलज़ार साहब पर युवा लेखक प्रचंड प्रवीर का लिखा यह लेख बहुत पुराना है लेकिन गुलज़ार साहब के जादू की तरह ही इस लेख में कुछ बातें ऐसी हैं जो कभी पुरानी नहीं पड़ेंगी- ============================================   सभी सभ्यताओं में पूजन की दो तरह की परिपाटी होती है। पहली – अपने …

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आइंस्टीन का पत्र राष्ट्रपति रूज़वेल्ट के नाम

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान आइंस्टीन द्वारा रूज़वेल्ट को लिखे गए इस पत्र को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बाद में अपने इस पत्र को आइंस्टीन ने अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती माना था। इस महत्वपूर्ण पत्र का अनुवाद हमारे लिए किया है युवा वैज्ञानिक मेहेरवान ने- जानकी पुल।  =============================================================== …

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प्रेमचंद और उनकी लिखी फ़िल्म ‘मजदूर’

आज महान लेखक प्रेमचंद की जयंती है. इस अवसर उनकी लिखी फिल्म ‘मजदूर’ के बारे में दिलनवाज का यह दिलचस्प लेख- जानकी पुल. ===================     कम ही लोग जानते हैं कि फिल्मों में किस्मत आजमाने प्रेमचंद कभी बंबई आए थे। बंबई पहुंचकर,जो कहानी उन्होने सबसे पहले लिखी वह ‘मजदूर’ थी। …

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सुकमा के जंगल में काली धातु चमकती है

प्रसिद्ध पत्रकार आशुतोष भारद्वाज ने 2012 में छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाकों में रहते हुए वहां के अनुभवों को डायरी के रूप में लिखा था. सुकमा की नृशंस हत्याओं के बाद उनकी डायरी के इस अंश की याद आई जो नक्सली माने जाने वाले इलाकों की जटिलताओं को लेकर हैं. हालात …

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तुझसे मैं मिलता रहूँगा ख़्वाब में

कल हरदिल अज़ीज़ शायर शहरयार का इंतकाल हो गया. उनकी स्मृति को प्रणाम. प्रस्तुत है उनसे बातचीत पर आधारित यह लेख, जो अभी तक अप्रकाशित था. त्रिपुरारि की यह बातचीत शहरयार के अंदाज़, उनकी शायरी के कुछ अनजान पहलुओं से हमें रूबरू करवाती है – मॉडरेटर ======================================================   वो सुबह बहुत हसीन …

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आधुनिक कहानी के पिता थे मोपासां

आज आधुनिक कहानी के पिता माने जाने वाले लेखक मोपासां की पुण्यतिथि है. कहते हैं मोपासां ने कहानियों में जीवन की धडकन भरी, उसे मानव-स्वाभाव के करीब लेकर आये. संगीतविद, कवयित्री वंदना शुक्ल ने इस अवसर उन्नीसवीं शताब्दी के उस महान लेखक को इस लेख में याद किया है. आपके लिए …

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‘रेणु’ हिन्दी साहित्य के संंत लेखक थे – निर्मल वर्मा

इस बात में कोई दो राय नहीं कि फणीश्वरनाथ रेणु हिंदी साहित्य के संत लेखक थे। लेकिन जब यही बात निर्मल वर्मा जैसे लेखक की क़लम कहती है तो बात में वजन आ जाता है। निर्मल वर्मा लिखते हैं– “रेणु जी पहले कथाकार थे जिन्होंने भारतीय उपन्यास की जातीय सम्भावनाओं …

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नफरत करनेवालों के सीने में प्यार भरनेवाले इन्दीवर

‘मल्हार’ फिल्म के गीत ‘बड़े अरमान से रखा है बलम तेरी कसम/ प्यार की दुनिया में ये पहला कदम’ से श्याम बाबू ‘आज़ाद’ इन्दीवर के नाम से मशहूर हो गए. आज उनकी पुण्यतिथि है. उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं और गीतों को लेकर महेंद्र भीष्म का यह लेख रचनाकार …

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