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कविताएं

मंगलेश डबराल का जन्मदिन मंगलेश डबराल की कविताएँ

आज सुबह से याद था कि आज मेरे प्रिय कवियों में एक मंगलेश डबराल का जन्मदिन है लेकिन उनकी कविताओं के माध्यम से उनको याद करने का मौका अब मिला. यही सच है कि जो लोग हमारे काम के नहीं होते उनको हम देर से याद करते हैं. फिर भी …

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माँ गूलर का दूध है, माँ निमिया की डार

कल वरिष्ठ लेखक दिविक रमेश जी ने ध्यान दिलाया कि कोलकाता से  बींजराज रांका के संपादन में 2017 में​ प्रकाशित भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों की मां पर केन्द्रित ग्रंथ “मां मेरी मां” एक भव्य, जरूरी और महत्त्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशित हुई है। इसमें मां को लेखों, कहानियों और …

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सुश्री श्री(पूनम अरोड़ा) की कुछ नई कविताएँ

हाल के दिनों में जिस कवयित्री की कविताएँ पढ़कर यह आश्वस्ति मिलती है कि हिंदी में मेटाफिजिकल कविताएँ लिखना अभी भी संभव है वह श्री श्री(पूनम अरोड़ा) हैं. बेतरतीब वर्णनों वाली कविताओं की अंधाधुंध बारिश के बीच उनकी कविताएँ सुकून देती हैं. हालाँकि यह मेरा अपना मत है. इस रविवार …

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मंटो की कहानी ‘हतक’ और कुमार पाशी की नज़्म ‘सौगंधी’

मंटो की एक कहानी है ‘हतक’. सौगंधी नामक वेश्या के ऊपर लिखी यह कहानी मंटो की अनेक कहनियों की तरह ही दिल को चीर देने वाली है. दिल्ली के मरहूम शायर कुमार पाशी की एक नज़्म है ‘सौगंधी’, यह नज़्म ‘हतक’ कहानी की उसी नायिका के ऊपर है. आज के …

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वीरू सोनकर की नई पुरानी कविताएँ

कानपुर के कवि वीरू सोनकर की कविताओं में एक अजीब सी तुर्शी है. एक तरह का बांकपन. अच्छी लगती हैं. इस महीने 14 तारीख रविवार को ‘मुक्तांगन’ में जिन कवियों का कविता पाठ है उनमें वीरू सोनकर भी एक कवि हैं. आइये उनकी कुछ कविताएँ पढ़ते हैं- मॉडरेटर ====================== १- …

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अनुशक्ति सिंह की (अ)कविताएँ

रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हम हज़ारों तरह की परिस्थितियों से गुज़रते हैं। लेकिन एक वक़्त आता है, जब यह ‘गुज़रना’ हमारा अनुभव बन जाता है। उन अनुभवों को लिखना उतना ही मुश्किल है, जितना एक रूह को पैकर देना। अनुशक्ति की कविताएँ ज़िंदगी के नए ‘डायमेंशन’ की तरफ़ इशारा करती …

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अरुण चन्द्र रॉय की कुछ कविताएँ

आज अरुण चन्द्र रॉय की कविताएँ. अरुण चन्द्र रॉय अनुवादक हैं, प्रकाशक हैं लेकिन मूलतः कवि हृदय हैं. अपने समकाल पर कविताओं के माध्यम से मारक टिप्पणियां करते रहते हैं. ‘खिड़की पर समय’ नाम से इनका एक कविता संग्रह प्रकाशित हो चुका. कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं- मॉडरेटर ======================================== हिंदुस्तान की …

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वक़्त तय करेगा कि बसने से पहले और कितनी बार उजड़ना है उसे

आज पहली बार स्मिता सिन्हा की कविताएँ जानकी पुल पर. स्मिता जी की कविताएँ पत्र पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपती रहती हैं. उनकी कविताओं में पर्सनल टच है जो पढ़ते हुए अपने निजी जैसा लगने लगता है. आज उनकी कविताएँ- मॉडरेटर ========== वक़्त तय करेगा कि बसने से पहले …

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गौरव अदीब की नज़्में

आज पढ़िए गौरव अदीब की नज़्में – मॉडरेटर ======================================================= 1.  सुनो अमृता, हो सकता है कल बहुत सारे सवालों को टाल जाऊं मैं   दरअसल सवाल बेचैन कर देते हैं मुझे क्योंकि मैं सवालों से ही तो घिरा रहता हूँ हर वक़्त   क्या कुछ सवालों को सवाल नही रहने …

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गाँव-घर के कवि मिथिलेश कुमार राय की कविताएँ

मिथिलेश कुमार राय की कविताएँ पढता हूँ तो गाँव-घर याद आ जाता है. कुछ आप भी पढ़िए- मॉडरेटर =============================================  सूखना खेतों में हरे धान की बालियाँ सूख रही हैं बिछी दूब पर जूट सूख रहे हैं गड्ढे में जमा सावन का पानी सूख रहा है धूप में चलते-चलते चेहरे सूख …

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